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इस अलसी के तेल में आप कर सकते हैं कुकिंग, यहां पढ़ें अलसी के तेल के फायदे

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भुनी अलसी के फायदे तो आपने खूब सुने होंगे. असल में अलसी के चमत्कार और अंकुरित अलसी के फायदे जानकर लोग अक्सर पूछते हैं कि अलसी को कैसे खाएं. असल में अलसी हर किसी के लिए फायदेमंद बताई जाती है. महिलाओं के लिए अलसी के फायदे विशेष रूप से गिनाए जाते हैं. लेकिन अलसी खाने का समय समझ कर और अलसी के बीज खाने का तरीका जान कर ही इसका उपयोग करना चाहिए. अलसी खाने का तरीका क्या होगा इस सवाल पर अक्सर लोग भ्रमित रहते हैं. बाजार में अलसी का तेल भी मिलता है. औषधि के तौर पर प्रयोग में आने वाले अलसी के तेल का अब सेवन भी किया जा सकता है. चमत्कारी गुणों से भरपूर यह तेल हृदय और मस्तिष्क से जुड़े रोगों के लिए अमृत जैसा काम करता है. कई वर्षो के जटिल शोध के बाद देश के प्रतिष्ठित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने अलसी के तेल को खाने लायक बनाया है. कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों की इस खोज को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

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अलसी के बीज के फायदे होते हैं याददाश्त बढ़ाने के लिए

What are the benefits of flaxseed oil: सेहतमंद रहने और याददाश्त बढ़ाने के लिए अलसी के बीज का सेवन करने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं, मगर अलसी का तेल खाने के तमाम तेलों से कहीं ज्यादा गुणकारी है, यह बात शायद बहुत कम लोगों को पता होगा. स्वास्थ्यवर्धक खाद्य तेल के रूप में जैतून के तेल के गुणों से तुलना करें तो उसमें भी अलसी किसी मायने में कम नहीं है.

फायदेमंद होता है अलसी का तेल भी (Benefits of Flaxseed Oil) 

देश के वैज्ञानिकों ने अलसी के तेल के इसी गुण को पहचानकर एक ऐसी प्रजाति विकसित की है, जिसका उपयोग खाने का तेल के रूप में बड़े पैमाने पर किया जा सकता है. अलसी की नई प्रजाति 'टीएल-99' देश के अग्रणी शोध संस्थान भाभा परमाण अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने विकसित की है और इसके गुणों का परीक्षण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के विशेषज्ञों ने किया है.

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आईसीएआर के कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि अलसी के तेल में लिनोलेनिक एसिड ज्यादा (35 फीसदी से अधिक) होने कारण यह खुले में ऑक्सीकृत हो जाता है, जिससे इस तेल को ज्यादा दिनों तक रखना मुश्किल हो जाता है, यही कारण है कि खाने के तेल के रूप इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो पाया. अलसी के तेल का उपयोग अब तक व्यापक पैमाने पर उद्योगों में होता रहा है, लेकिन अब खाद्य तेल के रूप में भी जल्द ही इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होगा, क्योंकि अलसी की इस नई प्रजाति में लिनोलेनिक एसिड की मात्रा पांच फीसदी से भी कम है. इस कारण इसके तेल को ज्यादा दिनों तक रखा जा सकता है और खाद्य तेल के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

जैतून के तेल की ही तरफ फायदेमंद है अलसी का तेल (Olive Oil and Flaxseed Oil) 

कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अलसी की नई प्रजाति टीएल-99 पर शोध व परीक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कृषि वैज्ञानिक प्रभाकर कुमार सिंह ने बताया, "अलसी के तेल में वे गुण हैं जो जैतून के तेल में हैं, इसलिए सेहत की दृष्टि से यह तेल फायदेमंद है. इसमें कोई दो राय नहीं कि खाद्य तेल की केटेगरी में यह आने वाले दिनों में बेहतरीन तेल साबित होने वाला है. इस तेल में बने पकवान दिल के मरीज भी खा सकेंगे, क्योंकि इसमें संतृप्त वसा अम्ल और असंतृप्त वसा अम्ल बिल्कुल नहीं है, इसलिए दिल के मरीज को इससे कोई खतरा नहीं होगा."

पद्मश्री से सम्मानित हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर के.के. अग्रवाल ने भी कहा कि अलसी का तेल खाने से दिल के मरीज को कोई नुकसान नहीं है. उन्होंने कहा कि अलसी का तेल अगर खाने में इस्तेमाल होता है तो यह दिल के मरीजों के लिए गुणकारी साबित हो सकता है.

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अलसी के बीज के फायदे (Benefits of Flaxseed)

- आईसीएआर के एक अन्य कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि परंपरागत अलसी से बने तेल में लिनोलेनिक एसिड 35-67 फीसदी होता है, जिससे इसमें ऑक्सीकरण की प्रक्रिया होने पर यह तेल ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाता था, इसलिए खाने के तेल के रूप में इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता था, मगर अलसी की इस नई जीनोटाइप प्रजाति टीएल-99 में लिनोलेनिक एसिड की मात्रा पांच फीसदी से भी कम है, इसलिए इसका इस्तेमाल अब खाने के तेल के रूप में किया जा सकता है.

- अलसी में ओमेगा-3 वसा अम्ल, मैग्नीशियम और विटामिन-बी पाया जाता है, इसीलिए डॉक्टर याददाश्त बढ़ाने के लिए इसका सेवन करने की सलाह देते हैं.

- देश में पिछले फसल वर्ष में अलसी का उत्पादन 1.59 लाख टन था, जबकि आगामी रबी सीजन में सरकार ने इसका उत्पादन बढ़ाकर 2.03 लाख टन करने का लक्ष्य रखा है.

- कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि आने वाले वर्षो में टीएल-99 प्रजाति का उत्पादन शुरू होने के बाद देश में खाने के तेल के तौर पर अलसी के तेल का उपयोग बढ़ेगा तो किसान इसकी खेती में और ज्यादा दिलचस्पी लेंगे, जिससे इसका उत्पादन भी बढ़ेगा. (इनपुट-आईएएनएस)

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