World Leprosy Day 2019: कुष्ठ रोग सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है. इसे हेन्संस रोग भी कहा जाता है और यह धीमी गति से बढ़ने वाले एक जीवाणु मायकोबैक्टीरिया लेप्रे (एम. लेप्रे) के कारण होता है. जीवाणु के संपर्क में आने के बाद इसके लक्षण दिखने में 3-5 साल लग जाते हैं.
World Leprosy Day 2019: कुष्ठ रोग सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है. इ
खास बातें
- कुष्ठ रोग सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है.
- जीवाणु के संपर्क में आने के बाद इसके लक्षण दिखने में 3-5 साल लग जाते हैं.
- बीमारी का जल्द से जल्द इलाज जरूरी है
कुष्ठ रोग (leprosy) या 'हार्सन्स डिजीज' (Hansen disease) से पीड़ित मरीजों को समाज में फैली गलत अवधारणाओं और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है. लेकिन यदि इस बीमारी का जल्द इलाज हो जाए तो इन रोगियों को इन तमाम मुश्किलों से छुटकारा मिल सकता है. इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. डी. एम. महाजन ने एक बयान में कहा है, "कुष्ठ रोग के इलाज में देरी के परिणाम गंभीर हो सकते हैं. इससे व्यक्ति को शारीरिक अपंगता हो सकती है. उसके अंग कुरूप हो सकते हैं, तंत्रिकाएं स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं. बीमारी का जल्द से जल्द इलाज जरूरी है, ताकि मरीज के ऊतकों को गंभीर नुकसान न पहुंचे."
क्या हैं कुष्ठ रोग (What is leprosy?)
कुष्ठ रोग सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है. इसे हेन्संस रोग भी कहा जाता है और यह धीमी गति से बढ़ने वाले एक जीवाणु मायकोबैक्टीरिया लेप्रे (एम. लेप्रे) के कारण होता है. जीवाणु के संपर्क में आने के बाद इसके लक्षण दिखने में 3-5 साल लग जाते हैं. इस अवधि को इन्क्यूबेशन पीरियड (उष्मायन अवधि) कहा जाता है. नोएडा स्थित जेपी हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ. साक्षी श्रीवास्तव कहती हैं कि कुष्ठ रोग को 'उपेक्षित रोग' भी कहा जाता है. इसके लक्षणों के कारण यह सबसे घातक रोगों में से एक है. इसमें शरीर के अंगों का आकार बिगड़ने लगता है. कुष्ठ रोग का इलाज संभव है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1995 में विकसित मल्टी-ड्रग थेरेपी इस संक्रमण के इलाज में बेहद प्रभावी पाई गई है. भारत सरकार कुष्ठ रोग का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराती है. हालांकि बहुत से लोग उनके साथ होने वाले भेदभाव और समाज में फैली गलत अवधारणाओं के कारण अपना इलाज नहीं करवाते हैं.
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क्या हैं कुष्ठ रोग के लक्षण (Some common symptoms of leprosy)
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में कुष्ठ रोग की संभावना व्यस्कों से अधिक होती है, इसलिए बच्चों को हमेशा इस रोग से संक्रमित व्यक्ति से दूर रखा जाना चाहिए. कुष्ठ रोग का जीवाणु धीरे-धीरे बढ़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस बीमारी से संक्रमित होने और लक्षणों के दिखने में 5 साल का समय लग सकता है. कई बार तो इस बीमारी के लक्षण 20 सालों तक नहीं दिखते. एक नजर डालते हैं इसके लक्षणों पर-
- मांसपेशी में कमज़ोरी
- हाथ, बांह, पैर और टांगों में सुन्नता
- छाती पर बड़ा, अजीब से रंग का घाव या निशान.
- त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे, जो चपटे और फीके रंग के दिखते हैं, इस स्थान पर त्वचा सुन्न पड़ जाती है.
- त्वचा में खुश्की, अकड़न और मोटी त्वचा.
- पैरों के तलुओं पर ऐसा घाव जिसमें दर्द न हो.
- चेहरे या कान के आस-पास गांठें या सूजन, जिसमें दर्द न हो.
- भौहें या पलकें गिर जाना.
- त्वचा के प्रभावित हिस्सों का सुन्न पड़ जाना.
- मांसपेशियों में कमजोरी या पैरालिसिस (खासतौर पर हाथों और पैरों में).
- आंखों की समस्याएं, जिनसे अंधापन तक हो सकता है.
- पैरालिसिस या हाथों और पैरों का अपंग होना.
- पैरों की अंगुलियों का छोटा होना.
- नाक का आकार बिगड़ना.
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कैसे फैलता है कुष्ठ रोग ( What causes leprosy?)
असल में माइकोबैक्टीरियम नामक जीवाणु की वजह से कुष्ठ रोग होता है. जब को एक संक्रमित व्यक्ति छींकता या खांसता है, तो उसकी सांस के जरिए यह संक्रमण फैलता है. कुष्ठ रोग को बहुत ज्यादा संक्रामक नहीं माना जाता है. हां, यह ध्यान रखने वाली बात है कि ज्यादा समय तक ऐसे इंसान के साथ रहने से जिसे कि कुष्ठ रोग है इससे संक्रमित होने की अधिक संभावना होती है.
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क्या और कैसे होता है कुष्ठ रोग इलाज (How is leprosy treated?)
साल 1995 में डब्ल्यूएचओ (WHO) ने हर तरह के कुष्ठ रोग के इलाज के लिए मल्टीड्रग थेरेपी तैयार की थी. अच्छी बात यह है कि यह थेरेपी पूरी दुनिया में फ्री में उपलब्ध है. इसके अलावा एंटीबायोटिक दवाओं से भी इसका इलाज संभव है. आपका डॉक्टर यह तय करता है कि कौन से एंटीबायोटिक इसके लिए इस्तेमाल किए जाने चाहिए. इस रोग में डॉक्टर एक ही बार में एक से ज्यादा एंटीबायोटिक दे सकता है. कुष्ठ रोग का इलाज कई महीनों तक या सालों तक भी चल सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन कुष्ठ रोग के लिए मुफ्त इलाज उपलब्ध कराता है. उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग के मामले में निम्न एहतियात जरूरी है :
- कुष्ठ रोग को फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है कि जल्द से जल्द इसका निदान कर इलाज किया जाए.
- लम्बे समय तक अनुपचारित, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न रहें.
- लक्षणों पर निगरानी रखना और गंभीर मामलों पर ध्यान देना.
- चोट से बचें और घाव को साफ रखें.
- बच्चों में कुष्ठ रोग की संभावना व्यस्कों से अधिक होती है इसलिए बच्चों को हमेशा संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें.
(Source: WHO)
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