यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि विशुद्ध रूप से दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर , मक्खन या पूरी तरह वसा युक्त दूध , ह्रदय रोग या दिल का दौरा पड़ने के कारण असमय होने वाली मृत्यु के जोखिम को नहीं बढ़ाते हैं.
एक नए अध्ययन में दुध युक्त उत्पादों के वसा और दिल की बीमारियों से होने वाली मौत के बीच कोई खास संबंध नहीं देखा गया. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इसके उलट ये वसा गंभीर तरह के ह्रदय आघात से सुरक्षा मुहैया कराते हैं. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के सहायक प्राध्यापक मार्सिया ओटो ने कहा, “हमारी खोज न सिर्फ इस बात का समर्थन करती है बल्कि उन प्रमाणों को भी मजबूती देती है जिनके मुताबिक डेयरी फैट बुजुर्गों में दिल की बीमारी होने या जल्दी मौत होने के खतरे को नहीं बढ़ाता है जो लोक मान्यता के ठीक उलट है.''
इस अध्ययन में करीब 22 सालों तक डेयरी फैट में मौजूद वसायुक्त अम्ल (फैटी एसिड) का दिल की बीमारी या मृत्यु कारकों के संबंध को देखने के लिए कई बायोमार्करों का अध्ययन किया गया. इनमें से किसी भी फैटी एसिड का कुल मृत्यु दर से कोई खास संबंध नहीं देखा गया. यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
एक नए अध्ययन में दुध युक्त उत्पादों के वसा और दिल की बीमारियों से होने वाली मौत के बीच कोई खास संबंध नहीं देखा गया. अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि इसके उलट ये वसा गंभीर तरह के ह्रदय आघात से सुरक्षा मुहैया कराते हैं. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के सहायक प्राध्यापक मार्सिया ओटो ने कहा, “हमारी खोज न सिर्फ इस बात का समर्थन करती है बल्कि उन प्रमाणों को भी मजबूती देती है जिनके मुताबिक डेयरी फैट बुजुर्गों में दिल की बीमारी होने या जल्दी मौत होने के खतरे को नहीं बढ़ाता है जो लोक मान्यता के ठीक उलट है.''
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