Menopause And Osteoporosis: महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल मेनोपॉज के बाद बहुत कम हो जाता है जो प्राकृतिक रूप से हड्डी को मजबूत करता है. यह आंतों से कैल्शियम के अवशोषण में भी हेल्प करता है और किडनी के माध्यम से कैल्शियम का उत्सर्जन कम करता है.
Menopause And Osteoporosis: एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल मेनोपॉज के बाद बहुत कम हो जाता है
खास बातें
- एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल मेनोपॉज के बाद बहुत कम हो जाता है.
- ऑस्टियोपोरोसिस खोखली हड्डियों की बीमारी है.
- मेनोपॉज के दौरान शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है.
Menopause And Vitamin D Deficiency: मेनोपॉज उस अवस्था को कहते हैं जब महिलाओं में पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं. सामान्यतः यह अवस्था तब आती है जब फीमेल सेक्स हार्मोन्स का फंक्शन कमजोर पड़ जाता है. इसके कारण शरीर में कई तरह के छोटे-छोटे बदलाव होने लगते हैं. अक्सर देखा गया है कि महिलाओं में इसके कारण काफी मानसिक तनाव बन जाता है. तनाव का असर शरीर पर भी असर पड़ता है. सामान्य शब्दों में कई बार महिलाएं इसे बुढ़ापे का प्रथम लक्षण मानती हैं, जबकि ऐसा है नहीं, मेनोपॉज बस एक नेचुरल प्रक्रिया है.
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क्या है ऑस्टियोपोरोसिस (What Is Osteoporosis)
ऑस्टियोपोरोसिस खोखली हड्डियों की बीमारी है. ऐसी बीमारी जिसमें हड्डियों की मजबूती और घनत्व कम हो जाता है. इस बीमारी में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण बोन मास कम हो जाता है और हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं. मेनोपॉज के दौरान शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है. कैल्शियम की भारी कमी के कारण महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. क्योंकि कैल्शियम की कमी से बोन मास कम होने लगता है.
महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल मेनोपॉज के बाद बहुत कम हो जाता है जो प्राकृतिक रूप से हड्डी को मजबूत करता है. यह आंतों से कैल्शियम के अवशोषण में भी हेल्प करता है और किडनी के माध्यम से कैल्शियम का उत्सर्जन कम करता है. इसलिए मेनोपॉज के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना 4 गुना अधिक होती है.
कैसे रोकें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा (How To Prevent The Risk Of Osteoporosis)
इससे बचने के लिए विटामिन डी की कमी को पूरा करना ही एक उत्तम उपाय है. हड्डियों को हेल्दी रखने में विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर शरीर को यह विटामिन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता है, तो हड्डियां भी कैल्शियम को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाती हैं. सूरज के संपर्क में आना विटामिन डी पाने का एक नेचुरल तरीका है, लेकिन दूध, अनाज और मछलियों की मदद से विटामिन डी की प्रचुर मात्रा मिलती है. कैल्शियम के लिए केला, ब्रोकोली, और डेयरी प्रोडक्ट जैसे फूड्स भी ले सकते हैं, इनमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है. इसके अलावा फिजिकल एक्सरसाइज भी जरूरी है. मेनोपॉज के बाद अपनी हड्डियों को एक्टिव और फ्लेक्सिबल रखना पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो जाता है. इसलिए फिजिकल एक्सरसाइज विशेष रूप से वेट ट्रेनिंग को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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