Non-Alcoholic Fatty Liver: कभी-कभी ऐसा होता है कि बिना एल्कोहल को कंज्यूम किए या फिर कम मात्रा में एल्कोहल लेने के बावजूद फैटी लीवर की समस्या हो सकती है. इस स्थिति को नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर कहते हैं.
Non-Alcoholic Fatty Liver: हेल्दी डाइट से नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर का खतरा होगा कम
खास बातें
- नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर से बचाव का पहला तरीका इसकी पहचान है
- इससे सिरोसिस का खतरा भी हो सकता है
- हेल्दी डाइट के इस्तेमाल से नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर से बचा जा सकता है
एल्कोहल का सेवन आपके लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है. इससे जहां एक ओर लीवर की फंक्शनालिटी पर असर पड़ता है वहीं भविष्य में गंभीर समस्याएं भी इसकी वजह से हो सकती हैं. कभी-कभी ऐसा होता है कि बिना एल्कोहल को कंज्यूम किए या फिर कम मात्रा में एल्कोहल लेने के बावजूद फैटी लीवर की समस्या हो सकती है. इस स्थिति को नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर कहते हैं. अगर इसका समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो ये सिरोसिस जैसी बीमारी का कारण हो सकता है. नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर तब होता है जब लीवर सेल्स में ज्यादा मात्रा में फैट स्टोर हो जाता है. इस स्थिति मे थकान, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ साथ इन्लार्ज्ड ब्लड वेसेल्स की समस्या भी हो सकती हैं. इस स्थिति में आपकी स्किन भी पीली हो सकती है, इसे इग्नोर न करके इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है, जिससे कि इसका बढ़ना रोका जा सके.
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नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर को किन चीज़ों से बढ़ावा मिलता है?
नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर का कारण अगर एल्कोहल नहीं है तो आप सोच रहे होंगे फिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से आपको ये बीमारी हो सकती है. ऐसी कई चीजें हैं जो फैटी लीवर को पैदा कर सकती हैं और दिनों दिन आपकी कंडीशन को भी खराब कर सकती हैं. कुछ कारक ये भी हो सकते हैं.
- कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल
- मोटापा
- डायबिटीज
- स्लीप एप्निया
- अंडरएक्टिव थायराइड
- ट्राइग्लिसराइड्स या हाई ब्लड फैट
नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लीवर से बचाव के उपाय
इसके बचाव का पहला उपाय ये है कि इसे इग्नोर न किया जाए. दूसरी चीज अगर नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर की समस्या है तो इसके सही इलाज का चयन जरूरी है. खराब होती स्थिति से बचने के लिए आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं. यहां कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानकारी दी गई है जो फैटी लीवर की समस्या को गंभीर होने से रोकने में मददगार हो सकती हैं.
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1. वजन कम करें
यदि आपका वजन ज्यादा है तो आप नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर को रोकने के लिए वजन कम करने की कोशिश करें. इस्तेमाल में लाई जाने वाली कैलोरीज की मात्रा को निश्चित करें. साथ ही वजन कम करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें. रोजाना एक्सरसाइज से फैट घटने के साथ ही लीवर की सूजन कम होती है. अगर वजन कम होगा तो अन्य बीमारियों का खतरा भी कम होगा.
2. एक्सरसाइज करें
फिजिकल एक्सरसाइज मुख्य रूप से आपको स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. हर रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज को देने की कोशिश करें. अगर एक्सरसाइज आपके डेली रुटीन की हिस्सा नहीं है तो अपने डॉक्टर से सलाह लेकर इसकी शुरुआत करें.
3. कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखें
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल आपके खराब स्वास्थ्य के लिए वैसे भी जिम्मेदार हो सकता है. यह आपके दिल के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने के लिए अपनी डाइट में फ्रूट्स और सब्जियों को खूब मात्रा में शामिल करें. साथ ही ऐसे फूड्स को नजरअंदाज करने की कोशिश करें जिनमें फैट की मात्रा ज्यादा होती है.
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4. ब्लड शुगर लेवल को कम करें
डायबिटीज एक ऐसा कारक हो सकता है जो नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर का कारण हो सकता है. अगर आपको डायबिटीज है तो आपको अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने की जरूरत है, जिससे की आप नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर के शिकार होने से बच सकें.
5. हेल्दी डाइट का चुनाव करें
आप जो भी खाते हैं उससे आपका शरीर अंदर और बाहरी दोनों ही प्रकार से प्रभावित होता है. ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करें जिसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो. इनमें फल और सब्जियों की अधिकता हो. साबुत अनाज को भी अपने आहार में शामिल किया जा सकता है.
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