डायबिटीज एक आम मेडिकल कंडिशन है. यह दो प्रकार की होती हैं: टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज.
डायबिटीज एक आम मेडिकल कंडिशन है. यह दो प्रकार की होती हैं: टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. इन दोनों में से, टाइप 2 डायबिटीज (जिसे शुरुआती मधुमेह भी कहा जाता है) डायबिटीज का एक सामान्य रूप है. इस स्थिति में शरीर या तो इंसुलिन का प्रतिरोध करता है या यह इंसुलिन का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता. इंसुलिन एक हार्मोन है जो आपके अग्न्याशय द्वारा निर्मित होता है. यह आपकी कोशिकाओं में शुगर की गति को कंट्रोल करने में मदद करता है. यह बॉडी के मेटाबॉलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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आइए हम टाइप 2 मधुमेह के कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में जानते हैं:
1. बार-बार पेशाब आना: टाइप 2 डायबिटीज के परिणामस्वरूप आपके ब्लड शूबर के लेवल में वृद्धि होती है. आपकी किडनी ब्लड से इस एक्स्ट्रा शुगर को निकालने की कोशिश करती है. जिसके चलते, आपको बार-बार पेशाब आने लगता है (विशेषकर रात के समय). यह टाइप 2 डायबिटीज का शुरुआती संकेत हो सकता है.
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2. बार-बार प्यास लगना: बार-बार पेशाब जाने के कारण आपके शरीर को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है. किडनी द्वारा ब्लड से एक्स्ट्रा चीनी को निकालने से डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे आप सामान्य से अधिक प्यास लगने की शिकायत कर सकते हैं.
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3. लगातार थकान महसूस करना: टाइप 2 डायबिटीज आपके एनर्जी के लेवल को प्रभावित कर सकती है. चूंकि इस स्थिति में शरीर की कोशिकाएं पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए इससे थकान हो सकती है.
4. बार-बार भूख लगना: आपका पाचन तंत्र शर्करा को ग्लूकोज में बदलता है, जो आपके शरीर के लिए एक ईंधन होता है. इस वजह से पर्याप्त ग्लूकोज ब्लड सर्कुलेशन से कोशिकाओं तक नहीं पहुंचाया पाता, नतीजतन, आपको पूरा खाना खाने के तुरंत बाद भी भूख लगने लगती है.
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5. धुंधला दिखना: टाइप 2 डायबिटीज के कारण आपके ब्लड में शुगर की अधिक मात्रा आपकी आंखों में छोटी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में कई बार दोनों आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है. अगर आपको भी धुंधला दिख रहा है तो, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
6. चोट ठीक होने में समय लगना: टाइप 2 डायबिटीज ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकती है. नतीजतन, आपके घावों को ठीक होने में हफ्तों या महीनों लग सकते हैं. घावों के कारण आपको इंफेक्शन होने का खतरा भी हो सकता है.
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7. हाथ या पैर का सुन्न होना या दर्द होना: टाइप 2 डायबिटीज से न्यूरोपैथी हो सकती है. चूंकि हाई ब्लड शुगर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित कर सकता है, आपकी नसें उसी के कारण खराब हो सकती हैं. नतीजतन, पैरों या हाथों के सुन होने की शिकायत होने लगती है.
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8. खुजली और फंगस: एक्स्ट्रा ब्लड शुगर के परिणामस्वरूप फंगस हो सकती है और फंगल इंफेक्शन हो सकता है. मुंह, बगल जैसे नम क्षेत्रों पर फंगल इंफेक्शन होता है. संक्रमित हिस्सों में सामान्य रूप से खुजली होती है, लेकिन आपको कभी-कभी रेडनेस, खराश भी महसूस हो सकती है.
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