रमजान के दौरान राजशेखर ने उनके रोजे का भी इंतजाम किया. सोशल मीडिया पर उसकी इस नेकनीयती की बड़ी प्रशंसा हुई.

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में एक भारतीय की मदद से नौ साल के एक बांग्लादेशी लड़के को हृदय के सफल ऑपरेशन से एक नया जीवन मिला है. ओमान में इस बच्चे के एक रिश्तेदार से इस व्यक्ति की दोस्ती हुई थी. एन राजशेखर ने न केवल चट्टोग्राम के एक गरीब कृषि श्रमिक के बेटे मोहम्मद आरिफ (9) की सर्जरी के लिए धन जुटाने में मदद की बल्कि उसने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उसके परिवार के सदस्यों को आश्रय और भोजन की व्यवस्था भी की. ये लोग यहां वेदनारायणम में फंस गये थे.
रमजान के दौरान राजशेखर ने उनके रोजे का भी इंतजाम किया. सोशल मीडिया पर उसकी इस नेकनीयती की बड़ी प्रशंसा हुई.
आरिफ की मां मोहसिना बेगम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहले मेरा बेटा कुछ मीटर ही चल सकता था. अब वह अन्य बच्चों की तरह सामान्य हो गया है. हमें राजशेखर के परिवार का आतिथ्य प्राप्त हुआ.''
उसने बताया कि उसके बेटे का 16 मई को कोयंबटूर के एक अस्पताल में इलाज हुआ और तब से उसके स्वास्थ्य में बहुत सुधार हुआ. उसने कहा कि अब वे लोग बांग्लादेश के लिए उड़ान सेवा बहाल होने पर लौट जायेंगे.
आरिफ के मामा अब्दुल रहीम ने राजशेखर से मदद मांगी थी और वह संसाधन जुटाने और सर्जरी का इंतजाम कराने के लिए राजी हो गया. अब्दुल रहीम ओमान में काम करता है और वहीं राजशेखर से उसकी दोस्ती हुई थी. राजशेखर भी ओमान काम करने गया था. राजशेखर ने स्थानीय उद्योगपति सुलतानुल आरिफा से भी मदद जुटाई. कुछ अन्य लोगों ने भी इस काम में उसका सहयोग किया. (भाषा)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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