नींद नहीं आने की समस्या तो आपने कई बार सुनी होगी लेकिन बार-बार नींद आना भी एक गंभीर बीमारी की तरफ इशारा करता है, जिसे नार्कोलेप्सी कहा जाता है.
विशेषज्ञ के अनुसार फिलहाल इस बीमारी का कोई सही इलाज नहीं है.
खास बातें
- नार्कोलेप्सी एक तरह का नर्वस डिसऑर्डर है.
- इस बीमारी में पीड़ित को कभी भी और कहीं भी नींद आ सकती है.
- विशेषज्ञ के अनुसार फिलहाल इस बीमारी का कोई सही इलाज नहीं है.
आजकल नींद नहीं आने की समस्या तो बेहद आम है. और लोग इस समस्या से निपटने के लिए क्या कुछ नहीं करते, कभी डाक्टर से सलाह लेते हैं तो कभी खुद ही तरह-तरह के घरेलू नुस्खे आजमाते हैं. लेकिन अगर ऐसा हो कि आप काम कर रहे हो और अचानक आपको तेज नींद आ जाए, या फिर आप हर वक्त थकान महसूस करें और कब, कहां, कैसे सो जाए इसका पता भी आपको न चलें. जी हां, नींद नहीं आने की समस्या तो आपने कई बार सुनी होगी लेकिन बार-बार नींद आना भी एक गंभीर बीमारी की तरफ इशारा करता है, जिसे नार्कोलेप्सी कहा जाता है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति अपने नींद के ऊपर से कंट्रोल खो देता है और कभी भी कहीं भी उसे नींद आ सकती है. तो आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में.
नार्कोलेप्सी क्या है ?
नार्कोलेप्सी एक तरह का नर्वस डिसऑर्डर है, जो हमारे नींद के पैटर्न को प्रभाावित करता है और यह डिसऑर्डर सारी उम्र भी रह सकता है. नार्कोलेप्सी होने पर पीड़ित अपने स्लीप साइकिल के ऊपर से कंट्रोल खो देता है और ऐसे में उसे कभी भी कहीं भी नींद आ सकती है. नार्कोलेप्सी दो तरह के होते हैं. पहला कैटेपलेक्सी के साथ नार्कोलेप्सी और दूसरा कैटेपलेक्सी के बिना नार्कोलेप्सी. कैटेपलेक्सी के बिना नार्कोलेप्सी बहुत कॉमन है और ये ज्यादातर बच्चों में होता है. वहीं कैटेपलेक्सी के साथ नार्कोलेप्सी में व्यक्ति अपने शरीर पर कंट्रोल खो देता है और वह अचानक नींद में जाने लगता है या नींद से जगने के बाद जब वह उठने की कोशिश करता है तो उठ नहीं पाता. यह जानलेवा भी हो सकता है, क्योंकि ऐसी स्थिती में इंसान खुद पर से कंट्रोल खो देता है.
नार्कोलेप्सी के कारण
नार्कोलेप्सी का अभी तक कोई सटीक कारण नहीं मिल पाया है. लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह समस्या ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की वजह से भी हो सकती है. वैसे सिर में चोट लगने से, हार्मोन इम्बैलेंस होने से या फिर जेनेटिक कारणों से भी नार्कोलेप्सी होने की संभावना बढ़ जाती है.
नार्कोलेप्सी के लक्षण-
- थकान महसूस होना
- नींद से उठने में परेशानी होना
- काम करते हुए अचानक नींद आ जाना
- बार-बार नींद आना.
- मांसपेशियों पर कंट्रोल खोना
- स्लीप पैरालिसिस
- सिर और फेस में दर्द होना
उपाय
विशेषज्ञ के अनुसार फिलहाल इस बीमारी का कोई सही इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाइयों की मदद से इसके असर को कम करने की कोशिश जरूर की जा सकती है. वैसे सही लाइफस्टाइल और खानपान अपनाकर इसे कम करने की कोशिश की जा सकती है, जैसे-
- पावर नैप लें, इससे फ्रेश महसूस होगा और 3-4 घंटें तक नींद भी नहीं आएगी
- सोने का टाइम फिक्स करें और भरपूर नींद लें
- कैफीन और शराब के सेवन से बचें
- हल्का खाना खाएं, हैवी खाने से नींद आ सकती हैं
- वजन को कंट्रोल में रखें
- एक्सरसाइज करें
- नार्कोलेप्सी के लक्षण दिखने पर डाक्टर से तुरंत संपर्क करें.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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