तनाव और अल्सरेटिव कोलाइटिस के बीच एक मजबूत संबंध है.
37 साल की नताशा जन्म से ही अल्सरेटिव कोलाइटिस (एक प्रकार का सूजन आंत्र रोग) से पीड़ित है, जिसने न केवल उनकी शरीर से ऊर्जा खत्म कर दी है बल्कि उन्हें अंदर से बेहद कमजोर भी कर दिया है. अल्सरेटिव कोलाइटिस एक सूजन आंत्र रोग है जो लंबे समय तक चलने वाली सूजन और अल्सर के कारण प्रभावित बड़ी आंत (कोलन) और गुदा की आंतरिक परत को प्रभावित करता है. नताशा के शब्दों में, "मुझे बवासीर के साथ-साथ अल्सरेटिव कोलाइटिस है, जो इसे और भी गंभीर बनाता है. हर भोजन के बाद, मुझे घंटों पेट दर्द से परेशान रहना पड़ता है. दिन में कम से कम 8 से 10 बार टॉयलेट जाना पड़ता था. पोषक तत्वों की कमी होने के कारण मेरा हीमोग्लोबिन 5 (जी/डीएल) तक पहुंच गया. मैंने वास्तव में सोचा कि मेरे जीवन के केवल कुछ ही दिन बचे हैं, लेकिन मैं बच गई.
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वह आगे कहती हैं, मुझे पता नहीं था कि जो मेरे साथ हो रहा है उसका क्या कारण था, इसलिए मैंने बाहर के भोजन से पूरी तरह से परहेज किया, जिसने मेरी सामाजिक जिंदगी को बाधित कर दिया. मैं लोगों से मिलना बंद कर दिया. मेरे जीवन में लंबे समय तक निराशा रही. मैं कई डॉक्टरों के पास गई, लेकिन कोई भी मुझे उचित हल नहीं दे पा रहा था. वे मुझे हेल्दी डाइट के लिए प्रोत्साहित करते थे और मुझे हैवी दवाईयां दे देते थे, जो मेरी हालत को और खराब कर रहा था.
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तब नताशा ने मुझसे परामर्श किया. मुझे पता था कि मुझे लक्षणों के मूल कारण तक पहुंचना था, उसकी हालत को समझना था. यह पता लगाना महत्वपूर्ण था कि उसकी समस्या क्या बढ़ रही थी? जब नताशा मेरे पास आई, मुझे एहसास हुआ कि उसकी बीमारी टर्मिनल है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है. हालांकि, डाइट में बदलाव कर वह हेल्दी लाइफ जी सकती है. प्रारंभिक रूप से इन आहार परिवर्तनों का पालन करना आसान नहीं था, लेकिन नियमित आहार परिवर्तन, करीबी निगरानी और परामर्श सत्रों के बाद, उन्होंने अपने पुराने अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षणों पर जीत हासिल की.
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अल्सरेटिव कोलाइटिस के ये हैं लक्षण:
अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण सूजन की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.
- रक्त के साथ दस्त
- पेट दर्द और मरोड़
- रेक्टल पेन
- मलाशय से रक्तस्राव
- ब्लड की हानि के कारण थकान और एनीमिया
एक अन्य प्रकार की सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) क्रोन की बीमारी है जिसमें मुंह से किडनी तक कहीं भी सूजन दिखाई दे सकती है. यह आमतौर पर आंत्र की वॉल्स को प्रभावित करता है.
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तनाव के अलावा इन चीजों के सेवन से बचें:
- मसाले
- नट्स
- कॉर्न/ पॉपकॉर्न
- दूध और दूध से बने प्रोडक्ट
- बीज
- अल्कोहल
- स्मोकिंग
- गेहूं, जई, बाजरा जैसे साबुत अनाज
- हाई फाइबर फ्रूट्स
- हाई फाइबर सब्जियां
तनाव और अल्सरेटिव कोलाइटिस के बीच एक मजबूत संबंध है. तनाव या चिंता आंत की परमाबिलिटी को बढ़ाती है जिससे लीकी बाउल जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. गहरी सांस लें, योग करें और अच्छी नींद से खुद को शांत करने का प्रयास करें.
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मुझे कई ऐसे मामलों का सामना करना पड़ा है जहां व्यक्ति पीड़ित है और इस बात से अनजान है कि आहार और जीवनशैली में बदलाव कर वह हेल्दी लाइफ जी सकता है.
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