होम »  स्तनपान & nbsp;»  World Breastfeeding Week: ब्रेस्‍टफीड या पम्पिंग.. क्‍या है ज्‍यादा बेहतर?

World Breastfeeding Week: ब्रेस्‍टफीड या पम्पिंग.. क्‍या है ज्‍यादा बेहतर?

मां का दूध छह (Breastfeeding) महीने तक के नवजात शिशु में प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास करता है, इससे इंफेक्‍शन, कुपोषण, एलर्जी और अन्य जटिलताओं का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, इस पहलू में एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि स्तनपान कराने वाली माताओं को अक्सर पर्याप्त मातृत्व अवकाश नहीं मिलता है. इसलिए, उन्‍हें खुद को ब्रेस्‍टफीड को स्टोर करने और बाद में बच्चे को पिलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

World Breastfeeding Week: ब्रेस्‍टफीड या पम्पिंग.. क्‍या है ज्‍यादा बेहतर?

स्तनपान महिला में ब्रेस्‍ट कैंसर की संभावना को कम करने में मदद करता है.

नई दिल्ली: मां का दूध (Breastfeeding) छह महीने तक के नवजात शिशु में प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास करता है, इससे इंफेक्‍शन, कुपोषण, एलर्जी और अन्य जटिलताओं का खतरा कम हो जाता है. हालांकि, इस पहलू में एक महत्वपूर्ण चुनौती यह है कि स्तनपान कराने वाली माताओं को अक्सर पर्याप्त मातृत्व अवकाश नहीं मिलता है. इसलिए, उन्‍हें खुद को ब्रेस्‍टफीड को स्टोर करने और बाद में बच्चे को पिलाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

World Breastfeeding Week 2019: एक्‍ट्रेस नेहा धूपिया, समीरा रेड्डी ने स्तनपान के बारे में फैलाई जागरूकता

ब्रेस्‍ट पंप (Pumping) इस संबंध में तेजी से फेमस हो रहा है. दरअसल, 8 महीने की अद्या की कामकाजी मां खुशबू मेहरा ने ब्रेस्‍टफीड की बजाय ब्रेस्ट पंपिंग का चयन करना पसंद किया, क्योंकि उनके पास समय कम था और वह ब्रेस्‍ट इंफेक्‍शन से परेशान थीं.



खुशबू कहती हैं, ब्रेस्‍ट पंप काफी अच्‍छा ऑप्‍शन है, क्योंकि यह आपको अपना काम करने और जीवन जीने की स्वतंत्रता देता है. पहले मुझे ब्रेस्‍ट पंप का इस्‍तेमाल करने पर संदेह था, क्योंकि मुझे अपनी ब्रेस्‍ट के एरिया के चारों ओर स्किन इंफेक्‍शन हो रखा था, लेकिन एक बार जब मैंने अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के सुझाव के साथ इसका इस्तेमाल करना शुरू किया, तो मुझे महसूस हुआ कि इसमें कोई खतरा नहीं है. वास्तव में, यह प्रक्रिया काफी आसान है.

World Breastfeeding Week 2019: स्तनपान क्‍यों है महत्वपूर्ण है, जानिए महिलाओं के लिए क्‍यों है ये जरूरी



इस प्रक्रिया को आसान और सुरक्षित बनाने के लिए, ब्रेस्‍टफीड कराने वाली माताओं को कुछ खास बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

कोलंबिया एशिया गाजियाबाद की कंसल्टेंट स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. रंजना बिकोन कहती हैं, ‘ब्रेस्‍ट पंपों का जीवाणुहीन होना आवश्यक है और ब्रेस्‍ट पम्पिंग एक 'शून्य संपर्क' प्रक्रिया होनी चाहिए, अर्थात ब्रेस्‍ट तक आने वाले पंप का कोई भी भाग किसी भी मानवीय स्पर्श से दूर होना चाहिए.'

Breastfeeding Week: 2022 तक हर महीने मनाया जाएगा स्तनपान जागरुकता सप्ताह

दूसरी ओर, कुछ ऐसी माताएं भी हैं, जो ब्रेस्‍ट पंप को सुरक्षित विकल्प नहीं मानतीं. इतना ही नहीं ब्रेस्‍ट पंप को कलंक तक कहा जाता है. इसके अलावा, कुछ का मानना है कि ब्रेस्‍टफीडिंग उचित है, क्योंकि यह नवजात शिशु के स्वास्थ्य में वृद्धि करता है.

14 महीने के सात्विक की दादी मुक्ता देवी ब्रेस्‍ट पंपिंग को सेफ नहीं मानती हैं. वह इसे बच्चे और मां के बीच के संबंध को तोड़ने के समान मानती हैं. वह यह भी मानती हैं कि स्तनपान के कई फायदे हैं, जो शिशु और मां को हेल्‍दी रखते हैं.

मुक्ता देवी ने कहा, इन सभी नए प्रोडक्‍ट्स की तुलना ब्रेस्‍टफीड से नहीं की जा सकती. न केवल इस प्रक्रिया का महत्व स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि स्तनपान मां और नवजात शिशु को भावनात्मक रूप से करीब लाता है. यह एक तरह का अनुभव है, कोई भी इस प्रक्रिया को छोड़ेगा नहीं और बच्चे को दूध पिलाने के लिए किसी नए युग की वस्तु का उपयोग नहीं करेगा.

पारस अस्पताल की स्तनपान, स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका क्रिप्लानी ने इसके बारे में विस्तार से बताया.

स्तनपान महिला में ब्रेस्‍ट कैंसर की संभावना को कम करने में मदद करता है. लंबे समय तक स्तनपान कराने वाले बच्चों में इंफेक्‍शन होने की संभावना भी कम होती है और उनका मानसिक विकास भी बेहतर तरीके से होता है.

World Breastfeeding Week: बच्चों के लिए क्यों ज़रूरी है मां का दूध ? जानें 8 फायदे

अपोलो क्रेडल की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनीभा पांडे कहती हैं, ‘स्तनपान के लिए कोई एक्‍स्‍ट्रा पैसे देने की आवश्यकता नहीं है. यह बहुत सुविधाजनक है, क्योंकि इसमें आपको साफ पानी, हीट फॉर्मूला या पैक बोतलों की आवश्यकता नहीं होती. आपका बच्चा जितना अधिक स्तनपान करेगा, उतना ही दूध का अधिक उत्पादन सुनिश्चित होगा.'

वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक: क्या Breastfeeding वाकई मुश्किल है, आंकडे तो यही कहते हैं...

हालांकि, ब्रेस्‍टफीड करना आसान नहीं है. इस दौरान, एक महिला को कटा-फटा, ड्राई और यहां तक की संक्रमित निपल्स से गुजरना पड़ता है. लेकिन उन बच्चों के बारे में जो विभिन्न कारणों से स्तनपान नहीं कर सकते हैं? उनके लिए मैनुअल पंप या इलेक्ट्रिक पंप एक वरदान की तरह है, जिसके माध्यम से वे मां के पौष्टिक दूध का सेवन कर सकते हैं. इसलिए, स्तनपान और स्तन पंप की कोई तुलना नहीं है. स्तनपान बच्चे के लिए सबसे साफ, जीवाणुहीन और बेहतर है. ऐसे मामले में जहां मां अपने नवजात बच्‍चे को दूध पिलाने में असमर्थ महसूस करती है, पंप बिना किसी परेशानी का विकल्प है. यह पूर्णता मां पर निर्भर करता है.

और खबरों के लिए क्लिक करें.


Promoted
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

हेल्‍थ की और खबरों के लिए क्लिक करें

टिप्पणी

NDTV Doctor Hindi से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook  पर ज्वॉइन और Twitter पर फॉलो करें... साथ ही पाएं सेहत से जुड़ी नई शोध और रिसर्च की खबरें, तंदुरुस्ती से जुड़े फीचर्स, यौन जीवन से जुड़ी समस्याओं के हल, चाइल्ड डेवलपमेंट, मेन्स हेल्थवुमन्स हेल्थडायबिटीज  और हेल्दी लिविंग अपडेट्स. 

वेब स्टोरीज़
--------------------------------विज्ञापन---------------------------------- -