How to produce more breast milk: यहां है कुछ भारतीय आहार जो मां के दूध यानी ब्रेस्ट मिल्क को बढ़ाने का काम करते हैं.
ऐसे आहार जो मां के दूध को बढ़ाने में करेंगे मदद.
हम सभी जानते हैं कि नवजात को उसके जीवन के पहले 6 महीने मां का दूध ही पिलाना चाहिए. इस दौरान उसे मां के दूध के सिवाए कुछ और नहीं दिया जाना चाहिए. मां का दूध बच्चे को सभी बीमारियों से बचाता है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन, (WHO) भी शिशु के जन्म के पहले छह महीने तक सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं. यही वजह है कि कहा भी जाता है जो मां खाती है वही बच्चे को भी लगता है. यह वजह है कि नई मांओं को अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. तो क्या-क्या होना चाहिए एक नई मां के आहार में और अपने आहार में किन बदलावों के बाद मां बढ़ा सकती हैं अपना ब्रेस्ट मिल्क (Breast milk) ये हम आपको बता रहे हैं. हर मां को अपने बच्चे के साथ स्तनपान का वह खास समय बहुत पसंद होता है. लेकिन कई बार यह कड़वा अनुभव साबित होता है जब मां अपने दूध से बच्चे का पेट नहीं भर पाती. ऐसे में न ही मां संतुष्ट हो पाती हैं न ही बच्चा. घबराएं नहीं, इसके लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव कर सकते हैं. यहां हम आपको ऐसे फूड के बारे में बता रहे हैं जिससे ब्रेस्ट मिल्क बनने में मदद मिलेगी.
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आहार जो मां के दूध को बढ़ाने का काम करते हैं
1. सुवा के पत्ते: सुवा के पत्तों को इंग्लिश में डिल लीव्स (Dill Leaves) कहा जाता है. माना जाता है कि यह स्तन का दूध बढ़ाने में बहुत मददगार होते हैं. यह स्वाद में भी बहुत अच्छे होते हैं. यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं.इंग्लिश में डिल लीव्स (Dill Leaves), हिंदी में सुवा (Suva in Hindi) और मराठी में शेपू (Shepu in Marathi) स्तन का दूध बढ़ाने के लिए बहुत अच्छे साबित होते हैं. इसके साथ ही यह स्वाद में भी बहुत अच्छे होते हैं. यह पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करते हैं.
2. मेथी दाना : अगर आपने ध्यान दिया हो तो भारत में जच्चा को मेथी के लड्डू खिलाए जाते हैं. असल में यह उनकी सेहत के लिए अच्छे हैं. मेथी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में कारगर है. मेथी को अंकुरित कर दूध के लेने से फायदा मिल सकता है.
3. सौंफ: सौंफ के लड्डू ज्यादातर जच्चा को दिए जाते हैं. इन्हें दूध के साथ दिया जाता है. सौंफ डीलिवरी के बाद कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाती है. सौंफ में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है. इसके साथ ही सौंफ में ओस्ट्रेजेनिक (Oestrogenic properties) कारक होते हैं जो लेक्टेशन (lactation) में मददगार होते हैं.
4. मेवे : ड्राई फ्रूट्स को आहार में शामिल कर आप दूध की कमी को दूर कर सकती हैं. ड्राई फ्रूट्स यानी मेवे फायदेमंद हो सकता है. स्तनपान के दौरान ड्राई फ्रूट्स आपको जरूरी विटामिन और पोषक तत्व देने में मदद करेंगे जो लेक्टेशन में मददगार होंगे. ड्राई फ्रूट्स में विटामिन, मिनरल के साथ ही ओमेगा-3 भी स्तनपान के दौराना बहुत मददगार साबित होगा.
5. खूब पानी पिएं : जी हां, जितना जरूरी पोष्टिक चीजें खाना है उतना ही पानी पीना भी. लेकिन दुख की बात यह है कि हमारे देश में ज्यादातर बुजुर्ग महिलाएं जच्चा को कम पानी पीने की सलाह देती हैं. असल में ब्रेस्ट मिल्क 70 फीसदी पानी होता है. तो यह जरूरी हो जाता है कि स्तनपान के दौरान खूब पानी पिया जाए. दूध और जूस जैसे लिक्विड लेते रहने से ब्रेस्ट मिल्क की कमी नहीं होती. डॉक्टर भी सभी महिलाओं को सलाह देते हैं कि ब्रेस्ट फीडिंग तक भरपूर मात्रा में लिक्विड लें.
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