अस्पतालों में दर्ज 49,829,753 जन्मों का विश्लेषण किया और पाया कि प्रसव के दौरान 1,061 महिलाओं को दिल का दौरा पड़ा.
महिलाओं के गर्भवती होने के दौरान, जन्म देने या प्रसव के दो महीने के बाद उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है. अमेरिका के एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है. जर्नल मायो क्लिनिक प्रोसीडिंग में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि कई महिलाओं के बीच अधिक उम्र में बच्चों को जन्म देने की प्रवृत्ति का बढ़ना इसका एक संभावित कारण हो सकता है. साथ ही दिल के दौरा का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है, विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान.
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय लांगोन हेल्थ के शोध के सह लेखक श्रीपाल बेंगलोर ने कहा, "एक दशक की सबसे बड़ी समीक्षा के बाद हमारा विश्लेषण दिखाता है कि गर्भावस्था माताओं के शरीर और उनके दिल पर कितनी तनावपूर्ण साबित हो सकती है, इससे शारीरिक परिवर्तन हो सकते हैं और यह संभावित रूप से उन जोखिम वाले कारकों पर से पर्दा उठाती है जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है."
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं में मोटापे या मधुमेह से पीड़ित होने की संख्या में वृद्धि हुई है, जो कि दिल के दौरे के प्रमुख जोखिम कारकों में से हैं.
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए अस्पतालों में दर्ज 49,829,753 जन्मों का विश्लेषण किया और पाया कि प्रसव के दौरान 1,061 महिलाओं को दिल का दौरा पड़ा.
उन्होंने यह भी पाया कि जन्म से पहले 922 महिलाओं को म्योकॉर्डियल इंफाक्र्शन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और जन्म के बाद स्वास्थ्य में सुधार की अवधि के दौरान 2,390 महिलाओं को दिल का दौरा पड़ा.
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