Heart Disease: तनाव, नशे और खराब जीवनशैली के चलते युवा भी दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. दिल की बीमारियों (Heart Disease) के जानेमाने विशेषज्ञ सी एन मंजुनाथ ने शनिवार को यह जानकारी सामने रखते हुए इस चलन पर अफसोस जाहिर किया.

Heart Disease: विशेषज्ञों में जानकारी साझा करते हुए बताई यह बात
Heart Disease: तनाव, नशे और खराब जीवनशैली के चलते युवा भी दिल संबंधी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. दिल की बीमारियों (Heart Disease) के जानेमाने विशेषज्ञ सी एन मंजुनाथ ने शनिवार को यह जानकारी सामने रखते हुए इस चलन पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस से कहा कि एक समय था जब बच्चे अपने माता-पिता की दिल की बीमारी का इलाज कराने आते थे लेकिन आज परिजन, खासकर भारत में, 20 से 40 साल के आयु वर्ग के अपने बच्चों को दिल संबंधी विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए ला रहे हैं. जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवेस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक मंजुनाथ ने कहा कि अकेलापन और नौकरियां छूटना, तंग आर्थिक स्थिति और जीवनशैली भी युवाओं के बीच दिल संबंधी बीमारियों के लिए जिम्मेदार है.
साथ ही उन्होंने दिल संबंधी बीमारियों के बढ़ते मामलों के लिए शराब, नार्कोटिक ड्रग्स और धूम्रपान के अलावा स्क्रीन की लत को भी जिम्मेदार ठहराया. डॉ मंजुनाथ ने कहा कि स्क्रीन की लत एक मानसिक विकार है जैसा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है. स्क्रीन की लत, चाहे कंप्यूटर की हो या मोबाइल फोन की, अकेलेपन की बड़ी वजहों में से एक है. उन्होंने कहा कि आज लोग भूल रहे हैं कि सादा जीवन कैसे जीना है.
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