यह जरूरी है कि आप आहार की मात्रा और गुणवत्ता दोनों का ही ध्यान रखें और अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से डाइट बनाएं.
डायबिटीज (Diabetes) हमारे जीवन का ही एक हिस्सा है, जिसे हमें संतुलन में रख कर ही जीवन में आगे बढ़ना होगा. डायबिटीज के साथ भी जीवन को आनंद से जिया जा सकता है. इसके लिए आपको अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बातों का सुधार करना होगा. अगर हम बात करें अपनी इंडियन डाइट की तो यह कार्बोहाइड्रेट बेस्ड है. इनमें चावल, गेहूं, आलू या शकरकंदी वगैरह शामिल हैं. यह हमारी डाइट में कार्बस के बड़े सोर्स हैं.
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कैसे संतुलित करें अपनी डाइट को ?
ज्यादातर एसोशिएशंस (FDA, ICMR, ADA, WHO, USDA) द्वारा स्वीकार की गई गाइडलाइन्स के मुताबिक हमारे बड़े मील्स जैसे ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में कार्बस को शामिल किया जाना चाहिए.
हर भोजन में एक चौथाई कार्बस होता है जो चावल, रोटी, आलू या शकरकंदी से मिलता है. लेकिन असल बात तो यह है कि हर किसी की कार्बस की जरूरत अलग होती है. इसी बारे में हर न्यूट्रिशिनस्ट अपने बेसल मेटाबॉलिक रेट (Basal Metabolic Rate, BMR) में बताता है.
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क्यों बढ़ाना चाहिए प्रोटीन?
इस बात को समझने के लिए और इस बात के जवाब के लिए जरूरी है कि यह देखा जाए कि ग्लाइसेमिक इंडेक्टस (glycemic index, GI) और ग्लाइसेमिक लोड (glycemic load) कितना है. ग्लाइसेमिल इंडेक्स हर फूड का अलग-अलग होता है. कार्बस से भरपूर आहार का आपको ब्लड ग्लूकोज लेवल पर असर हो सकता है. यह 1-100 के बीच मापा जाता है. जो तीन श्रेणियों में मापा जाता है. पहला हाई जो 70 से ऊपर होता है, दूसरा मीडियम जो 56 से 69 तक होता है और तीसरा होता है लो जोकि 55 या इससे नीचे होता है. इसलिए लोगों को ऐसे आहार लेने चाहिए जो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में कम हों यानी जिसमे जीआई लो हो. आजकल के लाइफस्टाइल और फूड के अनुसार सिर्फ ग्लाइसेमिक इंडेक्स ही नहीं ग्लाइसेमिक लोड पर भी ध्यान देना होगा.
आहार और उनके ग्लाइसेमिकल इंडेक्स और ग्लाइसेमिल लोड - Food Items Glycemic Index Glycemic Load Carbohydrate (g)
आहार (Food Items) |
ग्लाइसेमिल इंउेक्स (Glycemic Index) |
ग्लाइसेमिक लोड (Glycemic Load) |
कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate (g) |
चावल (Rice) |
72 |
56.1 |
78 |
गेहूं (Wheat) |
70 |
48.3 |
69 |
आलूू( Potato) |
80 |
18.4 |
23 |
शकरकंद (Sweet Potato) |
94 |
26.3 |
28 |
ग्लाइसेमिक लोड भोजन के एक हिस्से के समग्र ग्लाइसेमिक प्रभाव को मापना है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड जितना ज्यादा होगा, उतना ही शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ेगा. इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आपको अपने आहार में ग्लाइसेमिकल इंडेक्स, ग्लाइसेमिक लोड और कार्बस के बारे में पूरी जानकारी हो. नीचे दी गइ्र इस तालिका में 100 ग्राम आहार के बारे में बात की जा रही है.
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यह जरूरी है कि आप आहार की मात्रा और गुणवत्ता दोनों का ही ध्यान रखें और अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से डाइट बनाएं.
(डॉक्टर सुजीत झा मेक्स हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूट ऑफ एंडिक्रिनोलॉजी, डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म के निदेशक हैं.)
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.
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