जब हम भोजन और पोषण के बारे में बात करते हैं तो हमारा ध्यान हमेशा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा जैसे पोषक तत्वों पर जाता है. इन पोषक तत्वों को माइक्रो न्यूट्रिएंट्स तत्व कहा जाता है

जब हम भोजन और पोषण के बारे में बात करते हैं तो हमारा ध्यान हमेशा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा जैसे पोषक तत्वों पर जाता है. इन पोषक तत्वों को माइक्रो न्यूट्रिएंट्स तत्व कहा जाता है क्योंकि इनकी आवश्यकता अधिक मात्रा में होती है. इनके अलावा एक मैक्रो पोषक तत्व है जिसे हम सभी इस्तेमाल करना भूल जाते हैं वह है पानी. हां, पानी एक पोषक तत्व है. पानी को एक आवश्यक पोषक तत्व के रूप में परिभाषित किया गया है. एक पुरुष के शरीर के वजन का 60 फीसदी हिस्सा और एक महिला के शरीर के वजन का 55 फीसदी हिस्सा पानी होता है. पानी एक सार्वभौमिक विलायक है जो पाचन रस, लिम्फ, रक्त, मूत्र सहित सभी तरल पदार्थों का माध्यम है. पानी शरीर के तापमान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह पूरे शरीर में गर्मी वितरित करता है.
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माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के अलावा हमारे शरीर को विभिन्न विटामिन और खनिजों जैसे आयरन, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम और कॉपर की भी आवश्यकता होती है. कम मात्रा में आवश्यक होने पर भी ये विटामिन और खनिज शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों और मेटाबॉलिज्म क्रियाओं को पूरा करने में मदद करते हैं.
डेली डाइट में सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन संतोषजनक नहीं है. भारतीय आबादी का लगभग 70 फीसदी से कम हिस्सा 50 फीसदी आरडीए का सेवन करता है.

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आयरन:
ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट और भंडारण, इलेक्ट्रॉन ट्रांसफर, कार्बोहाइड्रेट और वसा के ऑक्सीकरण के लिए आयरन आवश्यक होता है. आयरन की कमी से एनीमिया विश्व स्तर पर 2.36 बिलियन व्यक्तियों को प्रभावित करता है. एनीमिया के लक्षण थकान और बेचैनी हैं. आयरन बच्चों में याददाश्त, सीखने की क्षमता और ध्यान को प्रभावित करता है. अपनी डाइट में आयरन को शामिल करने के लिए सोयाबीन, दाल, कद्दू, स्क्वैश या तिल, छोले, किडनी बीन्स और लीमा बीन्स, सूखे खुबानी और गहरी हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां शामिल करें.
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मैग्नीशियम:
एक और पोषक तत्व जिसके बारे में हम अकसर भूल जाते हैं वह है मैग्नीशियम. कैल्शियम और फास्फोरस की तरह यह मुख्य रूप से हड्डियों में पाया जाता है. कुल मैग्नीशियम का 55-60 फीसदी हिस्सा स्केलेटन में होता है. शेष 20-25 फीसदी हिस्सा मांसपेशियों में पाया जाता है और बचा हुआ हिस्सा नरम ऊतकों में होता है. शरीर के कुल मैग्नीशियम का केवल 1 फीसदी हिस्सा एक्स्ट्रा सेलुलर होता है. यह हड्डियों के निर्माण में आवश्यक भूमिका निभाता है. सॉफ्ट टीश्यू मैग्नीशियम ऊर्जा मेटाबॉलिज्म, प्रोटीन संश्लेषण, आरएनए और डीएनए संश्लेषण में शामिल एंजाइमों के सह-कारक के रूप में काम करता है. मैग्नीशियम कैल्शियम के मेटाबॉलिज्म और पोटेशियम को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अपनी डाइट में मैग्नीशियम को शामिल करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, बीन्स, कॉफी, कोको और नट्स खाएं.
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जिंक :
शरीर को जिंक की थोड़ी मात्रा की ही आवश्यकता होती है. यह पूरे शरीर में कोशिकाओं में पाया जाता है. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के ठीक से काम करने के लिए इसकी जरूरत होती है. यह कोशिका विभाजन, कोशिका वृद्धि, घाव भरने और कार्बोहाइड्रेट के टूटने में अहम भूमिका निभाता है. गंध और स्वाद की इंद्रियों के लिए भी जिंक की आवश्यकता होती है. अपनी डाइट में जिंक को शामिल करने के लिए छोले, दाल और बीन्स खाएं. ड्राई फ्रूट्स में भी जिंक की पर्याप्त मात्रा होती है. मीट जिंक का एक उत्कृष्ट स्रोत है.
(मोनिशा अशोकन Nourish Me में पोषण विशेषज्ञ हैं)
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