इससे भ्रूण के विकास के शुरुआती चरण में विभिन्न आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का रास्ता बन सकता है.

जीन एडिटिंग तकनीक में बीटा थैलेसिमिया के उपचार की संभावना दिखाई दी है. इससे भ्रूण के विकास के शुरुआती चरण में विभिन्न आनुवांशिक बीमारियों के इलाज का रास्ता बन सकता है. थैलेसिमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार है. इस रक्त विकार की स्थिति में हीमोग्लोबिन का उत्पादन कम होता है. हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन होता है, जो शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाता है.
अमेरिका के कारनेग मेलन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पेप्टाइड न्यूक्लिक एसिड (पीएनए) आधारित जीन एडिटिंग तकनीकी का इस्तेमाल कर चूहों में बीटा थैलेसीमिया का सफलतापूर्वक इलाज किया है.
पीएनए कृत्रिम अणु हैं जो कृत्रिम प्रोटीन आधार के साथ न्यूक्लियोबेसज से जुड़ते है. यह न्यूक्लियोबेसेस डीएनए व आरएनए में पाए जाते हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि पीएनए के इस्तेमाल से चूहों के इलाज में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य दिखाई दिया. इनमें प्लीहा में वृद्धि कम हुई और जीवित रहने की दर बढ़ी.
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेनिथ ली ने कहा, "भ्रूण अवस्था के शुरुआती विकास के दौरान बहुत सारी स्टेम कोशिकाएं तेजी से विभाजित होती हैं. अगर हम आनुवांशिक उत्परिवर्तन को सही कर दें तो हम भ्रूण के विकास पर उत्परिवर्तन के प्रभाव को कम कर सकते हैं या इस स्थिति का इलाज कर सकते हैं."
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अमेरिका के कारनेग मेलन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पेप्टाइड न्यूक्लिक एसिड (पीएनए) आधारित जीन एडिटिंग तकनीकी का इस्तेमाल कर चूहों में बीटा थैलेसीमिया का सफलतापूर्वक इलाज किया है.
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पीएनए कृत्रिम अणु हैं जो कृत्रिम प्रोटीन आधार के साथ न्यूक्लियोबेसज से जुड़ते है. यह न्यूक्लियोबेसेस डीएनए व आरएनए में पाए जाते हैं.
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शोधकर्ताओं का कहना है कि पीएनए के इस्तेमाल से चूहों के इलाज में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य दिखाई दिया. इनमें प्लीहा में वृद्धि कम हुई और जीवित रहने की दर बढ़ी.
विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेनिथ ली ने कहा, "भ्रूण अवस्था के शुरुआती विकास के दौरान बहुत सारी स्टेम कोशिकाएं तेजी से विभाजित होती हैं. अगर हम आनुवांशिक उत्परिवर्तन को सही कर दें तो हम भ्रूण के विकास पर उत्परिवर्तन के प्रभाव को कम कर सकते हैं या इस स्थिति का इलाज कर सकते हैं."
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