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Diwali 2019, Health Tips: दिवाली पर अस्थमा, दिल के रोगी और गर्भवती के लिए हेल्थ टिप्स

Diwali 2019, Health Tips: दिवाली जैसे ही और बड़े मौकों जैसे क्रिसमस, ईद और न्यू ईयर पर हर साल जमकर पटाखे चलाए जाते हैं. इनसे धुआं और पलूशन बढ़ जाता है, जो लोगों को खांसी, सांस लेने में दिक्कत या गले के संक्रमण जैसी समस्याएं पैदा कर देता है. अस्थमा से परेशान लोगों को तो दिवाली के दौरान बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है.

Diwali 2019, Health Tips: दिवाली पर अस्थमा, दिल के रोगी और गर्भवती के लिए हेल्थ टिप्स

Diwali 2019, Asthma Care Tips: दिवाली पर अस्थमा या दमा के मरीज रखें खास ध्यान.

खास बातें

  1. पटाखों के धुंए से फेफड़ों में सूजन आ सकती है.
  2. पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा या दमा का अटैक आ सकता है.
  3. नतेरस के बाद नरक चतुर्थी या छोटी दिवाली आती है

Diwali 2019, Health Tips: दिवाली करीब है. 27 अक्टूबर को दुनियाभर में लोग इस त्योहार को मनाते हैं. दिवाली हिंदू धर्म का एक अहम पर्व है. यह 5 दिनों को त्योहार होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है. धनतेरस के बाद नरक चतुर्थी या छोटी दिवाली आती है, जोकि इस साल 26 अक्टूबर को होगी. छोटी दिवाली के बाद 27 अक्टूबर को दिवाली और इसके बाद गोवर्धन पूजा (Govardhan Pooja) और फिर भाई दूज (Bhai Dooj) के साथ यह पर्व समाप्त होता है. दिवाली एक ओर जहां खुशियां और सेलेब्रेशन लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों को सेलेब्रेशन या जश्न मनाने का तरीका परेशानियां दे सकता है. आपने सुना ही होगा कि आजकल ईको फ्रेंडली दिवाली की बातें की जाती हैं. इसकी वजह है कि दिवाली की खुशियों के बीच दिवाली के बाद बढ़ने वाला प्रदूषण परेशानी पैदा कर देता है. खासकर उन लोगों के लिए जो बीमार हैं या जिन्हें सेहत से जुड़ी कोई परेशानी है. . इस दौरान दिल्ली व दूसरे महानगरों में प्रदूषण का स्तर निश्चित ही बढ़ा रहेगा. दिवाली की धूम-धड़ाम (Diwali Celebrations) के बीच स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से अपने को किस तरह से बचें व पटाखों से किस तरह बुजुर्ग व बीमार लोग अपनी स्वास्थ्य की देखभाल करें. 

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दिवाली पर अस्थमा या दमा के मरीज रखें ध्यान - Important Asthma Care Tips This Diwali 2019

जेपी हॉस्पिटल के पल्मोनरी व क्रिटिकल केयर मेडिसिन के वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने यह पूछने पर कि दमा के मरीज या आम व्यक्तियों पर पटाखों के धुएं का असर कैसे होता है? डॉ. अग्रवाल ने कहा कि रोशनी का त्योहार दिवाली (festival of lights) अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आता है, लेकिन दमा (Adthma), सीओपीडी (COPD) या एलर्जिक रहाइनिटिस से पीड़ित मरीजों (Asthma patients) की समस्या इन दिनों बढ़ जाती है. पटाखों में मौजूद छोटे कण सेहत पर बुरा असर डालते हैं, जिसका असर फेफड़ों पर पड़ता है.



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- इस तरह से पटाखों के धुंए से फेफड़ों में सूजन आ सकती है, जिससे फेफड़े अपना काम ठीक से नहीं कर पाते और हालात यहां तक भी पहुंच सकते हैं कि ऑर्गेन फेलियर और मौत तक हो सकती है. ऐसे में धुएं से बचने की कोशिश करें.

- पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा या दमा का अटैक आ सकता है. हानिकारक विषाक्त कणों के फेफड़ों में पहुंचने से ऐसा हो सकता है, जिससे व्यक्ति को जान का खतरा भी हो सकता है. ऐसे में जिन लोगों को सांस की समस्याएं हों, उन्हें अपने आप को प्रदूषित हवा से बचा कर रखना चाहिए.

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दिवाली पर क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा - Heart attack or Stroke on Diwali

पटाखों के धुएं से हार्टअटैक और स्ट्रोक (Heart attack or Stroke on Diwali) का खतरा भी पैदा हो सकता है. पटाखों में मौजूद लैड सेहत के लिए खतरनाक है, इसके कारण हार्टअटैक (Heart attack) और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है. जब पटाखों से निकलने वाला धुंआ सांस के साथ शरीर में जाता है, तो खून के प्रवाह में रुकावट आने लगती है. दिमाग को पर्याप्त मात्रा में खून न पहुंचने के कारण व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार हो सकता है.

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Diwali 2019 : दिवाली पर गर्भवती महिलाओं को भी सेहत का ख्याल रखना जरूरी है.


दिवाली पर क्या करें गर्भवती महिलाओं - Tips For Pregnant Women During Diwali

बच्चे और गर्भवती महिलाओं को पटाखों के शोर व धुएं से बचकर रहना चाहिए. पटाखों से निकला गाढ़ा धुआं खासतौर पर छोटे बच्चों में सांस की समस्याएं पैदा करता है. पटाखों में हानिकर रसायन होते हैं, जिनके कारण बच्चों के शरीर में टॉक्सिन्स का स्तर बढ़ जाता है और उनके विकास में रुकावट पैदा करता है. पटाखों के धुंऐ से गर्भपात की संभावना भी बढ़ जाती है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी ऐसे समय में घर पर ही रहना चाहिए. (इनपुट आईएएनएस)

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