ये पैटर्न आपके ख़राब स्वास्थ्य और गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी देते हैं. इन पैटर्न की मदद से ये जाना जा सकता है कि आपका स्वास्थ्य की स्थिति क्या है. हालांकि ये सिर्फ प्राथमिक लक्षण ही होते हैं.
रोज़ाना जीभ को सही तरीके से साफ करने की आदत डालें
हम सभी सुबह उठकर आइने में अपना चेहरा ज़रूर निहारते हैं. लेकिन क्या आप कभी अपनी जीभ को देखते हैं या उसकी जांच करते हैं? क्या आप जानते हैं कि अक्सर डॉक्टर्स क्यों आपके बीमार होने के वक्त आपकी जीभ की जांच करते हैं. इस सवाल का जवाब हमारे पास है. ऐसा करने की एक बड़ी वज़ह ये है कि आपकी जीभ का आपके पूरे शरीर के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. आपकी जीभ का रंग आपके खाने, आपकी दवा, और पेय पदार्थों के आधार पर बदलता है. इसके अलावा धूम्रपान करने की वज़ह से भी आपकी जीभ का रंग बदलता है. लेकिन इन सबके अलावा जीभ के पैटर्न आपकी डाइट, नींद की कमी, बीमारी, बैक्टीरिया और अन्य कारणों की वज़ह से भी बदलते हैं. ये पैटर्न आपके ख़राब स्वास्थ्य और गंभीर बीमारियों के बारे में जानकारी देते हैं. इन पैटर्न की मदद से ये जाना जा सकता है कि आपका स्वास्थ्य की स्थिति क्या है. हालांकि ये सिर्फ प्राथमिक लक्षण ही होते हैं.
अगर आपकी जीभ पर पीले रंग की गाढ़ी परत है तो इसका मतलब है कि आपको अपने मुंह की ज़्यादा देखभाल करने की ज़रूरत है. रोज़ाना जीभ को सही तरीके से साफ करने की आदत डालें. ओवरहीटिंग या फिर बैक्टीरिया की वज़ह से भी आपकी जीभ के ऊपर इस तरह की गाढ़ी परत जमा हो सकती है. इस परत से पता चलता है कि मुंह में बैक्टीरिया ज़्यादा हो रहे हैं. बैक्टीरिया मुंह में बढ़ने की वज़ह से बुखार, बदबूदार सांसों की परेशानी हो सकती है.
2. गहरी लाल रंग की जीभ
जीभ पर लाल रंग के धब्बे धीरे-धीरे आपकी पूरी जीभ को लाल कर देते हैं. जीभ का लाल होना एनीमिया का प्रारम्भिक लक्षण है. कावासाकी रोग या फिर लाल बुखार की वजह से भी जीभ लाल हो सकती है. शरीर में विटमिन B12 की कमी की वज़ह से भी आपकी जीभ लाल हो सकती है. ऐसी स्थिति में आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करने लगता है.
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3. जीभ पर लाल या सफेद धक्के का होना
कभी-कभी जीभ के किनारे छोटे लाल या सफेद रंग के धक्के बन जाते हैं. ये दर्दरहित धक्के जीभ के ज्यादा इस्तेमाल करने या फिर ज्यादा खाना खाने की वज़ह से हो जाते हैं. ये धक्के जीभ पर इस वज़ह से हो जाते हैं क्योंकि तला भुना खाने या फैट बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के ज़्यादा सेवन की वज़ह से शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है. यूं तो ये साधारणतया दो हफ्ते के भीतर ये ख़त्म हो जाते हैं, लेकिन अगर ये दो हफ्ते में भी ख़त्म न हो तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि ये मुंह के कैंसर का कारण बन सकते हैं.
4. जीभ का ज़्यादा चिकना होना
जीभ हमारे शरीर का एक छोटा सा वो हिस्सा है जो हल्का ख़ुरदरा होना चाहिए, लेकिन कभी-कभी जीभ कुछ ज़्यादा चिकनी हो जाती है. ऐसे में इसके पीछे के कारण को जानना बेहद ज़रूरी हो जाता है. रफ टैक्सचर के बिना ज़्यादा चिकनी जीभ होना सामान्य नहीं है. ये परिस्थिति एट्रोफिक ग्लोसाइटिस कहलाती है जो कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वज़ह से होती है. इस तरह की जीभ होने की स्थिति में उसमें दर्द भी हो सकता है. अगर ऑफ रेगुलर स्मोकर या चेन स्मोकर हैं तो आपको इस लक्षण पर ध्यान देने की ज़रूरत है, वर्ना ये आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.
5. जीभ पर अल्सर या छाले
मुंह में छाले को मुंह के अल्सर के रूप में भी जाना जाता है, ये छोटे और दर्द देने वाले होते हैं. ये ज़्यादातर आपके गालों के अंदरूनी भाग पर होते हैं, लेकिन ये आपकी जीभ पर भी हो सकते हैं. कभी कभी ज्यादा रुखा या तीखा खाने की वज़ह से छालों की समस्या हो सकती है. कभी-कभी ग़लती से दांत से जीभ के कट जाने पर भी ये हो जाते हैं. कुछ हफ्तों से ज़्यादा वक्त तक रहने वाले अल्सर आपकी परेशानी की वज़ह बन सकते हैं. ये अक्सर आपके हार्मोनल इमबैलेंस की वज़ह से हो जाते हैं.
6. सफेद रंग के चकत्ते होना
चीज़ की तरह सफेद रंग के जीभ पर चकत्ते बन जाना भी स्वास्थ्य के लिहाज़ से नुकसानदायक हो सकता है. ये खमीर संक्रमण ओरल, कैंडिडिआसिस की वज़ह से हो सकता है. बच्चों, बुजुर्गों और उन लोगों में जो प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते ये संक्रमण ज़्यादा देखने को मिलता है. ये आमतौर पर बर्थ कंट्रोल पिल्स के इस्तेमाल, एंटीबायोटिक दवाओं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, शुगर की दवाओं की वज़ह से हो सकते हैं. ओरल कैंडिडिआसिस शरीर में गंभीर बीमारी की तरफ इशारा करता है जिसमें एचआईवी और ल्यूकेमिया शामिल हैं.
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