यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंत और पेट के अंदरूनी हिस्सों में स्वेलिंग की शिकायत होने लगती है. इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के चलते पेट में कोई न कोई समस्या लगातार बनी रहती है और इसीलिए वक्त पर इसका इलाज बेहद जरूरी है.
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज हमारे पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी एक बीमारी है.
इंफ्लेमेटरी बाउल डिसीज (IBD) पेट से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. इस बीमारी के लक्षण शुरू में बिल्कुल सामान्य लगते हैं लेकिन जब यह बीमारी गंभीर रूप लेने लगती है तो आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें आंत और पेट के अंदरूनी हिस्सों में स्वेलिंग और दर्द की शिकायत होने लगती है. इंफ्लेमेटरी बाउल डिसीज के चलते पेट में कोई न कोई समस्या लगातार बनी रहती है और इसीलिए वक्त पर इसका इलाज बेहद जरूरी है.
IBD है क्रॉनिक डिसीज
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज हमारे पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी एक बीमारी है. यह बीमारी इस बात का इशारा होती है कि पेट में एक साथ कई बीमारियों ने घर बना लिया है और इसीलिए इस बीमारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन की समस्या सामने आती है.
कारण
हमारे शरीर के पाचनतंत्र में सूजन आने की कोई एक पक्की वजह नहीं होती है लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स बैक्टीरिया और वायरस को इसकी वजह मानते हैं. क्योंकि ये एंटिजंस हमारे पाचन तंत्र और आंतों में सूजन आने के कारणों को बढ़ाने का काम करते हैं. इसके अलावा यह बीमारी अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है जिनके कारण शरीर में इस तरह का ऑटोइम्यून रिस्पॉन्स देखने को मिलता है.
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लक्षण
शुरुआती दौर में इस बीमारी के कुछ खास लक्षण नहीं दिखते हैं और इसी वजह से अक्सर ही रोगी इन्हें नजरअंदाज कर देता है और यह बीमारी गंभीर हो जाती है. इस बीमारी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं क्योंकि ये लक्षण इस बात पर निर्भर हैं करते हैं कि यह बीमारी रोगी के पाचनतंत्र के किस हिस्से में हो रही है. आमतौर पर रोगी में पेट में तेज दर्द, पेट दर्द का लगातार बने रहना, पॉटी के साथ खून आना, डायरिया और मितली आने की समस्या देखने को मिलती है.
इलाज
इस बीमारी का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि रोगी की बीमारी कितनी एडवांस स्टेज में है. बीमारी की स्थिति और गंभीरता को देखते हुए ही इस बीमारी का इलाज संभव है और इसलिए केवल हेल्थ एक्सपर्ट्स रोगी के पूरे चेकअप के बाद ही ट्रीटमेंट तय करते हैं. इस बीमारी से बचने के लिए शुद्ध भोजन और संतुलित जीवनशैली के साथ काफी हद तक असरदार है. जो लोग इस बीमारी का सामना कर चुके लोगों को फास्ट फूड और तला-भुना मसालेदार खाने से दूरी बनानी चाहिए.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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