एशिया और प्रशांत क्षेत्रों ने एचआईवी के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए हैं.
भारत में एचआईवी संक्रमण के नए मामले, एड्स के कारण मौत और एचआईवी संक्रमित लोगों की संख्या साल 2010 से 2017 के बीच घटी है. इसका श्रेय जाता है सतत एवं केंद्रित प्रयास को. संरा की एक रिपोर्ट में यह कहा गया. एड्स पर संयुक्त राष्ट्र की संयुक्त एजेंसी (यूएनएड्स) की ‘माइल्स टू गो- क्लोजिंग गैप्स, ब्रेकिंग बैरियर्स, राइटिंग इन्जस्टिसेज’ नाम की इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं. इसमें कहा गया है कि एशिया और प्रशांत क्षेत्रों ने एचआईवी के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए हैं.
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साल 2010 से 2017 के बीच आबादी तक पहुंच के सतत और केंद्रित प्रयासों के चलते कम्बोडिया, भारत, म्यामां, थाईलैंड और वियतनाम में एचआईवी संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है.
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर एचआईवी के नए संक्रमणों में उतनी तेजी से कमी नहीं आ रही. इसके अलावा पाकिस्तान और फिलीपीन में यह संक्रमण फैल रहा है.
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भारत में वर्ष 2010 में एचआईवी संक्रमण के 1,20,000 मामले थे जो वर्ष 2017 में घटकर 88,000 रह गए. इसी अवधि में एड्स के कारण होने वाली मौत 1,60,000 से घटकर 69,000 रह गई जबकि एचआईवी संक्रमित लोगों की संख्या 23,00,000 से घटकर 21,00,000 रह गई.
इसमें कहा गया कि भारत ने विशेष सुरक्षा रणनीति , नीति या रूपरेखा बनाई और इसे लागू किया.
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