वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लोबल वैश्विक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) दर को 2012 में 38 फीसदी से बढ़ाकर 2025 में 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है और दुनिया भर के शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार किया है. फिलहाल भारत में, केवल 55 प्रतिशत बच्चे स्तनपान करते हैं.
स्तनपान कराने से माताओं और बच्चों दोनों को लाभ मिलता है.
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लोबल वैश्विक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) दर को 2012 में 38 फीसदी से बढ़ाकर 2025 में 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है और दुनिया भर के शिशुओं के स्वास्थ्य में सुधार किया है. फिलहाल भारत में, केवल 55 प्रतिशत बच्चे स्तनपान करते हैं. वैश्विक लक्ष्य को पाने के लिए भारत को डब्ल्यूएचओ ट्रैकिंग टूल के अनुसार, 2025 तक 65.7 प्रतिशत एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) दर तक पहुंचना है. इसे प्रोत्साहित करने के लिए, दुनियाभर में हर साल 1 अगस्त से 7 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, जैसा कि दुनियाभर में ब्रेस्टफीड पर चर्चा के कई प्रयास जारी है और नेहा धूपिया जैसी एक्ट्रेस ने ‘फीड करने की स्वतंत्रता' की मांग की है, हम आपको ब्रेस्टफीड के फायदे बता रहे हैं.
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सबॉप्टीमल ब्रेस्टफीड की वजह से 8,00,000 से ज्यादा नवजात शिशु मारे जाते हैं.
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एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीड (Breastfeeding) से शिशुओं को श्वसन संक्रमण, डायरिया, मोटापा और नॉन-कम्यूनिकबल रोगों जैसे अस्थमा और मधुमेह से सुरक्षा मिलती है.
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जिन बच्चों को पैदा होने के पहले 6 महीनों के दौरान जन्म से ब्रेस्टफीड (Breastfeeding) कराने के अलावा कुछ नहीं दिया जाता है, उनकी हेल्थ अच्छी रहती है. यह शिशुओं और उनके मस्तिष्क के विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करता है. इतना ही नहीं यह विटामिन ई, ए, डी, के, सी, बी 1, बी 2, बी 12, बी 6, फोल्सिन और नियासिन से भी भरपूर होता है.
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स्तनपान कराने से माताओं और बच्चों दोनों को लाभ मिलता है. माताओं में यह स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, गर्भाशय के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह, प्रसवोत्तर अवसाद और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है.
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भारत में ‘अलाइव और थ्राइव' द्वारा विकसित एक ऑनलाइन टूल ‘कॉस्ट ऑफ नॉट ब्रेस्टफीडिंग' के अनुसार, ब्रस्टफीड कराने से स्तन कैंसर, ओवरियन कैंसर की 97,000 और टाइप 2 से परेशान 11,000 से अधिक माताओं में मृत्यु के जोखिम को टाला गया.
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जानिए स्तनपान सप्ताह के बारे में खास बातें
हर साल अगस्त के पहले सात दिन ब्रेस्टफीड वीक मनाया जाता है. इस साल के स्तनपान सप्ताह का विषय है ‘माता-पिता को सशक्त बनाना, स्तनपान को सक्षम करना: अब और भविष्य के लिए.' इसकी शुरुआत 1990 में सरकारी नीति निर्माताओं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स इमरजेंसी फंड) और अन्य संगठनों ने की थी. इनका उद्देश्य ब्रेस्टफीड को प्रमोट, प्रोटेक्ट और सपोर्ट करना था.
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