साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमीक्रोन ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' माना है और कोरोना के पिछले सभी वैरीएंट से ज्यादा तेजी से फैलने वाला और खतरनाक वैरीएंट बताया है. कोरोना के इस नए वैरिएंट के खतरे की घंटी सुनाई देने के साथ ही केंद्र सरकार ने इसे लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं.
एयरपोर्ट कोविड वेरिएंट ओमिक्रॉन कोलेकर भारत में खास सतर्कता बरती जा रहा है
Omicron Variant: साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के खतरनाक वैरिएंट ओमीक्रोन ने पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना वायरस का ये नया वैरिएंट अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट बताया जा रहा है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' माना है और कोरोना के पिछले सभी वैरीएंट से ज्यादा तेजी से फैलने वाला और खतरनाक वैरीएंट बताया है. परेशान करने वाली बात ये है कि ये नया वैरिएंट उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले भी संक्रमित हो चुके हैं या जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवा लिए हैं. कोरोना के इस नए वैरिएंट के खतरे की घंटी सुनाई देने के साथ ही केंद्र सरकार ने इसे लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. जिन देशों में कोविड-19 का नए वैरिएंट ओमीक्रोन का पता चला है, वहां सेफ्लाइट्स के जरिये भारत आने वाले यात्रियों को कुछ खाए एंट्रृी रूल्स का पालन करने की जरूरत होगी.
आइए जानते हैं क्या हैं एंट्री रूल्स
- भारत आने वाले हर इंटरनेशनल पैसेंजर को स्वघोषणा फॉर्म भरना होगा और निगेटिव RT-PCR रिपोर्ट दिखानी होगी. यदि वे इन दो शर्तों में से किसी को भी पूरा नहीं करते हैं तो भारत में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
- दक्षिण अफ्रीका जैसे 'जोखिम वाले' देशों ('at-risk' nations)से आने वाले यात्रियों को भारत पहुंचने के बाद RT-PCR टेस्ट के लिए सैंपल देना होगा. पॉजिटिव पाए किसी भी शख्स का क्वारंटाइन किया जाएगा और उसका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा.
- जोखिम वाले देशों के जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्होंने भी घर में सात दिनों तक क्वारंटाइन रहना होगा. आठवें दिन उनका फिर टेस्ट किया जाएगा.
- ऐसे देशों से आ रहे लोगों को भी, जिन्हें जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं रखा गया है, रैंडम सैंपलिंग से गुजरना होगा. किसी का सैंपल पॉजिटिव आने की स्थिति में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा जाएगा और उसे क्वारंटाइन किया जाएगा.
- ऐसे देशों से आने वाले लोगों, जो कि जोखिम वाले देशों की श्रेणी में नहीं हैं और जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, को भी कम से कम दो हफ्ते अपनी सावधानीपूर्वक निगरानी की सलाह दी गई है.
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