CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिसैसिटेशन) यानि चेस्ट कंप्रेशन से आप दिल का दौरा पड़े मरीज़ को डॉक्टर के आने तक बचा सकते हैं.
एमरजेंसी सिचुएशन में क्या करना चाहिए
खास बातें
- सबसे पहले चेक करें कि मरीज़ होश में है या नहीं
- अगर मरीज़ सांस भी ना लें और उसकी पल्स भी नहीं आ रही है तो उसे CPR दें
- आपको प्रति मिनट 100 कंप्रेशन देने हैं
मौका था ऑफिस की दिवाली पार्टी का. सभी कलीग्स पार्टी एंजॉय कर रहे थे. दिवाली के रंगोली कॉम्पिटिशन, डेकोरेशन, तम्बोला जैसे कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे थे, हंस रहे थे. इन सब के बीच मेरे एक कलीग को बहुत तेज़ खांसी हुई. पार्टी का माहौल था, शोर भी था, हमें लगा सिर्फ नॉर्मल खांसी होगी. इसीलिए उन्हें पानी दिया और उन्होंने दो मिनट रुककर आने को कहा. हम भी मान गए और फिर से पार्टी में शामिल हो गए.
जैसे ही हम थोड़े आगे आए...हमें किसी के गिरने की आवाज़ आई. हमने पीछे मुड़कर देखा तो हमारा वही कलीग कुर्सी से नीचे गिरा हुआ था. उनके पैर काफी सख्त हो गए थे, एक हाथ से वो अपनी छाती को दबा रहे थे और दूसरे हाथ से टेबल पकड़ी हुई थी. हम सभी ने भागकर उन्हें संभाला. उन्हें पकड़कर पानी पिलाने की कोशिश की, हाथ-पैर रगड़े. उन्हें उठाकर सोफे पर लिटाया.
दो मिनट बीते...चार मिनट बीते...उनकी हालत में ज़रा-सा भी सुधार नहीं आया. इस बीच हम डॉक्टर को फोन कर चुके थे, लेकिन डॉक्टर को आने में कम से कम 10 से 12 मिनट लगते क्योंकि पास का हॉस्पिटल लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर था. हम उन्हें खुद हॉस्पिटल लेकर जाते, इसके लिए ज़्यादा वक्त लगता. इसीलिए डॉक्टर को ऑफिस ही बुलाया. इस बीच हमारे वो कलीग बेहोश हो गए. बेहोशी में उनके दोनों घुटने मुड़े हुए और दोनों हाथ छाती पकड़े हुए थे. फिर भी हम उनके हाथ-पैरों को रगड़ते रहे, मुंह पर पानी की छींटे मारते रहे. छाती मलते रहे.
डॉक्टर आए, उन्होंने फटाफट हमारे कलीग को देखा. डॉक्टर ने 10 मिनट लगाए. चेक किया, हार्ट बीट सुनी, नब्ज़ देखी, आंखें बार-बार खोल के देखी. आखिर में हम सभी को बताया कि 'He is no more'...हम सभी ज़ोर का झटका लगा! कि ये क्या हुआ अभी कुछ देर पहले तो हम सभी एक साथ पार्टी एंजॉय कर रहे थे और अब!
डॉक्टर ने वजह बताई हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा. लेकिन वो सिर्फ 26 का लड़का था, जिसे काम करते हुए सिर्फ दो साल ही हुए थे. हम सभी शॉक में थे कि सिर्फ 26 के लड़के को हार्ट अटैक कैसे आ सकता है! लेकिन ऐसा हुआ और हमारे बीच अब वो कलीग नहीं रहा.
जिस तरह से हमारे उस कलीग ने छाती पकड़ी हुई थी उससे हमें ये लगा था कि शायद से हार्ट अटैक हो सकता है. लेकिन हमें कभी यह मालूम ही नहीं हुआ कि अचानक आए दिल के दौरे में तुरंत राहत कैसे दी जाती है.
इसीलिए आज यहां आपसे ये वीडियो शेयर कर रहे हैं कि आप भी ऐसी एमरजेंसी सिचुएशन में किसी की जान बचा सकें. इस वीडियो में आपको CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिसैसिटेशन) यानि चेस्ट कंप्रेशन के बारे में, जिससे आप दिल का दौरा पड़े मरीज़ को डॉक्टर के आने तक बचा सकते हैं. वीडियो के साथ ही यहां आपसे कुछ पॉइंट्स भी शेयर कर रहे हैं कि ऐसी सिचुएशन में क्या-क्या करना चाहिए.
1. मरीज़ को देखकर आप खुद घबराएं नहीं और फटाफट मदद के लिए आस-पास के लोगों और डॉक्टर को बुलाएं.
2. सबसे पहले चेक करें कि मरीज़ होश में है या नहीं.
3. अगर मरीज़ बेहोश है तो उसकी सांसे चेक करें. इसके लिए उसकी नाक के पास अंगुलियों या कानों से चेक करें कि सांसे चल रही है या नहीं.
4. मरीज़ की पल्स चेक करें.
5. अगर मरीज़ सांस भी ना लें और उसकी पल्स भी नहीं आ रही है तो उसे CPR दें.
6. CPR के लिए अपने बाएं हाथ को सीधा रखें उसके ऊपर दाएं हाथ को रख अंगुलियों को लॉक करें.
7. अब हाथों को छाती के बीचो-बीच लाएं और अपने पूरे प्रेशर से छाती को दबाएं.
8. सबसे ज़रूरी है कि आपको प्रति मिनट 100 कंप्रेशन देने हैं.
9. कंप्रेशन तब तक करते रहें जब तक उस मरीज़ को होश ना आ जाए या फिर डॉक्टर ना आ जाए.
10. इस बात की बिल्कुल फिक्र ना करें कि कहीं मरीज़ की चेस्ट बोन में फ्रेचर ना हो जाए, क्योंकि उस वक्त होश में लाना ज़्यादा ज़रूरी है.
देखें वीडियो - अचानक दिल का दौरा पड़ने वाले को कैसे बचाएं
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