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Flashback 2018: साल 2018 के 5 जानलेवा वायरस, जिनका दुनियाभर में फैला खौफ...

अब नया साल 2019 (New Year 2019) बाहें फैलाए आपका इंतजार कर रहा है. इसी बात के साथ आपको नया साल मुबारक (Happy New Year 2019).

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Year Ender 2018: समय को भला कौन रोक या बांध पाया है. वह तो अपनी रफ्तार से चलता है, न किसी के लिए ठरहता है और न ही किसी के लिए अपनी रफ्तार से तेज चलता है. कुछ इसी तर्ज पर दिनों, घंटों, पलों और क्षणों में गुजर गया साल 2018 भी. अब नया साल 2019 (New Year 2019) बाहें फैलाए आपका इंतजार कर रहा है. इसी बात के साथ आपको नया साल मुबारक (Happy New Year 2019). बीते साल में एक और जहां अच्छी खबरें आईं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ बुरी खबरों ने हमें परेशान भी किया. इसी तरह जहां एक ओर विज्ञान ने तरक्की कर कई रोगों को ठीक करने की दिशा में तरक्की की, तो कई लाइजाल रोगों ने दुनिया भर में प्रकोप फैलाया. बीते साल 2018 में कई खतरनाक बीमारियों ने दहशत फैलाई. साल 2018 में पशु-पक्षियों से जुड़े संक्रमणों व मौसमी बीमारियों ने दुनिया भर को परेशान किया. तो चलिए एक नजर उन बीमारियों पर जो बनी साल 2018 की डेडली डिजीज....

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साल 2018 में इन बीमारियों की फैली दहशत - The Most Dangerous Diseases Around The World in 2018

 

1. निपाह वायरस


बीते साल केरल में फैले निपाह वायरस (एनआईवी) ने लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया. राज्य सरकार भले ही हालात पर काबू पाने का बखान करती रही, लेकिन सवाल खुद को इस संक्रमण से बचाने का रहा. यह एक प्रकार के चमगादड़ से फैलती है. संक्रमित जीवों के साथ सीधे संपर्क से बचने के अलावा, जमीन पर गिरे फलों का उपभोग करने से बचना जरूरी है. यह स्थिति इसलिए भी मुश्किल हो जाती है, क्योंकि इस बीमारी के लिए अभी कोई टीका या दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है. एनआईवी की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह में एक बीमारी फैलने के दौरान हुई थी. यह चमगादड़ों से फैलता है और इससे जानवर और इंसान दोनों ही प्रभावित होते हैं. 


पढ़ें- क्या है निपाह वायरस, इसके लक्षण और इलाज, यहां हैं बचने के उपाय

 

2. डिप्‍थीरिया या गलघोंटू (Diphtheria)

सितंबर में दिल्ली में करीब 20 लोगों की मौत डिप्थीरिया के कारण हुई. मरने वालों में बच्चों की संख्या 18 थी. इलाके के मेयर ने मौतों की जांच के लिए एक समिति गठित की है. महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल में 20 सितंबर को 12 बच्चों की मौत हुई थी जबकि एलएनजेपी अस्पताल में एक की मौत हुई है. बीते साल इस बीमारी से करीब 326 बच्चे अस्‍पताल में भर्ती हुए, जिनमें से 44 बच्‍चों की मौत हो गई.

क्या है डिप्‍थीरिया - What Is Diphtheria
डिप्‍थीरिया को गलघोंटू नाम से भी जाना जाता है. इस बीमारी का पूरा नाम है डिप्थीरिया कॉरीनेबैक्टीरियम. यह डिप्थीरी नामक बैक्टिरिया से पैदा होती है. डिप्थीरी जीवाणु एक तेज जहर छोड़ता है, जो पूरे शरीर के ऊतकों और अंगों को नुकसान पहुंचता है. आंकड़ों के अनुसार साल 2000 में पूरी दुनिया में डिप्थीरिया के तकरीबन तीस हजार केस दर्ज हुए. जिनमें से करीब तीन हजार लोगों की मौत हो गई थी. 


पढ़ें- डिप्थीरिया से मरने वालों की संख्या बढ़ी, जानें क्या है डिप्थीरिया, लक्षण और इलाज...

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3. जीका (Zika Virus)


पिछले कुछ महीनों में राजस्थान और बिहार के कई जगहों पर जीका वायरस का आतंक देखा गया. जयपुर में 22 से ज्यादा लोगों में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया था. अभी तक इस वायरस का कोई टीका नहीं था और न ही कोई उपचार. इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) दी जा रही थी. जीका से पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर के 15 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं.

क्या है जीका वायरस - What is Zika Virus
जीका (zika virus India) विषाणु जनित रोग दुनिया भर के 86 देशों में दर्ज किया गया है. भारत में जनवरी और फरवरी 2017 में पहली बार इसके प्रसार की पुष्टि अहमदाबाद में हुई थी. इसके बाद तमिलनाडु में भी इसकी पुष्टि हुई थी.  (पढ़ें- Zika Virus: क्या है और कैसे फैलता है जीका वायरस, इसके लक्षण, बचाव के उपाय और इलाज)

 

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4. लासा फीवर (Lassa Fever)

हाल ही में एक वायरल संक्रमण 'लासा बुखार' (Lassa Fever) ने समूचे Nigeria को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. बहुत से लोगों को इस संक्रमण से जान गंवानी पड़ी थी. चूहों के मल-मूत्र से फैलने वाला यह संक्रमण नाइजीरिया के अलावा, लासा वायरस बेनिन, घाना, गिनी, लाइबेरिया, माली, सिएरा लियोन और पश्चिम अफ्रीका के अन्य देशों में फैला हुआ है. लासा बुखार एक गंभीर वायरल हीमोरेजिक बीमारी है, जो लासा वायरस से फैलता है. यह एरेनावाइरस परिवार का सदस्य है. यह जानवरों के जरिये होने वाली जूनोटिक बीमारी है.

कैसे फैलता है लासा संक्रमण
मनुष्यों में यह वायरस संक्रमित चूहों के मल या मूत्र के संपर्क में आने से फैलता है. चूहों के मल वाली एरोसोलाज्ड हवा में सांस लेने और संक्रमित चूहों को भोजन के रूप में खाने से यह बीमारी हो सकती है. व्यक्तिगत रूप से संक्रामक तरल पदार्थ (उदाहरण के लिए, रक्त, मूत्र, फेरेंजील स्राव, उल्टी या शरीर के अन्य स्राव) के साथ सीधे संपर्क में आने से यह रोग सकता है.

पढ़ें- क्या है Lassa Fever, क्या है इसके फैलने में चुहों का हाथ, जानें सबकुछ...


5. इबोला (Ebola) 

21 अगस्त को आई खबर के अुनसार डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के पूर्वी भाग में इबोला से मरने वालों की संख्या 55 हो गई. वहीं सरकार ने अगले तीन महीने तक इस बीमारी का इलाज निशुल्क करने की घोषणा की. वहां की सरकार ने कहा कि  ‘‘रक्तस्रावी बुखार के सभी 96 मामलों में से 69 को इबोला होने की पुष्टि हो गई है और अन्य 27 को संभावित मामलों के तौर पर देखा जा रहा है''. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि पश्चिमी अफ्रीका में इबोला वायरस के प्रकोप से मरने वालों की संख्या 932 पहुंच गई और इसके संक्रमण के 1700 से अधिक मामले सामने आए. डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि अगस्त महीने में गिनी, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सियेरा लियोन में इस विषाणु के संक्रमण के 108 नए मामले सामने आए और 45 लोगों की मौत हो गई.

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