मीठी खुबानी की उत्पत्ति 1600 के दशक में हुई थी. यह फल फारसी व्यापार मार्गों पर मिश्र के लोगों के लिए प्रमुख व्यापारिक वस्तु थी.
खुबानी में फाइबर की मात्रा खूब होती है
खास बातें
- खुबानी में फाइबर की मात्रा खूब होती है
- विटामिन सी आपके दिल के लिए ढाल का काम करता है
- इसमें अस्थमा के कुछ लक्षणों से निजात दिलाने की क्षमता होती है
मीठी खुबानी की उत्पत्ति 1600 के दशक में हुई थी. यह फल फारसी व्यापार मार्गों पर मिश्र के लोगों के लिए प्रमुख व्यापारिक वस्तु थी. इंग्लैंड ने इसके तेल का इस्तेमाल ट्यूमर, अल्सर और सूजन के हर्बल उपचार के लिए किया. जबकि स्पैनिश मिशनरियों ने अमेरिका में इसे उगाना शुरु किया. आधुनिक वक्त में तुर्की में इस फल का उत्पादन खूब होता है. यह विदेशी किस्म का फल है जो कि अन्य जगहों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है. मध्य-पूर्वी, उत्तर-अफ्रीकी और विशेष रूप से चीनी संस्कृतियों में इस फल का बहुत महत्व है.
पाचन होता है बेहतर
खुबानी में फाइबर की मात्रा खूब होती है जिस वजह से ये आपके पाचन को बेहतर करने में मदद करता है. फाइबर आपके शरीर में एक ऐसे रस का उत्पादन करता है, जिससे पाचन में मदद मिलती है. कब्ज से पीड़ित लोगों को इस फल को खाने की सलाह दी जाती है.
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हड्डियों को मजबूत बनाता है
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और पोटेशियम दो मजबूत तत्व होते हैं. हड्डियां मुख्य तौर पर कैल्शियम से बनी होती हैं. कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. खुबानी में ये दोनों ही खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करते हैं.
नहीं होंगी दिल से जुड़ी बीमारियां
आपके दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन सी, पोटेशियम और फाइबर की सही मात्रा की जरूरत होती है. ऐसे में ये फल आपके दिल को भी स्वस्थ्य रखता है. विटामिन सी आपके दिल के लिए ढाल का काम करता है. पोटेशियम लो ब्लड प्रेशर और फाइबर कोलेस्ट्रॉल को सही रखने में मदद करता है. ये एक ऐसा फल है जो पूरी तरह से दिल को स्वस्थ्य रखने का काम करता है.
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अस्थमा से मिलेगी मुक्ति
खुबानी के तेल में अस्थमा के कुछ लक्षणों से निजात दिलाने की क्षमता होती है. अगर आप इससे पीड़ित हैं तो इस फल के इस्तेमाल से इसमें राहत मिलेगी. खुबानी के इस्तेमाल से फेफड़ों और श्वास नली के पास के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी. जिससे अस्थमा के अटैक की संभावना कम होती है.
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मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है
आपका मेटाबॉलिज्म पोटेशियम और सोडियम पर निर्भर करता है. पोटेशियम इस संतुलन को बनाए रखता है कि ऊर्जा शरीर के अंगों और मांसपेशियों में समान रूप से वितरित हो. इस फल के इस्तेमाल से आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर रहता है.
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