केरल सरकार ने घोषणा की है कि प्रभावित स्थानों पर विष-रोधी दवा उपलब्ध करा दी गई है.
केरल में बाढ़ का पानी कम होने के बाद राहत शिविरों से अपने घरों को लौट रहे लोगों को सांपों और अन्य ऐसे जीवों और कीड़ों का सामना करना पड़ रहा है. मलप्पुरम में सांप पकड़ने वाला एक व्यक्ति मुस्तफा इस समय काफी व्यस्त है. पिछले दो दिनों में पानी कम होने के बाद से वह लगभग 100 सांप पकड़ चुका है. एर्नाकुलम जिले के अंगमली में एक अस्पताल में सर्पदंश के 52 पीड़ितों का इलाज चल रहा है.
त्रासदी में अबतक लगभग 370 लोगों की मौत हो चुकी है, लगभग 10 लाख लोग बेघर हो गए हैं तथा निजी और सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है.
त्रिसूर जिले के चलकुडी में सोमवार रात अपने घर की स्थिति देखने आए एक आदमी को घर में मगरमच्छ मिला. आश्चर्यचकित व्यक्ति और उसके पड़ोसियों ने जल्दी से उसे पकड़कर रस्सी से बांध दिया.
लगभग एक सदी में सबसे विनाशकारी बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में त्रिसूर और इसके अलावा अलप्पुझा, पथनामथित्ता, इडुक्की, कोझिकोड, एर्नाकुलम, मलप्पुरम और वायनाड जिले हैं.
सांप पकड़ने वाले व्यक्ति ने बताया कि "बाढ़ के पानी के साथ सांप आना स्वाभाविक है और तालाबों और नदियों में बाढ़ आने पर अन्य कीड़े भी आ जाते हैं. अपने घरों को लौट रहे लोगों को सतर्क रहना चाहिए और उन्हें जूतों, टूटे हुए टाइलों या गीली लकड़ियों में हाथ नहीं डालने चाहिए."
पथनामथित्ता से आईं रपटों के अनुसार, अपने घरों को साफ करने आए कई लोग वहां सांप देखकर भाग गए.
केरल सरकार ने घोषणा की है कि प्रभावित स्थानों पर विष-रोधी दवा उपलब्ध करा दी गई है.
इनपुट आईएएनएस
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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