महिला या पुरुष... कौन महसूस करता है अधिक अकेलापन?
अकेलेपन की व्याख्या अपने रिश्ते को लेकर कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक ऐसा व्यक्ति है जिसके बहुत सारे दोस्त हैं और वो हर दिन बाहर जाते हैं, वहीं दूसरा व्यक्ति ऐसा है, जिसके केवल 2 दोस्त हैं. ऐसे में हम जिस व्यक्ति के 2 दोस्त हैं, उसको अकेला मानने लगेंगे. इस तरह से अकेलेपन को गुणवत्ता और ग्रुप की मात्रा के बीच एक अंतर्विरोध के रूप में वर्णित किया जा सकता है.
क्या है अकेलापन?
अकेलापन मानसिक दुःख की एक अनुभूति है, जिसमें व्यक्ति उस समूह से अलग-थलग महसूस करता है, जिससे वे जुड़ा हुआ होता हैं. ऐसा व्यक्ति आमतौर पर असंतुष्ट महसूस करता है. नेशनल सेम्पल सर्वे ऑफिस द्वारा 2004 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में 4.91 मिलियन लोग अकेले रह रहे थे और अकेलेपन से पीड़ित थे.
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अकेलेपन की व्याख्या अपने रिश्ते को लेकर कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक ऐसा व्यक्ति है जिसके बहुत सारे दोस्त हैं और वो हर दिन बाहर जाते हैं, वहीं दूसरा व्यक्ति ऐसा है, जिसके केवल 2 दोस्त हैं. ऐसे में हम जिस व्यक्ति के 2 दोस्त हैं, उसको अकेला मानने लगेंगे. इस तरह से अकेलेपन को गुणवत्ता और ग्रुप की मात्रा के बीच एक अंतर्विरोध के रूप में वर्णित किया जा सकता है.
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वाटरलू विश्वविद्यालय में शेली बर्सिल द्वारा किए गए शोध के अनुसार, महिलाएं, पुरुषों की तुलना में अकेलेपन को अधिक व्यक्त करती हैं, ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वे आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक अकेलेपन की प्रवृत्ति रखती हैं, बल्कि महिलाएं कम प्रतिकूल परिणामों के कारण ऐसा महसूस करने लगती हैं. पुरुष और महिला, दोनों अपने मस्तिष्क की संरचनाओं के बाद भावनाओं को व्यक्त करने के लिए अलग-अलग रणनीति अपनाते हैं, लेकिन पुरुष आमतौर पर महिलाओं की तुलना में अकेलेपन और नकारात्मकता की भावनाओं को छिपाने की अधिक कोशिश करते हैं.
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पुरुष इस भावना से पार पाने के लिए आमतौर पर अधिक लोगों से बात करने और अपना अलग ग्रुप बनाने की कोशिश करते हैं, दूसरी ओर महिलाएं, ज्यादातर जान-पहचान वाले लोगों का ग्रुप बनाने पर विश्वास नहीं करती हैं, बल्कि वे अधिक गुणात्मक संबंधों कर रूख करती हैं, इस प्रकार, उन्हें पुरुषों की तुलना में अन्य लोगों से जुड़ने में अधिक समय लगता है. टूटे रिश्तों या विवाह के मामलों में, महिलाएं शुरुआत में अकेलापन महसूस करती हैं, जबकि पुरुषों को बाद में इसका अहसास होने लगता है. यह महिलाओं की भावनात्मक प्रकृति के कारण है, जबकि पुरुष अपनी भावनाओं को तब तक छिपाने की कोशिश करते हैं जब तक वे इसे दूर करने में सफल न हो जाएं.
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अकेलेपन की भावना को तय समय पर उदास महसूस करने से भी जोड़ा जा सकता है. बहुत से लोग सतही रूप से निपुण होते हैं, लेकिन वे भीतर से उदास और अकेला महसूस करते हैं. अकेलापन केवल उस समय अवसाद में बदल सकता है जब भावनाएं खुद को अलग-थलग करने, दूसरों के लायक न मानने, आत्म-घृणा और सेल्फ डिस्ट्रक्शन में बदल जाती हैं.
अकेलेपन से निपटने के लिए आप इन टिप्स को अपना सकते हैं:
1. अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ अधिक मिलना-जुलना शुरू करें.
2. अपना ध्यान दूसरी तरफ लगाने के लिए अन्य शौक अपनाएं.
3. थेरेपी और डॉक्टर की सलाह का पालन करें.
4. अपनी सोच से मिलने वाले लोगों की तलाश करें.
5. दूसरों के साथ बातचीत करते समय दयालु और जिज्ञासु रहें.
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