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किस तरह नुकसान पहुंचा सकता है वायु प्रदूषण, क्या हैं इससे बचने के उपाय...
करीब 88 फीसदी समय से पहले मौतें कम व मध्यम आय वाले देशों में हो रही हैं, जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से ऊपर है.
इंसान ने बहुत तरक्की की है. उसने अपनी सुख सुविधाओं के लिए और अपने जीवन को आसान बनाने के लिए बहुत आविष्कार किए. लेकिन इसी के साथ हम कर बैठे प्रकृति के नियमों से छेड़छाड़ और उनका उल्लंघन... यही वजह है कि धरती पर प्रदूषण बढ़ रहा है और इसका बुरा असर इंसानों पर ही पड़ रहा है. बढ़ते वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर दिखता है. ऐसे में यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है कि यह आपको किस तरह नुकसान पहुंचा सकता है और क्या इससे कैसे बचा जा सकता है...
कैसे करें बचाव
- बाहरी गतिविधियों जैसे जॉगिंग व साइकिलिंग से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
- विटामिन सी, मैग्नीशियम व अदरक व तुलसी की चाय का सेवन करना चाहिए.
- वायु को साफ करने वाले पौधे जैसे एलोवेरा, इवी व स्पाइडर प्लांट को घरों व दफ्तरों में रखना चाहिए.
- प्रदूषण से फेफड़े व दिल के स्थायी रोग हो सकते हैं और इससे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
- धुंध की चादर से एलर्जी की समस्या गंभीर हुई है और इससे फेफड़े की रोग प्रतिरोधकता घटी है.
- वायु प्रदूषण के उच्चस्तर की वजह से गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव हो सकते हैं.
- वायु प्रदूषण के दूसरे हानिकारक प्रभावों में सभी आयु वर्ग में फेफड़े की क्रियाविधि में कमी आना, सांस संबंधी व ह्दय के मरीजों में दिक्कत बढ़ सकती है.
- इसके साथ ही लोगों में खासी व सांस की समस्याएं सामने आ सकती हैं.
- साथ ही विटामिन सी, मैग्नीशियम, ओमेगा वसा अम्ल का इस्तेमाल संक्रमण व एलर्जी से बचने के लिए करना चाहिए.
- इसमें अदरक व तुलसी की चाय पर्याप्त मात्रा में लेना फायदेमंद होगा.
- वायु प्रदूषण बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है और यह स्ट्रोक, दिल संबंधी रोग, फेफड़े का कैंसर व सांस संबंधी रोग पैदा कर सकता है.
फेक्ट फाइल-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 92 फीसदी आबादी डब्ल्यूएचओ के मानकों के नीचे वाली हवा की गुणवत्ता में सांस ले रही है.
करीब 88 फीसदी समय से पहले मौतें कम व मध्यम आय वाले देशों में हो रही हैं, जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से ऊपर है.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कैसे करें बचाव
- बाहरी गतिविधियों जैसे जॉगिंग व साइकिलिंग से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
- विटामिन सी, मैग्नीशियम व अदरक व तुलसी की चाय का सेवन करना चाहिए.
- वायु को साफ करने वाले पौधे जैसे एलोवेरा, इवी व स्पाइडर प्लांट को घरों व दफ्तरों में रखना चाहिए.
कैंसर का पता चलते ही समय पर इलाज कराना जरूरी
- प्रदूषण से फेफड़े व दिल के स्थायी रोग हो सकते हैं और इससे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
- धुंध की चादर से एलर्जी की समस्या गंभीर हुई है और इससे फेफड़े की रोग प्रतिरोधकता घटी है.
- वायु प्रदूषण के उच्चस्तर की वजह से गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव हो सकते हैं.
- वायु प्रदूषण के दूसरे हानिकारक प्रभावों में सभी आयु वर्ग में फेफड़े की क्रियाविधि में कमी आना, सांस संबंधी व ह्दय के मरीजों में दिक्कत बढ़ सकती है.
- इसके साथ ही लोगों में खासी व सांस की समस्याएं सामने आ सकती हैं.
- साथ ही विटामिन सी, मैग्नीशियम, ओमेगा वसा अम्ल का इस्तेमाल संक्रमण व एलर्जी से बचने के लिए करना चाहिए.
- इसमें अदरक व तुलसी की चाय पर्याप्त मात्रा में लेना फायदेमंद होगा.
- वायु प्रदूषण बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है और यह स्ट्रोक, दिल संबंधी रोग, फेफड़े का कैंसर व सांस संबंधी रोग पैदा कर सकता है.
फिलिप्स ने लांच किया पहला फ्यूचर हेल्थ इंडेक्स
फेक्ट फाइल-
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया की 92 फीसदी आबादी डब्ल्यूएचओ के मानकों के नीचे वाली हवा की गुणवत्ता में सांस ले रही है.
करीब 88 फीसदी समय से पहले मौतें कम व मध्यम आय वाले देशों में हो रही हैं, जहां वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर से ऊपर है.
और खबरों के लिए क्लिक करें.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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