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कैंसर रोगियों को मिली 50 करोड़ रुपये की मदद

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिसंबर माह में करीब 7 करोड़ से अधिक की राशि रोगियों को आवंटित की जानी है.

कैंसर रोगियों को मिली 50 करोड़ रुपये की मदद

कैंसर व दुलर्भ आनुवांशिक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए भारत सरकार ने लगभग 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं. 50 करोड़ रुपये की यह आर्थिक मदद केवल जानलेवा आनुवांशिक बीमारियों से जूझ रहे रोगियों को दी गई है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक नए मामले सामने आने पर मौजूदा वित्त वर्ष में ही सरकार और 50 करोड़ रुपये नए रोगियों की मदद के लिए देगी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के मुताबिक, कैंसर व कैंसर जैसी अन्य जानलेवा बीमारियों से लड़ रहे रोगियों के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये का एक विशेष फंड स्थापित किया है. यह फंड राष्ट्रीय आरोग्य निधि की मुख्य योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में चिन्हित विरल रोगों से ग्रस्त रोगियों के उपचार पर खर्च होना है. 30 नवंबर 2019 तक केंद्र सरकार 100 करोड़ रुपये के इस फंड में से 47 करोड़ 67 लाख रुपये देशभर के विभिन्न रोगियों को उपचार के लिए आवंटित कर चुकी है.

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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिसंबर माह में करीब 7 करोड़ से अधिक की राशि रोगियों को आवंटित की जानी है. दरअसल इस मद में सरकार गरीबी रेखा ने नीचे रहने वाले परिवारों को 15 लाख रुपये तक की एक मुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करती है. खास बात यह है कि वर्ष 2016-17 में कैंसर व अन्य जानलेवा रोगों से ग्रस्त लोगों को कुल 45 करोड़ 84 लाख रुपये की मदद दी गई लेकिन इस वर्ष के शुरुआती 7-8 महीनों में ही इस रकम से अधिक राशि खर्च की जा चुकी है.



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दरअसल सरकार ने रोगियों को जल्द सहायता पहुंचाने के लिए 14 सरकारी सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों व 27 क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों में रिवाल्विंग निधि स्थापित कर दी है. रिवाल्विंग निधि के साथ-साथ इन अस्पतालों के अधिकार में एक-एक करोड़ रुपये व दिल्ली स्थित एम्स के लिए 2 करोड़ रुपये रखे गए हैं. इन अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षक या निदेशकों को इस निधि में से जरूरतमंद रोगियों को पांच लाख रुपये तक का उपचार देने का अधिकार दिया गया है.



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स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, रोगी अपनी आय प्रमाण व राशन संबंधी दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र उपचार करवा रहे अस्पताल में ही जमा करवा सकता है. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा अनुशंसित करने के बाद सभी मायनो में पूर्ण आवेदनों को एक महीने की अवधि में मंजूरी दी जा रही है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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