International Yoga Day 2019: सूर्यनमस्कार से शरीर पर बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है और यह चेहरे और शरीर पर बुढ़ापे के चिन्हों के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है.
International Yoga Day: चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यनमस्कार और प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन हैं.
International Yoga Day 2019: 21 जून को दुनियाभर में पांचवां योग दिवस मनाया जाएगा. भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था. अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का दुनिया के लगभग सभी देशों ने समर्थन किया और दुनिया के 170 से ज्यादा देशों के लोग 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाते हैं और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प लेते हैं. पूरे विश्व में इस दिन योग के फायदों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये योग प्रशिक्षण शिविर, योग प्रतियोगिता और सामूहिक योगाभ्यास किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा भारत के लिए एक महान क्षण था क्योंकि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव आने के मात्र तीन माह के भीतर इसके आयोजन का ऐलान कर दिया. महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को यह ऐलान किया कि 21 जून का दिन दुनिया में योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
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क्यों चुना गया 21 जून का दिन :
21 जून के दिन को विश्व योग दिवस के लिए चुनने की भी एक खास वजह है. दरअसल यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं. भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है. चूंकि यह दिन दुनियाभर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर मनाया जाता है इसलिए वह खुद इस आयोजन में बढ़ चढ़कर हिस्सेदारी निभाते हैं और उन्हीं की अगुवाई में इस दिन के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
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आजकल के समय में प्रदूषण, तनाव, अनियमित जीवनशैली व दिन रात की भागदौड़ भरी जिंदगी से लोग समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगे हैं और कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां, कील मुहांसे, फुंसियां, काले धब्बे लगातार परेशानी का सबब बन रहे हैं. ऐसे में कुछ योग आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुंदरता, दमकती त्वचा व शारीरिक आकर्षण प्राप्त किया जा सकता है. सुंदर चमकीली त्वचा, गठीला शरीर, छरहरा बदन, चेहरे पर यौवन, चमकीले बाल और प्राकृतिक रूप से सुंदर दिखने की चाहत किसे नहीं होती? यही वजह है कि आजकल फिटनेस सेंटर, जिम, सैलून, स्पा और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मंहगे सौंदर्य प्रसाधनों को खरीदने की होड़ दिखती है.
भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरिए आप स्थाई आंतरिक व बाहरी सौंदर्य आसानी से पा सकते हैं. कैसे तो इसका जवाब है योग. अगर आप योग साधना को अपने जीवन से जोड़ लें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही प्राकृतिक तौर पर स्थायी रूप से सुंदर और प्रभावशाली बन सकते हैं और महंगे सौंदर्य प्रसाधनों, ब्यूटी सैलून के महंगे उपचार व समय को बचाया जा सकता है.
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जरा सा टाइम
हर रोज महज आध घंटा सुबह और शाम सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, उत्थान आसन, कपाल भाती, धनुर आसन और सांसों की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौंदर्य और प्राकृतिक आकर्षण को जीवनर्पयत बनाए रख सकते हैं.
बालों के लिए भी अच्छा है योग
बालों और त्वचा के सौंदर्य को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं शरीर में प्राण वायु का प्रभावी संचार होता है और रक्त का प्रभाव बढ़ता है. हर रोज 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है. प्राणायाम से बालों का सफेद होना और झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है.
उत्थान आसन दे स्किन को नई जान
उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते हैं. कपालभाती से शरीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है. इससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है. धनुर आसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है और शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है और त्वचा की रंगत में निखार भी आता है."
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हर्बलक्वीन के नाम से मशहूर शहनाज हुसैन के अनुसार योग के लगातार अभ्यास से त्वचा के साथ ही शरीर लंबे समय तक बरकरार रहता है. योगासन से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों को लचकदार बनाए रखा जा सकता है जिससे शरीर लंबे समय तक लचीला और आकर्षक बनता है. योग से शरीर के भार को कम करने में भी मदद मिलती है और इससे मांसपेशियां नरम और मुलायम हो जाती हैं.
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थकान होगी दूर
योगासन से थकान से मुक्ति मिलती है और शरीर में उर्जा का प्रभावी संचार होता है. सूर्यनमस्कार आसन से पूरे शरीर में नवयौवन का संचार होता है. सूर्यनमस्कार से शरीर पर बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है और यह चेहरे और शरीर पर बुढ़ापे के चिन्हों के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है.
चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यनमस्कार और प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन हैं.
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