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Rat Fever: क्या है और कैसे फैलता है रैट फीवर, जानें इसके लक्षण, बचाव के उपाय और इलाज के बारे में

क्या है रैट फीवर ( What is rat fever or Leptospirosis) : रैट फीवर को लेप्टोस्पायरोसिस ( Leptospirosis ) के नाम से भी जाना जाता है.

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क्या है रैट फीवर ( What is rat fever or Leptospirosis) : रैट फीवर को लेप्टोस्पायरोसिस ( Leptospirosis ) के नाम से भी जाना जाता है. यह एक जीवाणु से फैलता है. यह बुखार जानवरों से इंसानों को और जानवरों में भी फैल सकता है. Rat Fever लेप्टोस्पिरा जीनस ( Leptospira) बैक्टीरिया (bacteria) के कारण पनप जाता है और यह संक्रमित जानवरों के मूत्र से फैलता है. सबसे खतरनाक बात यह है कि यह बैक्टीरिया पानी या मिट्टी में कई हफ्तों या महीनों तक जीवित रह सकते हैं. 

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क्या हैं रैट फीवर के कारण ( Rat Fever Causes in Hindi)
रैट फीवर या लेप्टोस्पायरोसिस ( Rat Fever Or Leptospirosis ) बारिश के मौसम में अत्यधिक बारिश होने के चलते बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने पर जब चूहों की संख्या बढ़ जाती है तो तेजी से फैलता है. 
- रैट फीवर के फैलने की सबसे बड़ी वजह होते हैं चूहे. संक्रमित चूहों के मूत्र में काफी लेप्टोस्पायर्स ( Leptospira) होते हैं. जब ये बाढ़ के पानी में मिल जाते हैं तो लोगों तक संक्रमण फैला देते हैं. 
- जब Leptospira जीवाणु त्वचा या आंखों, नाक या मुंह की झल्ली के जरिए शरीर में घुस जाते हैं. इनके लिए स्किन में प्रवेश पाना उस समय आसान होता है जब त्वचा पर घाव हो... 

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क्या हैं रैट फीवर से बचाव के उपाय ( Rat Fever or Leptospirosis Diseases Prevention) 
- गंदे पानी में घूमने से बचें. चोट लगी हो तो उसे ठीक से ढंके. बंद जूते और मोजे पहन कर चलें. मधुमेह से पीड़ित लोगों के मामले में यह सावधानी खास तौर पर महत्वपूर्ण है.
- अपने पैरों को अच्छी तरह से साफ करें और उन्हें मुलायम सूती तौलिए से सुखाएं. 
- गीले पैरों में फंगल संक्रमण हो सकता है.
- पालतू जानवरों को जल्दी से जल्दी टीका लगवाएं, क्योंकि वे संक्रमण के संभावित वाहक हो सकते हैं.
- जो लोग रैट फीवर या लेप्टोस्पायरोसिस के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में आते-जाते हैं, उन्हें तालाब में तैरने से बचना चाहिए. 
- केवल सीलबंद पानी पीना चाहिए. 
- खुले घावों को साफ करके ढंक कर रखना चाहिए.

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रैट फीवर से कितना हो सकता है नुकसान ( Rat Fever Symptoms in Hindi)
- रैट फीवर होने के पीछे एक और वहज है वह है संक्रमित पानी पीना. अगर कोई संक्रमित पानी पीता है तो उसे रैट फीवर होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. 
- उपचार के बिना, लेप्टोस्पायरोसिस गुर्दे की क्षति, मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सूजन), लीवर की विफलता, सांस लेने में परेशानी और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है.

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क्या हैं रैट फीवर के लक्षण ( Rat Fever Symptoms in Hindi)
- लेप्टोस्पायरोसिस के कुछ लक्षणों में तेज बुखार

-सिरदर्द

-ठंड

- मांसपेशियों में दर्द,

-उल्टी,

-पीलिया,

-लाल आंखें,

-पेट दर्द,
-दस्त आदि शामिल हैं.

किसी व्यक्ति के दूषित स्रोत के संपर्क में आने और बीमार होने के बीच का समय दो दिन से चार सप्ताह तक का हो सकता है.

क्या है रैट फीवर का इलाज ( Rat Fever or Leptospirosis Treatment In Hindi) 
बीमारी का रोगी के इतिहास और शारीरिक जांच के आधार पर निदान किया जाता है. गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को उचित चिकित्सा परीक्षण कराने को कहा जाता है. शुरुआती चरण में लेप्टोस्पायरोसिस का निदान करना मुश्किल होता है, क्योंकि लक्षण फ्लू और अन्य आम संक्रमणों जैसे ही प्रतीत होते हैं. लेप्टोस्पायरोसिस का इलाज चिकित्सक द्वारा निर्धारित विशिष्ट एंटीबायोटिक्स के साथ किया जा सकता है.

 

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