विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder) आमतौर पर असामान्य विचारों, भावनाओं, व्यवहार और दूसरों के साथ संबंधों का संयोजन हैं'. एक व्यक्ति अलग तरह से महसूस और व्यवहार करता है और खुद व अपने आसपास के लोगों को परेशान करने लगता है, मानसिक बीमारी से पीड़ित हो सकता है.
ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर आपकी दैनिक गतिविधि को प्रभावित कर सकता है.
खास बातें
- हर साल जनरल ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर के 10 मिलियन मामले सामने आते हैं
- डिप्रेशन एक तरह का ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर भी हो सकता है.
- ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोग अत्यधिक भय में हो हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर (Anxiety Disorder) आमतौर पर असामान्य विचारों, भावनाओं, व्यवहार और दूसरों के साथ संबंधों का संयोजन हैं'. एक व्यक्ति अलग तरह से महसूस और व्यवहार करता है और खुद व अपने आसपास के लोगों को परेशान करने लगता है, मानसिक बीमारी से पीड़ित हो सकता है. इसके कई प्रकार हैं जैसे चिंता, मनोदशा और इटिंग डिसऑर्डर. अवसाद, ध्यान का अभाव एवं अतिसक्रियता विकार (एडीएचडी), सिज़ोफ्रेनिया इसके अन्य प्रकार हैं.
मेंटल डिसऑर्डर से जुड़ें हैं कई मिथक, जानें इनके बारे में
बार-बार होने वाला सबसे आम डिसऑर्डर ऐंगज़ाइअटी (Anxiety Disorder) है. हम सभी अपने जीवन के कुछ बिंदुओं पर अधिक सोचते हैं. मंच पर प्रदर्शन करते समय, परीक्षा देते हुए या नौकरी के लिए इंटरव्यू की तैयारी करते हुए, हमें चिंता होती है. अधिकतर, यह छोटी-छोटी चिंताएं हमें बेहतर तैयारी करने और अपने लक्ष्य के प्रति सावधान और चौकस रहने में मदद करती हैं. लेकिन विभिन्न मामलों में, कुछ लोगों के लिए यह उनके दिन-प्रतिदिन के कामकाज और भावनात्मक कल्याण के लिए गंभीर संकट बन जाती हैं. यह तब होता है, जब ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर हम पर अधिक हावी होते हैं. ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर से पीड़ित लोग उन परिस्थितियों में अत्यधिक भय महसूस करते हैं, जो आमतौर पर डराने वाली नहीं होती हैं.
इसके कई प्रकार हो सकते हैं, जिनमें से अधिकांश हैं:
1. सामान्यीकृत चिंता विकार (जीएडी)
2. पैनिक डिसऑर्डर
3. फोबिया
4. सोशल ऐंगज़ाइअटी डिसऑर्डर
भारत में हर साल 10 मिलियन से अधिक मामले सामान्यीकृत चिंता विकार के होते हैं. यह आमतौर पर दीर्घकालिक होते हैं, जहां लोग अपने दिन के कामकाज के लिए चिंता करते हैं और परेशान होते हैं. ऐसे लोगों को सिरदर्द हो सकता है और पूरे दिन वे चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं.
सिज़ोफ्रेनिया: कारण और लक्षण, जिन्हें जानना है जरूरी
पैनिक डिसऑर्डर को आमतौर पर डर के बाद अचानक होने वाले अटैक से चिह्नित किया जाता है. आपके स्वभाव में यह बदलाव किसी भी स्पष्ट कारण के तेजी से आ और जा सकते हैं. ये आमतौर पर बहुत खतरनाक नहीं होते हैं. यह डिसऑर्डर सीने में दर्द, ठंड लगना, अंगुलियों में झनझनाहट और दिल की धड़कन को तेज कर सकता है.
फोबिया को आमतौर पर किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अतार्किक या अवास्तविक भय के रूप में जाना जाता है. ये सामान्य और विशिष्ट दोनों हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो ऊंचाइयों से डरता है, उसे एगोराफोबिक कहा जा सकता है. इसी तरह, जो पानी से डरते हैं, उन्हें हाइड्रोफोबिक के रूप में परिभाषित किया जा सकता है. इसके कारण आनुवांशिकी, विशेष घटना और कुछ ट्रॉमा हो सकता है. फोबिया से पीड़ित लोगों को सांस की तकलीफ और चक्कर आ सकते हैं.
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सोशल ऐंगज़ाइअटी को सामाजिक भय के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें व्यक्ति को सामाजिक वातावरण में बातचीत और संचार करने में समस्या आती है, इसमें पीड़ित को अपमान होने का भय रहता है. उदाहरण के लिए, इस विकार से पीड़ित व्यक्ति को सवाल करने में मुश्किल हो सकती है या वह कक्षा में चर्चा में भाग लेने से बच सकता है. इस बीमारी के कारणों में आलोचना, कम आत्मसम्मान और खराब संचार शैली शामिल हैं.
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