अगर टैबलेट को पेट से निकालने की जरूरत पड़े तो मरीज कैल्शियम का घोल पी सकता है जिससे टैबलेट अपने वास्तविक आकार में आ जाएगी और पेट से आसानी से निकल जाएगी.
एमआईटी इंजीनियर्स ने एक ऐसी टैबलेट तैयार की है जो पेट के अंदर पहुंचते ही फूलकर एक नरम गुब्बारे के आकार में बदल जाती है और यह अल्सर, कैंसर और आंत संबंधी अन्य बीमारियों का पता लगा सकती है. हवा वाली इस टैबलेट में एक सेंसर होता है जो 30 दिनों तक पेट के तापमान पर नजर रखता है. यह दवाई आसानी से पेट से मॉनीटर तक पीएच स्तर या विभिन्न जीवाणु या विषाणु जैसे विभिन्न सेंसर भेज सकता है.
एमआईएटी के सहायक प्रोफेसर जुआन्हे झाओ ने कहा, "जेली जैसी स्मार्ट टैबलेट, जिसे एक बार निगलने के बाद वह पेट में रहती है और बीमार के स्वास्थ्य पर लंबे समय तक नजर रखती है." उन्होंने कहा, "हमारी डिजायन के साथ, आपको एक कठोर गुब्बारा स्थापित करने की दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी."
अगर टैबलेट को पेट से निकालने की जरूरत पड़े तो मरीज कैल्शियम का घोल पी सकता है जिससे टैबलेट अपने वास्तविक आकार में आ जाएगी और पेट से आसानी से निकल जाएगी.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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