मस्तिष्काघात से मौत के मामले कुल मिलाकर तो घटे हैं लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्य में इनमें वृद्धि देखी गयी.
भारत में 2015 में मौत के 25 फीसदी से अधिक मामलों में हृदयरोग जिम्मेदार रहा है जो बड़े स्तर पर ग्रामीण आबादी और युवाओं को अपना निशाना बना रहा हैं. यह बात एक अध्ययन में सामने आई है. टोरंटो में सेंट माइकल हॉस्पिटल के सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के निदेशक प्रभात झा के नेतृत्व में हुए अध्ययन में कहा गया है कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 30 से 69 साल के आयुवर्ग के लोगों में हृदय की रक्तवाहिनियों के संकुचित होने की वजह से दिल संबंधी परेशानियों से मृत्यु के मामले तेजी से बढ़े हैं और 2000 से 2015 के बीच ये शहरी इलाकों में सामने आये मामलों से आगे निकल गये.
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इसके विपरीत मस्तिष्काघात से मौत के मामले कुल मिलाकर तो घटे हैं लेकिन भारत के पूर्वोत्तर राज्य में इनमें वृद्धि देखी गयी. लैंसेट पत्रिका के अनुसार इन राज्यों में मस्तिष्काघात से मौत के मामले राष्ट्रीय औसत से करीब तीन गुना अधिक हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में डल्ला लाना स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर झा ने कहा , ‘‘भारत में हृदयरोगों के मामले राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ने और मस्तिष्काघात के मामले कुछ राज्यों में बढ़ने का तथ्य आश्चर्यजनक है. ’‘
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