नौ महीने की नियमित प्रतिरोधक प्रशिक्षण से सामान्य रूप से प्रशिक्षण व शारीरिक गतिविधि के प्रति वास्तविक रूप से प्रेरणा में वृद्धि हुई.
प्रतीकात्मक फोटो
बहुत से लोगों में शुरुआत में बनाई गई योजना के मुताबिक, व्यायाम के तरीके का पालन नहीं कर पाने के पीछे प्रेरणा की कमी बड़ा कारक है. लेकिन, कुछ महीनों की प्रतिरोधक प्रशिक्षण से इसमें बदलाव आ सकता है, जिसमें बार-बार इसके लिए प्रेरित कर लोगों में शारीरिक गतिविधि के प्रति वास्तविक रुचि जगाई जा सकती है.
प्रतिरोधक प्रशिक्षण (रेसिस्टेंस ट्रेनिंग) उम्र बढ़ने के दौरान मांसपेशियों की ताकत व कार्यात्मक क्षमता को बनाए रख सकती है और बुजुर्ग लोगों के लिए हफ्ते में इसकी दो बार सिफारिश की जाती है.
स्कैंडिनेवेयन जर्नल ऑफ मेडिसीन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, यह व्यायाम प्रेरणा में सुधार करता है और बुजुर्गो के बीच व्यायाम की योजना बनाने में योगदान देता है.
शोध में व्यायाम प्रेरणा, व्यायाम योजना और व्यायाम स्व-प्रभाव पर नौ महीने के दौरान निगरानी में दिए गए प्रतिरोधक प्रशिक्षण के प्रभावों की जांच की गई.
इस शोध में 105 स्वस्थ बुजुर्गो को शामिल किया गया था, जिनकी आयु 65-75 साल के बीच थी. इन लोगों ने मूल रूप से व्यायाम के लिए निर्धारित शारीरिक गतिविधि दिशानिर्देशों को पूरा नहीं किया था. इन्होंने पूर्व में कोई प्रतिरोधक प्रशिक्षण नहीं लिया था.
फिनलैंड के जैवस्कीला विश्वविद्यालय की शोधकर्ता टियाया केकालाइन ने कहा, "नौ महीने की नियमित प्रतिरोधक प्रशिक्षण से सामान्य रूप से प्रशिक्षण व शारीरिक गतिविधि के प्रति वास्तविक रूप से प्रेरणा में वृद्धि हुई."
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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