फोटो
-
डॉक्टरों के अनुसार मुख्य रूप से थायरॉइड विकार दो प्रकार के होते हैं- हाइपरथायरायडिज्म जो एट्रियल फिब्रिलेशन, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का कारण बन सकता है, और हाइपोथायरायडिज्म जो मायक्सेडेमा कोमा और मृत्यु का कारण बन सकता है.
-
केले में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पोटेशियम गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है. केले में मौजूद ट्राइप्टोफान एमिनो एसिड तनाव को भी कम कर आपके मूड को रिलैक्स करता है.
-
आपको बहुत सारा पानी पीने की ज़रूरत है, दिन में कम से कम 8 गिलास. याद रखें जब आप कम पानी पीते हैं, तो आपका शरीर अधिक वसा जमा करता है और वजन बढ़ता है.
-
अधिक फल और सब्जियां खाने से हाइपोथायरायडिज्म को रोकने में मदद मिलती है.
-
ग्रीन टी आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाकर और वसा ऑक्सीकरण के माध्यम से वजन कम करने में आपकी मदद करती है.
-
जिन्हें थायराइड है उन लोगों के लिए दूध और दही रामबाण की तरह हैं. जी हां, थायराइड के मरीजों को दही और दूध का सेवन करना चाहिए. दोनों में ही कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं जो थायराइड से लड़ने में मददगार हैं.
-
स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए फाइबर से समृद्ध और कम वसा वाला आहार लें.
-
जिन्हें थायराइड है उन लोगों के लिए दूध और दही रामबाण की तरह हैं. जी हां, थायराइड के मरीजों को दही और दूध का सेवन करना चाहिए. दोनों में ही कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं जो थायराइड से लड़ने में मददगार हैं.
-
व्यायाम थायरॉयड हार्मोन के प्रति ऊतक संवेदनशीलता को बढ़ाता है और थायरॉयड ग्रंथि से इसके स्राव को प्रोत्साहित करता है.