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World Diabetes Day 2018: क्यों होता है डायबिटीज, मधुमेह के प्रकार और ब्लड शुगर लेवल को कम करने के घरेलू नुस्खे

World Diabetes Day 2018: टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता. मधुमेह के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं.

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World Diabetes Day 2018: घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है.

World Diabetes Day 2018: हर साल 14 नवंबर को वर्ल्‍ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2018) यानी विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है. वर्ल्‍ड डायबिटीज डे को अंतरराष्‍ट्रीय मधुमेह संघ और विश्‍व स्वास्‍थ्‍य संगठन ने 1991 में शुरू किया गया था. यह दिन पहली बार 1991 में मनाना शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य मुधमेह या डायबिटीज को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने का है. मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes ) मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें खून में ग्लूकोज या ब्लड शुगर (Blood sugar level) का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन (Insulin) ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन (Insulin) के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें. जिन मरीजों का ब्लड शुगर (Blood sugar level) सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं. उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है. 

 

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कि‍तनी तरह की होती है डायबि‍टीज (Types of Diabetes in Hindi) 
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता. मधुमेह के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं. जबकि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) में शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता. दुनिया भर में मधुमेह के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं. मधुमेह का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है. 

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कैसे करें डायब‍िटीज को कंट्रोल (Manage Your Diabetes) 
उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर मधुमेह को नियन्त्रित रखा जा सकता है. अगर मधुमेह पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है.

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मधुमेह या डायब‍िटीज के कारण (Diabetes: Causes and Prevention)

1. जीवनशैली : गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें मधुमेह का कारण बन सकती हैं. घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है.

2. सामान्य से अधिक वजन, मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता : अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है. ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है. शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है. पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है. ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए. 

3. जीन एवं पारिवारिक इतिहास : कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं. जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है.

 

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मधुमेह या डायब‍िटीज से ऐसे बचें :  (Diabetes Prevention)

1. नियमित व्यायाम करें : गतिहीन जीवनशैली मधुमेह के मुख्य कारणों में से एक है. रोजाना कम से कम 30-45 मिनट व्यायाम मधुमेह से बचने के लिए आवश्यक है. 

2. संतुलित आहार : सही समय पर सही आहार जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है. लम्बे समय तक खाली पेट न रहें. 

3. वजन पर नियन्त्रण रखें : उचित आहार और नियमित व्यायाम द्वारा वजन पर नियंत्रण रखें. कम वजन और उचित आहार से डायबिटीज के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं.

4. पर्याप्त नींद : रोजना सात-आठ घंटे की नींद महत्वपूर्ण है. नींद के दौरान हमारा शरीर विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर शरीर में टूट-फूट की मरम्मत करता है. देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से मधुमेह और उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ती है. 

5. तनाव से बचें : तनाव आज हर किसी के जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है. मनोरंजक एवं सामाजिक गतिविधियों द्वारा अपने आप को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें. साथ ही तनाव के दौरान सिगरेट का सेवन करने से मधुमेह की सम्भावना और अधिक बढ़ जाती है.

 

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डायब‍िटीज से बचने के घरेलू उपाय या नुस्खे (Remedies To Manage Your Sugar Levels) :

1. तुलसी से कंट्रोल करें डायबिटीज 

तुलसी की पत्त‍ियों में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं. तुलसी पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स बनाने मे मदद करती है जो इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं. ये इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाते हैं. तो अगर आप खाली पेट तुलसी की पत्ती चबाएंगे तो यह यकीनन फायदेमंद होगा. 
 

2. जामुन से कंट्रोल करें डायबिटीज 

जामुन के बीज भी डायबिटीज को नि‍यंत्रि‍त करने में मददगार हैं. जामुन के बीजों को सुखा कर इन्हें पीस लें और पाउडर बना कर खाली पेट हल्के गर्म पानी के साथ लेने से डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

 

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Photo Credit: iStock

 

3. दालचीनी से कंट्रोल करें डायबिटीज

हर भारतीय रसोई में दालचीनी म‍िल ही जाती है. स्वाद और सुगंध के साथ ही दालचीनी सेहत के लि‍ए भी बड़ी कारगर है. दालचीनी इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ा कर ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करती है. तो दालचीनी को पीसकर उसे हल्के गर्म पानी के साथ लें. लेकि‍न इसकी मात्रा का ध्यान रखें यह ज्यादा मात्रा में लेने पर नुकसान भी दे सकती है. 
 

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4. सहजन से कंट्रोल करें डायबिटीज 

सहजन की पत्त‍ियां भी डायबिटीज को कंट्रोल करने में कारगर हैं. इनका रस न‍िकाल कर खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है. इससे शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. 

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