हाल ही में बॉलीवुड उस समय सतके में आ गया था जब इंडस्ट्री के दो बड़े नामों की सेहत से जुड़े बड़े खुलासे हुए थे. बॉलीवुड जगत के दो अदाकार सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre) और इरफान खान (Irrfan Khan) को कैंसर होने की खबर ने उनके चाहने वालों में हलचल पैदा कर दी थी. कुछ समय से लोग इस सदमे से उभरे ही थे कि अब बॉलीवुड में कैंसर का एक और ऐसा केस दिख गया है जिससे लोग फिर परेशान हैं. यह खबर आई 22 सितंबर को, खबर के अनुसार बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना (Ayushamann Khurana) की पत्नी ताहिरा कश्यप (Tahira Kashyap diagnosed With Stage-Zero Breast Cancer) को स्टेज जीरो ब्रेस्ट कैंसर (stage zero breast cancer) है और वह इसकी ट्रीटमेंट करा रही हैं. ताहिरा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पेज पर कुछ तस्वीरें साझा की हैं. जिसमें उन्होंने बताया है कि वे मास्टेक्टॉमी (mastectomy procedure) कराई है. हालांकि यह खबर दिल को दुखी करने वाली है लेकिन ताहिरा काफी पॉजिटिव दिख रही हैं.
हम सब कैंसर और कैंसर के बाद शरीर में होने वाले बदलावों या नुकसानो के बारे में जानते ही हैं. लेकिन ट्रीटमेंट के लिहाज से स्टेज जीरो ब्रेस्ट कैंसर (stage zero breast cancer) का क्या मतलब है यह हम आपको बताते हैं. वास्तव में स्टेज जीरो मुख्य रूप से सकारात्मक ही है. क्योंकि यह कैंसर का बहुत ही शुरुआती चरण है, जिसे ठीक करना आसान है. दरअसल डॉक्टर कैंसर को सही तरह से समझ पाने के लिए उसे स्टेज (Staging cancer) या चरणों में बांट देते हैं. यह असल में इस बात का भी पता लगाने या इस बात पर निर्भर होता है कि कैंसर शरीर में कितना या किस स्तर तक फैल चुका है.
पोस्ट साझा करते हुए ताहिरा ने लिखा- 'यह तस्वीर कुछ लोगों को परेशान कर सकती है. सीधे स्तन में उच्च स्तर की कोशिकाओं वाला डीसीआईएस (डक्टल कार्सिनोमा इन सितु) होने की बात पता चली. यह शुरुआती चरण स्टेज 0 का कैंसर से पहले का स्टेज है. मैं एंजेलिना जोली की आधी भारतीय संस्करण बन गई हूं, क्योंकि एक ही ब्रेस्ट में कैंसर हुआ है.'
क्या है स्टेज जीरो ब्रेस्ट कैंसर (What is stage zero breast cancer?)
स्टेज जीरो या जीरो स्टेज ब्रेस्ट कैंसर को कार्सिनोमा इन सितु (carcinoma in situ) भी कहा जाता है. जो ब्रेस्ट कैंसर की बहुत ही शुरुआती स्टेज होती है. जीरो स्टेज में कैंसर से प्रभावित कोशिकाएं स्तन ऊतकों के आस पास रहती हैं और दूध बनाने वाली नलिकाओं तक नहीं पहुंचती हैं. अक्सर इस अवस्था में लोगों को इसके लक्षणों के बारे में पता नहीं होता है जिसकी वजह से वे इसकी जांच नहीं करवाते और ब्रेस्ट कैंसर बढ़ता जाता है. अगर ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती अवस्था यानी स्टेज जीरो में ही चल जाए तो इसका इलाज करना आसान हो जाता है. स्टेज जीरो में पकड़ में आने पर 10 में से 9 महिलाएं 5 साल ज्यादा जी लेती हैं.
स्टेज जीरो कैंसर के कारण (Stage 0 Breast cancer risk factors):
पारिवारिक इतिहास
उम्र
मोटापा
उच्च स्तन घनत्व
बच्चे न होना
कम शारीरिक श्रम
ज्यादा एल्कोहोल पीना
स्तन में बदलाव
मसिक धर्म से जुड़ी समस्याएं
गर्भनिरोधक गोलियां
स्टेज जीरो स्तन कैंसर से जुड़े कुछ तथ्य (Some facts about stage zero breast cancer)
स्टेज जीरो स्तन कैंसर काफी छोटा होता है. इसे समझ या पकड़ पाना भी मुश्किल होता है.
स्टेज जीरो स्तन कैंसर असल में कैंसर का प्रकार नहीं है. दरअसल यह एक तरह की ग्रेडिंग है कि मरीज कैंसर से कितना दूर है.
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज दर्दनाक, महंगा और तनाव भरा हो सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि स्तन कैंसर का पता चलते ही इसे ट्रीट कराया जाए.
स्टेज जीरो स्तन कैंसर को भी हल्के में नहीं लेना चाहिए. लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि इससे बहुत ज्यादा ड़रा जाए. यह इलाज के बाद ठीक हो जाता है.
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