कॉर्न फ्लेक्स में शुगर के रूप में हाई फ्रक्टोस कॉर्न सिरप पाया जाता है. यह एक प्रकार की चीनी है जिसे आम भाषा में कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है, यह रासायनिक रूप से मीठे-स्वाद वाले तत्वों की श्रेणी से संबंधित है.

दैनिक जीवन में हम सब कुछ जल्दी करना चाहते हैं. जब हम अपने दिन की शुरुआत करते हैं, तो भागदौड़ के कारण हम जल्दबाजी में नाश्ता करना चाहते हैं, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप नाश्ता कितनी जल्दी करते हैं, जरूरी है इसका हेल्दी और पौष्टिक होना. कॉर्न फ्लेक्स और दूध लोकप्रिय ब्रेकफास्ट में से एक है. दिन की शुरुआत के लिए हेल्दी ब्रेकफास्ट बेहद जरूरी है, लेकिन कॉर्न फ्लेक्स का स्वास्थ्य के साथ क्या कनेक्शन है, ये आपको पता होना चाहिए. इसमें मक्का और चीनी के अलावा हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप भी पाया जाता है. कॉर्न फ्लेक्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) की हाई मात्रा होती है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) युक्त खाद्य पदार्थ रक्त प्रवाह में चीनी का स्तर बढ़ाते हैं.
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अध्ययनों के मुताबिक, कॉर्न फ्लेक्स में लगभग 350 कैलोरी होती है. इसमें मौजूद हाई कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मधुमेह के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है. भले ही कॉर्न फ्लेक्स में वसा कम होती है, फिर भी उनमें मौजूद चीनी की मात्रा फैट बढ़ाती है.
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कॉर्न फ्लेक्स में शुगर के रूप में हाई फ्रक्टोस कॉर्न सिरप पाया जाता है. यह एक प्रकार की चीनी है जिसे आम भाषा में कार्बोहाइड्रेट कहा जाता है, यह रासायनिक रूप से मीठे-स्वाद वाले तत्वों की श्रेणी से संबंधित है. बहुत से लोग बेहतर स्वाद के लिए दूध में कॉर्न फ्लेक्स के अलावा चीनी या शहद मिलाना पसंद करते हैं, लेकिन यह केवल आपके भोजन में चीनी की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे वजन बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.

हालांकि सेल्स को इसकी जरूरत होती है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. अधिक मात्रा में मीठा खाने से दांत खराब होना, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. कई अध्ययनों में इस बात का पता चला है कि हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए मीठे का कम सेवन करना चाहिए.
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एक्स्ट्रा शूगर वाले सभी संसाधित खाद्य पदार्थ उच्च ग्लाइसेमिक भोजन की श्रेणी में आते हैं, जो मधुमेह की संभावनाओं को बढ़ाते हैं. कॉर्न फ्लेक्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी हाई होता है. कार्बोहाइड्रेट होने के कारण कॉर्न फ्लेक्स से ब्लड ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है. इससे शरीर में इंसुलिन की मांग बढ़ती है और टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा रहता है.
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यह कहना सही होगा कि कॉर्न फ्लेक्स के बारे में धारणा पर पुनर्विचार की जरूरत है, क्योंकि इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं और मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे से जुड़ी बीमारियों होने का भी खतरा रहता है.
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