Diwali 2018: इस साल दिवाली 7 नवंबर, 2018 को है. दमा (Adthma), सीओपीडी (COPD) या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीड़ित मरीजों (Asthma patients) की समस्या इन दिनों बढ़ जाती है.
प्रतीकात्मक फोटो.
खास बातें
- एक साल तक मेहनत करके सफल हुए वैज्ञानिक
- अन्य पटाखों की तुलना में 30 फीसदी तक कम प्रदूषण होगा
- कीमत प्रचलित पटाखों के मुकाबले 15 से 30 प्रतिशत कम होगी
Diwali 2018: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court on Crackers) ने अपने हाल के फैसले में पटाखों का प्रयोग करने की इजाजत दिवाली (Crackers on Diwali) की रात आठ से 10 बजे के बीच दे दी. इस दौरान दिल्ली व दूसरे महानगरों में प्रदूषण का स्तर निश्चित ही बढ़ा रहेगा. दिवाली की धूम-धड़ाम के बीच स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से अपने को किस तरह से बचें व पटाखों से किस तरह बुजुर्ग व बीमार लोग अपनी स्वास्थ्य की देखभाल करें. इस साल दिवाली 7 नवंबर, 2018 को है. दिवाली को दीपावली (Deepawali) भी कहा जाता है. इससे यह तो साफ होता है कि दिवाली रोशनी और दीपों का त्योहार (festival of lights) है. दिवाली में पटाखों (Crackers) की धूम नहीं हो तो कुछ कमी सी लगती है, लेकिन अगर पटाखे हमारे स्वास्थ्य को नुकसान व पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं, तो हमें इनके इस्तेमाल के बारे में सही से सोचने की जरूरत है.
Diwali 2018: दीपावली तिथि, लक्ष्मी पूजन मुहूर्त, पूजन विधि, लक्ष्मी आरती और स्पेशल फूड
Dhanteras 2018: कब है धनतेरस, पूजा विधि, मुहूर्त, जानें धनतेरस पर क्यों खरीदते हैं सोना
1. दमा के मरीज या आम व्यक्तियों पर पटाखों के धुएं का असर कैसे होता है?
रोशनी का त्योहार दिवाली (festival of lights) अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है, लेकिन दमा (Adthma), सीओपीडी (COPD) या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीड़ित मरीजों (Asthma patients) की समस्या इन दिनों बढ़ जाती है. पटाखों में मौजूद छोटे कण सेहत पर बुरा असर डालते हैं, जिसका असर फेफड़ों पर पड़ता है. इस तरह से पटाखों के धुंए से फेफड़ों में सूजन आ सकती है, जिससे फेफड़े अपना काम ठीक से नहीं कर पाते और हालात यहां तक भी पहुंच सकते हैं कि ऑर्गेन फेलियर और मौत तक हो सकती है. ऐसे में धुएं से बचने की कोशिश करें. पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा या दमा का अटैक आ सकता है. हानिकारक विषाक्त कणों के फेफड़ों में पहुंचने से ऐसा हो सकता है, जिससे व्यक्ति को जान का खतरा भी हो सकता है. ऐसे में जिन लोगों को सांस की समस्याएं हों, उन्हें अपने आप को प्रदूषित हवा से बचा कर रखना चाहिए.
क्या है हार्ट फेलियर, इसके लक्षण, बचाव और इलाज?
Read- खुलासा! 50 फीसदी असमय मौतों के पीछे होती है यह वजह और किसी को पता भी नहीं चलता...
2. कितने खतरनाक हो सकते हैं पटाखे - Harmful Effects of Crackers & Fireworks in Hindi
पटाखे को रंग-बिरंगा बनाने के लिए इनमें रेडियोएक्टिव और जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल किया जात है. ये पदार्थ जहां एक ओर हवा को प्रदूषित करते हैं, वहीं दूसरी ओर इनसे कैंसर की आशंका भी रहती है. धुएं से दिवाली के दौरान हवा में पीएम बढ़ जाता है. जब लोग इन प्रदूषकों के संपर्क में आते हैं तो उन्हें आंख, नाक और गले की समस्याएं हो सकती हैं. पटाखों का धुआं, सर्दी जुकाम और एलर्जी का काररण बन सकता है और इस कारण छाती व गले में कन्जेशन भी हो सकता है.
Menopause के बाद बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा, करें ये व्यायाम...
Diabetes: कैसे करें ब्लड शुगर लेवल को नेचुरली कंट्रोल, डायबिटीज में फायदेमंद हैं ये 3 ड्राई फ्रूट
3. पटाखों के जलने से किस तरह की गैसें पैदा होती हैं?
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि दिवाली के दौरान पटाखों के कारण हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है. धूल के कणों पर कॉपर, जिंक, सोडियम, लैड, मैग्निशियम, कैडमियम, सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जमा हो जाते हैं. इन गैसों के हानिकारक प्रभाव होते हैं. इसमें कॉपर से सांस की समस्याएं, कैडमियम-खून की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम करता है, जिससे व्यक्ति एनिमिया का शिकार हो सकता है. जिंक की वजह से उल्टी व बुखार व लेड से तंत्रिका प्रणाली को नुकसान पहुंचता है. मैग्निशियम व सोडियम भी सेहत के लिए हानिकारक है.
- Carrots for Diabetes: गाजर करेगी डायबिटीज को दूर, कंट्रोल होगा ब्लड शुगर
- Home Remedies: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, कैसे बचाएं खुद को, पढ़ें नुस्खे
- Grow Your Height Naturally: हाइट बढ़ाने के 5 घरेलू नुस्खे, जो बढ़ाएं लंबाई
- अश्वगंधा के 5 जबरदस्त फायदे, लेकिन ध्यान रहे देती नुकसान भी..
4. दिवाली के दौरान पटाखों व प्रदूषण को लेकर बीमार व्यक्तियों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
दिवाली के दौरान बरतें क्या सावधानी - Care During Diwali In Hindi: छोटे बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को अपने आप को बचा कर रखना चाहिए. दिल के मरीजों को भी पटाखों से बचकर रहना चाहिए. इनके फेफड़ें बहुत नाजुक होते हैं. कई बार बुजुर्ग और बीमार व्यक्ति पटाखों के शोर के कारण दिल के दौरे का शिकार हो जाते हैं. कुछ लोग तो शॉक लगने के कारण मर भी सकते हैं. छोटे बच्चे, मासूम जानवर और पक्षी भी पटाखों की तेज आवाज से डर जाते हैं. पटाखे बीमार लोगों, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए खतरनाक हैं.
5. इनसे ध्वनि प्रदूषण होता है, इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए? - (Noise pollution firecrackers)
पटाखे आवाज और धुआं भी पैदा करते हैं और शोर का मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. शोर या आवाज हवा से फैलती है. इसे डेसिबल में नापा जाता है. 100 डेसिबल से ज्यादा आवाज का बुरा असर हमारी सुनने की क्षमता पर पड़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शहरों के लिए 45 डेसिबल की आवाज अनुकूल है. लेकिन भारत के बड़े शहरों में शोर का स्तर 90 डेसिबल से भी अधिक है. मनुष्य के लिए उचित स्तर 85 डेसिबल तक ही माना गया है. अनचाही आवाज मनुष्य पर मनोवैज्ञानिक असर पैदा करती है. शोर तनाव, अवसाद, उच्च रक्तपचाप, सुनने में परेशानी, टिन्नीटस, नींद में परेशानी आदि का कारण बन सकता है.
6. पटाखों के शोर का होता है कैसा प्रभाव ? - Health Effects of Air Pollution in Delhi
तनाव और उच्च रक्तचाप सेहत के लिए घातक है, वहीं टिन्नीटस के कारण व्यक्ति की याददाश्त जा सकती है, वह अवसाद/ डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. ज्यादा शोर दिल की सेहत के लिए अच्छा नहीं. शोर में रहने से रक्तचाप पांच से दस गुना बढ़ जाता है और तनाव बढ़ता है. ये सभी कारक उच्च रक्तचाप और कोरोनरी आर्टरी रोगों का कारण बन सकते हैं.
7. दिवाली के दौरान पटाखों व प्रदूषण से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतें? Facts about pollution caused by firecrackers during Diwali
कोशिश करें कि पटाखें न जलाएं या कम पटाखे फोड़ें. पटाखों के जलने से कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर ऑक्साइड जैसी गैसें निकलती हैं जो दमा के मरीजों के लिए खतरनाक हैं. हवा में मौजूदा धुंआ बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक हो सकता है. प्रदूषित हवा से बचें, क्योंकि यह तनाव और एलर्जी का कारण बन सकती है. एलर्जी से बचने के लिए अपने मुंह को रूमाल या कपड़े से ढ़क लें. दमा आदि के मरीज अपना इन्हेलर अपने साथ रखें. अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत इसका इस्तेमाल करें और इसके बाद डॉक्टर की सलाह लें.
और खबरों के लिए क्लिक करें.
रामबाण है Physiotherapy, बिन दवा और सर्जरी कई रोगों को करती है फुर्र...
Home Remedies: कब्ज से हैं परेशान तो ये 5 घरेलू नुस्खे दिलाएंगे आराम
Remedies for Stamina: यौन शक्ति को बढ़ाने के 6 असरदार घरेलू नुस्खे
Health Benefits of Radish: मूली खाने के 8 फायदे, बीमारियां होंगी दूर, चेहरे पर आएगा ग्लो
VIDEO : चुनौती पूरी करने में सफल हुए वैज्ञानिक
NDTV Doctor Hindi से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन और Twitter पर फॉलो करें... साथ ही पाएं सेहत से जुड़ी नई शोध और रिसर्च की खबरें, तंदुरुस्ती से जुड़े फीचर्स, यौन जीवन से जुड़ी समस्याओं के हल, चाइल्ड डेवलपमेंट, मेन्स हेल्थ, वुमन्स हेल्थ, डायबिटीज और हेल्दी लिविंग अपडेट्स.