Covid Vaccination Faq India: यहां जानें वैक्सीनेशन से जुड़े हर सावल का जवाब और ब्रेकथ्रू इंफेक्शन यानी वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण का शिकार हुए लोगों की संख्या के बारे में और ये भी कि 2 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन आखिर कब लगेगी...
Covid 19 Vaccine Faqs: यहां जानें वैक्सीनेशन से जुड़े हर सावल का जवाब
Covid 19 Vaccine Faqs: देश में कोविड-19 के खिलाफ वैक्सीनेशन चल रहा है. इस बीच हवा में बहुत से सवाल घूम रहे हैं. वैक्सीन कब लगवाएं, वैक्सीन के साइड इफेक्ट क्या हैं, क्या गर्भवती भी वैक्सीन ले सकती हैं. वैक्सीन का दूसरा डोज कब लें, क्या हो अगर वैक्सीन के बाद भी संक्रमण हो जाए, संक्रमण से ठीक होने के कितने दिन बाद वैक्सीन लें. यहां जानें हर सावल का जवाब और ब्रेकथ्रू इंफेक्शन यानी वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण का शिकार हुए लोगों की संख्या के बारे में और ये भी कि 2 से 18 साल तक के बच्चों को वैक्सीन आखिर कब लगेगी...
सबसे पहला सवाल टीका कब लगवाएं?
सरकार की ओर से बताया गया है कि यदि वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोई कोरोना संक्रमित हो जाता है तो दूसरी डोज तीन माह बाद ली जानी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीनेशन के नियमों में एक और बदलाव करते हुए यह बात कही गई है. NEGVAC यानी द नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेन फॉर कोविड-19 की ओर से यह बात कही गई है. नई सिफारिशों में यह भी कहा गया है कि कोरोना से रिकवरी के तीन महीने तक वैक्सीनेशनल टालना चाहिए.
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क्या ब्रेस्ट फीड करा रही महिलाएं ले सकती हैं वैक्सीन
NEGVAC ने यह भी बताया कि स्तनपान कराने वाली महिलाएं कोरोना का टीका लगवा सकती हैं. गर्भवती महिलाओं में टीका लगवाने को लेकर अभी मामला विचारधीन है. जिन मरीजों को प्लाज्मा दिया गया हो, वैसी हालत में अस्पताल से छुट्टी के 3 महीने बाद वे टीका ले सकते हैं.
अगर कोई हो जाए एक डोज के बाद संक्रमित
पहली डोज लेने के बाद अगर संक्रमित हो जाएं, तो दूसरी डोज 3 महीने बाद ली जानी चाहिए. लेकिन अगर कोई दूसरी गंभीर बीमारी हुई है और अस्पताल या ICU में दाखिल हुआ हो, तो उन्हें 4 से 8 हफ्ते बाद ही कोरोना का टीका लेना चाहिए.
क्या कोराना का टीका लेने के बाद कर सकते हैं ब्लड डोनेट
कोरोना का टीका लेने के 14 दिन बाद ब्लड डोनेट किया जा सकता है. अगर कोई कोरोना संक्रमित हो तो RTPCR निगेटिव आने के बाद ब्लड डोनेट कर सकता है. टीका लेने से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट जरूरी नहीं है.
अब रुख करते हैं खबर का. खबर देश में वैक्सीनेशन के बीच सामने आ रहे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन की. यानी कि वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण के मामले मिल रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को इसपर ताजा आंकड़े साझा किए हैं. देश में फिलहाल दो वैक्सीन- भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड लग रही है.
कोवैक्सीन में कितना हुआ संक्रमण
आंकड़ों के मुताबिक, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगवाने के बाद कुल 23,940 संक्रमण के मामले सामने आए हैं. यह कुल वैक्सीनेशन का 0.13% है.
वहीं, अगर अलग-अलग डोज़ के बीच की संक्रमण दर देखें तो कोवैक्सीन की पहली डोज के बाद 18,427 लोग कोविड से संक्रमित हुए हैं, वहीं दूसरी डोज़ के बाद 5,513 लोग संक्रमित हुए हैं.
अब रुख करते हैं कोविशील्ड की तरफ
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड लगवाने वाले कुल लोगों मे से 1,19,172 लोगों में कोरोना का संक्रमण दोबारा हुआ है, जोकि कुल कोविशील्ड वैक्सीनेशन का 0.07% है.
इस वैक्सीन का पहला डोज़ लगवाने के बाद कुल 84,198 लोग संक्रमित हुए हैं, वहीं दूसरी डोज़ के बाद 34,974 लोगों को कोविड का संक्रमण वैक्सीन लगवाने के बावजूद हुआ है.
21 अप्रैल के आंकड़े...
इसके पहले स्वास्थ्य अधिकारियों ने ब्रेकथ्रू इंफेक्शन पर 21 अप्रैल को भी आंकड़े साझा किए थे. उस वक्त बताया गया था कि उस तारीख तर कोवैक्सीन को 1.1 करोड़ लोगों ने लिया है, जिसमें पहली डोज लेने के बाद 4,208 और दूसरी डोज लेने के बाद 695 लोग पॉजिटिव हुए हैं.
कोरोना से ठीक होने के बाद कब लगवाएं वैक्सीन, जानें
अब बात कर लेते हैं बच्चों की...
कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे देशवासियों के लिए एक अच्छी खबर आई है. 2 से 18 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की राह आसान होती दिख रही है. नीति आयोग के वरिष्ठ सदस्य वीके पॉल ने मंगलवार को घोषणा की कि 2-18 साल के बच्चों पर कोवैक्सिन का दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रॉयल अगले 10-12 दिनों में शुरू होगा.
आपको बता दें अधिकांश देशों ने अभी तक बच्चों के लिए किसी टीके को मंजूरी नहीं दी है. पिछले हफ्ते, अमेरिका ने फाइजर और बायोएनटेक के COVID-19 वैक्सीन को 12 साल से 15 साल की उम्र के बच्चों में इस्तेमाल के लिए अधिकृत किया था. कनाडा ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों में फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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