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IVF: गर्भधारण के लिए बेस्ट होते हैं साल के ये कुछ खास महीने...

विटामिन डी के पर्याप्त स्तर से संपन्न जो महिलाएं आईवीएफ उपचार कराती हैं, उनमें उच्च क्वालिटी के भ्रूण निर्मित होने की संभावना अधिक रहती है...

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अगर आप इस फैमिली प्लानिंग के बारे में सोच रहे हैं और कई कोशिशों के बावजूद सफलता हाथ नहीं लग रही है तो यह जानकारी आपके लिए काम कही हो सकती है. यहां आपको इस बात की जानकारी मिलेगी कि अपनी प्लानिंग में आप किस तरह सफलता पा सकती हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने शरीर को पहचानें, महिला होने के चलते हर महीने होने वाले बदलावों के बारे में आपको पूरी जानकारी हो. आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि सूर्य की किरणों की खुराक विटामिन डी का सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक स्रोत है जिस कारण सफल आईवीएफ की संभावना भी बढ़ जाती है.

हाल ही के एक शोध में यह बात सामने आई कि विटामिन डी शिशु के विकास में भी एक बड़ा सहायक स्रोत माना जाता है. इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ.सागरिका अग्रवाल का कहना है, "हमें गर्भधारण के दौरान और शिशु के विकास में सहयोग करने वाले विटामिन डी की जानकारी तो लंबे समय से है, लेकिन अब आईवीएफ के इलाज में इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. शोध बताता है कि गर्मियों के दौरान महिलाओं में आईवीएफ के इलाज से गर्भधारण की संभावनाएं दोगुनी बढ़ जाती हैं." 


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गर्मियों का मौसम है अहम
उन्होंने कहा, "नींद के तौर-तरीकों के लिए मेलाटोनिन हार्मोन जिम्मेदार होता है जिस कारण गर्मियों में महिलाओं के मां बनने की संभावना अधिक हो जाती है. मेलाटोनिन न सिर्फ सोने और टहलने के तौर-तरीके निर्धारित करता है, बल्कि महिलाओं की फर्टिलिटी को भी बढ़ाता है. यह हार्मोन गर्मी के मौसम में महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए सीधे तौर पर प्रजनन टिश्यू को सक्रिय बनाता है. इसका यह भी मतलब होता है कि गर्मियों में पनपने वाले भ्रूण को पहली सर्दी का सामना करने से पहले छह से आठ महीने का वक्त मिल जाएगा."

यह रहता है सफलता का अनुपात
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को अधिक गोनाडोट्रोफिन हार्मोन की जरूरत पड़ती है जिसका इस्तेमाल सर्दियों के दौरान अंडाणु निर्माण के लिए ओवरी को उत्प्रेरित करने के लिए किया जाता है. लेकिन गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में प्राकृतिक रोशनी कम होने के कारण आईवीएफ ट्रीटमेंट के सिर्फ 18 फीसदी मामले ही सफल हो पाते हैं. 


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साबित होता है सुनहरा मौका 
गाजियाबाद स्थित स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. पूजा सिंह का कहना है कि आम तौर पर गर्मियों को टैनिंग, छुट्टियों और लंबे समय तक धूप की मौजूदगी के लिए जाना जाता है. लेकिन इनफर्निलिटी की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए जून, जुलाई और अगस्त के महीने कुछ खास होते हैं. इस दौरान उन्हें इन व्रिटो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) साइकिल दोहराने का एक और सुनहरा अवसर मिल जाता है. 


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बच्चा होगा स्वस्थ
डा. पूजा सिंह के अनुसार विटामिन डी के पर्याप्त स्तर से संपन्न जो महिलाएं आईवीएफ उपचार कराती हैं, उनमें उच्च क्वालिटी के भ्रूण निर्मित होने की संभावना अधिक रहती है और उनके गर्भधारण की संभावना भी दोगुनी हो जाती है. अध्ययन से भी संकेत मिलता है कि विटामिन डी का निम्न स्तर इनफर्टिलिटी का कारण बनते हैं. यह भी पाया गया है कि जो महिलाएं आईवीएफ साइकिल शुरू करने से पहले अधिक समय तक धूप में रहती हैं, उनमें जन्म दर और ट्रीटमेंट का स्तर भी सुधर जाता है जबकि अंडाणु अच्छी तरह परिपक्व हो जाता है.

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