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क्यों ज्यादातर लड़कियां ही होती हैं एनिमिया की शिकार? जानें क्या हैं आयरन की कमी से बचने के उपाय

Nutritional deficiency : भारत में लगभग 240 मिलियन युवा हैं, जिनमें से 120 मिलियन लड़कियां हैं.

क्यों ज्यादातर लड़कियां ही होती हैं एनिमिया की शिकार? जानें क्या हैं आयरन की कमी से बचने के उपाय

Iron Deficiency Anemia: भारत में लगभग 240 मिलियन युवा हैं, जिनमें से 120 मिलियन लड़कियां हैं. 2030 एसडीजी (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) के अनुसार, इस अवधि के दौरान हासिल किए जाने वाले टारगेट की लिस्ट में महिलाएं, बच्चे और लड़के ज्यादा स्वस्थ हैं.  भारत में जन्म के समय लगभग एक तिहाई न्यू बोर्न बेबीस का वजन 2.5 किलोग्राम से कम होता है.  बच्चों का डेड बोर्न होने, बोर्न होने के पहले कुछ दिनों के भीतर ही डेड होने का खतरा बहुत होता है.

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Iron Deficiency Anemia: हार्मोनल बदलाव के दौरान पोषण की कमी एनिमिया के कारण बन सकते हैं. 

भारत में चाइल्ड डेवलपमेंट की समस्या कम वजन के कारण से बनी हुई है, लेकिन लड़कियों की सेहत बेहद महत्वपूर्ण है, न केवल इसलिए क्योंकि वे फ्यूचर की मां हैं, बल्कि इसलिए भी कि न्यूट्रिशन न मिलने से उन्हें अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमता प्राप्त करने में मदद मिले ताकि वे स्वस्थ, सुखी जीवन जी सकें. शरीर के वजन को बनाए रखना, विटामिन और मिनरल की कमियों से बचना और खाने की आदतों को बनाए रखना जरूरी है. लड़कियों का शरीर कही अधिक जटिल है और इसलिए प्रो-क्रिएशन की तैयारी के लिए बहुत सारे बदलावों से गुजरना पड़ता है.


एक बार जब लड़कियां य़ूथ हो जाती हैं तो शरीर 2 हार्मोन-एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का बनाना शुरू कर देता है. ये हार्मोन शरीर में कई बदलावों का कारण बनते हैं और मासिक धर्म की शुरुआत के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. लड़कियों में इससे आयरन की कमी वाले एनीमिया से पैदा होने वाले कुपोषण और दूसरी बीमारियों के शिकार होने की संभावना ज्यादा होती हैं. भरपूर न्यूट्रिशन न मिलने से देरी से सेक्सुअल मैच्योरिटी आना, डेवलपमेंट न होने जैसी परेशानियां हो सकती हैं. 
ऐसे तमाम कारणों से होने वाली प्रोब्लम्स को बेहतर न्यूट्रिशन से ठीक किया जा सकता है.
 

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1. आयरन : आयरन सबसे जरूरी न्यूट्रिशन में से एक है क्योंकि यह हीमोग्लोबिन का सबसे अच्छा श्रोत है. सेक्सुअल मैच्योरिटी के दौरान मासिक धर्म की शुरुआत से खून में बहुत कमी आती है जिससे एनीमिया हो सकता है. बल न्यूट्रिशन रिपोर्ट 2017 के अनुसार, भारत में अपनी प्रजनन आयु (15 से 49 वर्ष) वाली लगभग 15% महिलाएं एनीमिक हैं.आयरन की जरूरत को पूरा करने के लिए, हरी सब्जियां, बीन्स, दाल, साबुत अनाज, काजू का सेवन करने की सलाह दी जाती है. 

2. आयोडीन : आयोडीन को थाइरॉयड हार्मोन के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है जो शरीर की वृद्धि और विकास के लिए जिम्मेदार होते हैं. लड़रकियों में आयोडीन की कमी से मानसिक विकास, हाइपोथायरायडिज्म, और शारीरिक विकास की समस्या हो सकती है. खाने में आयोडीन का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत आयोडीन युक्त नमक है.

3. विटामिन ए : यह विटामिन कंकाल और कोमल टिशू, झिल्ली, दांत और स्किन बनाने और रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण है. यह रेटिना पिगमेंट को बनाने के लिए भी जिम्मेदार है, जिससे अच्छे विजन को बढ़ावा मिलता है. गंभीर मामलों में, लंबे
समय तक कमी रहने से दृष्टि का पूर्ण नुकसान हो सकता है. स्किम्ड मिल्क, कॉड लिवर ऑयल, अंडे, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, नारंगी/पीले फल और सब्जियां, पालक, ब्रोकली विटामिन ए के बेहतरीन स्रोत हैं.

4. कैल्शियम और विटामिन डी : युवावस्था में शरीश काफी तेजी बढ़ता है. अगर लड़कियों की हड्डियों में कैल्शियम के नहीं बन पा रहा है तो उनकी उम्र के 40-50 साल में ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियां) की समस्या पैदा हो सकती है, जब ओवेरियन हार्मोन के स्तर गिरने के कारण महिलाओं में हड्डियों से कैल्शियम कम होना  शुरू हो जाता है. लड़कियों को हर दिन कम से कम दो गिलास दूध पीना चाहिए और हफ्ते में दो बार या इससे अधिक धूप में कम से कम 15-30 मिनट बैठना चाहिए.

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Food For Iron Deficiency: लड़कियों को हर दिन कम से कम दो गिलास दूध पीना चाहिए.

महिलाओं के लिए कुछ जरूरी न्यूट्रिशन : प्रोटीन, ज़िंक, विटामिन बी12, पोटेशियम, मैंगनीज, सोडियम और मैग्नीशियम हैं. इन पोषक तत्वों को दैनिक आहार में संतुलित रूप से शामिल करने से विभिन्न स्थितियों जैसे एनीमिया, खाने के विकार, चिंता, बालों के झड़ने में वृद्धि, त्वचा से संबंधित विकार जैसे मुँहासे, पिंपल्स, पिगमेंटेशन आदि को रोका जा सकता है. आवश्यक पोषक तत्वों की कमी सीधे किसी महिला की ऊंचाई, वजन, दिमाग के विकास को प्रभावित करती है.

यह लेख डॉ. बिनीता प्रियंबदा, सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल टीम Docprime.com के मार्गदर्शन में लिखा गया है.


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