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आखिर बुढ़ापे से इतना ड़र क्यों... 60 फीसदी लोगों की सोच है नेगेटिव...

बुढ़ापे के साथ आने वाले डिमेंशिया और संज्ञानात्मक समस्या का सामना करने के लिए बुढ़ापे में मानसिक गतिविधियां बनाए रखें.

आखिर बुढ़ापे से इतना ड़र क्यों... 60 फीसदी लोगों की सोच है नेगेटिव...

खास बातें

  1. 2050 तक दुनिया में पांच में से एक व्यक्ति 65 से अधिक की उम्र का होगा
  2. उम्र बढ़ने पर कई नकारात्मक विचार
  3. बुजुर्गो की कई बीमारियों और कभी-कभी अवसाद भी पीड़ित करता है.
57 देशों के लगभग 60 प्रतिशत लोग वृद्धावस्था के बारे में नकारात्मक सोच रखते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. सर्वे के मुताबिक, वृद्धों को अक्सर युवाओं की तुलना में कम सक्षम और कम योग्य माना जाता है, जिसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने की जरूरत है ताकि बुजुर्गो के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और उन्हें स्वस्थ जीवन जीने में मदद की जा सके. डब्ल्यूएचओ के सर्वे के मुताबिक, अफ्रीका के बाहर हर देश तेजी से बुढ़ापे की ओर बढ़ रहा है. मौजूदा आबादी का ट्रेंड जारी रखने के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि 2050 तक दुनिया में पांच में से एक व्यक्ति 65 से अधिक की उम्र का होगा और करीब 50 करोड़ आबादी 80 से अधिक वर्ष वालों की होगी.

अधिक से अधिक लोग काम की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे पारंपरिक परिवार का ढांचा बाधित हो रहा है. ऐसी स्थिति में परिवार के बुजुर्गो की देखभाल करना एक कठिन समस्या बनती जा रही है. सरकारी सामाजिक सुरक्षा तंत्र के बिना, बहुत से बुजुर्ग गंभीर गरीबी में पड़ जाते हैं. इसके साथ ही, उम्र बढ़ने पर कई नकारात्मक विचार, बुजुर्गो की कई बीमारियों और कभी-कभी अवसाद भी पीड़ित करता है.

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सोच बदलने का प्रयास
बुढ़ापे में संक्रमण बहुत जल्दी होता है. उम्र बढ़ने के साथ आप अपने सामाजिक दायरे को नया रूप दे सकते हैं. सकारात्मक सोच की कला का अभ्यास करें. यह एक छोटा सा कदम हो सकता है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा. हंसने-हंसाने की भावना बरकरार रखें. हंसी के व्यायाम अभ्यास मूर्खतापूर्ण लग सकते हैं, लेकिन वास्तव में वे सहायक होते हैं.

क्या करें- 
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन, संयुक्त राष्ट्र और दूसरे आंकड़ों के मुताबिक, बुजुर्गो के सम्मान वाले देशों में वृद्ध लोग अपने देशों के अन्य समूहों की तुलना में बेहतर मानसिक और शारीरिक कल्याण की तस्वीर पेश करते हैं. वृद्धावस्था को जीवन के एक और चरण के रूप में देखने की आवश्यकता है. ऐसा करने और बुजुर्गो से सम्मान के साथ व्यवहार करने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.

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स्मोकिंग छोड़ें
ऐसा मत सोचो कि आप बूढ़े हो. धूम्रपान छोड़ें, इस कदम से आप अपने स्वास्थ्य में सुधार और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं का मुकाबला करने के लिए ले सकते हैं. यदि आप बीते सालों में धूम्रपान करते रहे और अभी भी करते हैं, तो भी इस घातक आदत को छोड़ने में अभी अधिक देर नहीं हुई है. सक्रिय रहें. इसके लिए ऐसी दिनचर्या बनाएं जो आपको फिट और सक्रिय रखे. अचानक गिरने से बचें."

रखें ध्यान और याद
टीकाकरण और स्क्रीनिंग कराते रहें. उम्र से संबंधित बीमारियों की समय रहते जांच कराएं. दांत, नजर और सुनने संबंधी नियमित जांच करवाएं. यदि आप सही तरीके से देखभाल करें तो आपके दांत, मसूड़े, दृष्टि और सुनवाई जीवनभर ठीक रह सकती है. ठीक से भोजन करें. अच्छी तरह से संतुलित व स्वस्थ आहार स्वस्थ रहने की कुंजी हो सकती है. कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक महिलाओं के लिए विशेष रूप से जरूरी है." 

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बनें एक्टिव 
मानसिक रूप से सक्रिय रहें. बुढ़ापे के साथ आने वाले डिमेंशिया और संज्ञानात्मक समस्या का सामना करने के लिए बुढ़ापे में मानसिक गतिविधियां बनाए रखें. अच्छी तरह से सोएं. कई वृद्ध लोगों को स्वस्थ नींद चक्र बनाए रखने में समस्याएं आती हैं. अनिद्रा और दिन में सोने की शिकायतें आम हैं. ऐसे मुद्दों के बारे में अपने हेल्थकेयर प्रदाता से बात करें.

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