समय पूर्व प्रसव वाली महिलाओं के गर्भनाल में वैज्ञानिकों ने अत्यधिक संख्या में रोगजनक जीवाणु पाए हैं.
अक्सर देखा जाता है कि कई मामलों में बच्चे की प्रीमैच्योर डिलीवरी हो जाती है. प्रीमैच्योर डिलीवरी वह है जिसमें बच्चा 37 हफ्तों से कम समय तक गर्भ में रहता है और 37 महीने पूरे करने से पहले ही वह जन्म ले लेता है. समय पूर्व प्रसव वाली महिलाओं के गर्भनाल में वैज्ञानिकों ने अत्यधिक संख्या में रोगजनक जीवाणु पाए हैं. इससे मां में होने वाले संक्रमण के कारण समयपूर्व प्रसव (37 सप्ताह से कम गर्भावधि) की परिकल्पना को बल मिलता है. सामान्य धारणा के विपरीत स्वस्थ गर्भनाल में भी जीवाणु के चिन्ह पाए गए हैं.
ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से संबद्ध शोध के लेखक लिडिया जे लियोन ने कहा, "हमने समयपूर्व बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं के गर्भनाल में माइकोप्लाज्मा और यूरियाप्लाज्मा जैसे अत्यधिक संख्या में रोगजनक बैक्टीरिया का निरीक्षण किया, जो मातृ संक्रमण और समय पूर्व बच्चे के जन्म के बीच संबंध का समर्थन करते हैं."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आपका और हमारा ही नहीं गर्भ में पल रहे बच्चे का भी 'दम घोट' रहा है वायु प्रदूषण
ये जीवाणु अवसरवादी अंत:गर्भाशयी रोगजनक होते हैं और समय से पूर्व जन्म व गर्भपात की घटनाओं से जुड़े हुए हैं.ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से संबद्ध शोध के लेखक लिडिया जे लियोन ने कहा, "हमने समयपूर्व बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं के गर्भनाल में माइकोप्लाज्मा और यूरियाप्लाज्मा जैसे अत्यधिक संख्या में रोगजनक बैक्टीरिया का निरीक्षण किया, जो मातृ संक्रमण और समय पूर्व बच्चे के जन्म के बीच संबंध का समर्थन करते हैं."
जानें क्यों होती है समय से पहले प्रसव-पीड़ा, क्या हैं बचाव...
इस शोध का प्रकाशन एप्लाएड व इनवायरमेंटल माइक्रोबॉयलॉजी में किया गया है. इसमें शोध दल ने स्वस्थ व समय पूर्व बच्चे के गर्भनाल वाले नमूने में जीवाणुओं की जांच की. इसमें 250 महिलाओं का परीक्षण किया गया.
Promoted
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
गर्भावस्था से जुड़ी और खबरों के लिए क्लिक करें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
टिप्पणी
NDTV Doctor Hindi से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन और Twitter पर फॉलो करें... साथ ही पाएं सेहत से जुड़ी नई शोध और रिसर्च की खबरें, तंदुरुस्ती से जुड़े फीचर्स, यौन जीवन से जुड़ी समस्याओं के हल, चाइल्ड डेवलपमेंट, मेन्स हेल्थ, वुमन्स हेल्थ, डायबिटीज और हेल्दी लिविंग अपडेट्स.