डायबिटीज में 75 फीसदी लोगों की आंखों को होता है खतरा, देखभाल के टिप्स...
डायबिटीज के कारण डायबेटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई) हो सकता है, जो रेटिना का तेजी से फैलने वाला रोग है, जिससे दृष्टिहीनता भी हो सकती है.
भारत में डायबिटीज मेलिटस काफी व्यापक है और इसके रोगियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है. डायबिटीज यानी मधुमेह के कारण डायबेटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई) हो सकता है, जो रेटिना का तेजी से फैलने वाला रोग है, जिससे दृष्टिहीनता भी हो सकती है. मधुमेह से पीड़ित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में दृष्टिहीन होने का जोखिम 25 फीसदी से ज्यादा होता है. यह तथ्य एक शोध में सामने आया है.
Diabetes: ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है धनिया, जानें धनिए के फायदे
क्या होता है डीआर यानी डायबेटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
डायबेटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई) में रेटिना में तरल संचित हो जाता है. ऐसा रिसती रक्त वाहिकाओं के कारण होता है. यदि किसी व्यक्ति में डायबेटिक रेटिनोपैथी (डीआर) पाई जाती है तो उसे डीएमई हो सकता है. डीएमई डीआर का सबसे आम रूप है.
Home Remedies: डायबिटीज में फायदेमंद हैं ये 5 चीजें, ब्लड शुगर कंट्रोल करने के कारगर नुस्खे
क्या होते हैं डीआर या डायबेटिक रेटिनोपैथी के लक्षण -
मधुमेह से पीड़ित प्रत्येक रोगी को डीआर होने का जोखिम रहता है. डीएमई के लक्षणों में -
- धुंधला या अस्पष्ट दिखना,
- सीधी लाइनों का लहरदार दिखना,
- कॉन्ट्रैस्ट कम होना या रंग समझने की क्षमता जाना,
- एक दूरी से देखने में कठिनाई,
- दृष्टि के केंद्र में छोटा, बढ़ता हुआ धब्बा शामिल है.
कितनी संभावना होती है डायबेटिक रेटिनोपैथी की
दिल्ली आई केयर में ऑफ्थेल्मोलॉजिस्ट एवं आई सर्जन डॉ. शशांक राय गुप्ता ने बताया, "मेरे क्लीनिक में आखों की जांच के लिए आने वाले 75 प्रतिशत मधुमेह रोगियों में डायबेटिक रेटिनोपैथी की कोई न कोई अवस्था पाई जाती है. मधुमेह और डायबेटिक मैक्युलर एडीमा (डीएमई) के बढ़ते मामलों को देखते हुए हमें प्रारंभिक अवस्था में रोगियों की पहचान करने के लिये मजबूत ²ष्टिकोण की जरूरत है.
डायबिटीज को दूर भगा देंगी ये 4 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां
डायबिटीज के मरीज बरतें क्या सावधानी-
- मधुमेह रोगियों को अपनी आंखों के प्रति सजग रहना चाहिए और नियमित अंतराल पर आंखों की जांच करवानी चाहिए, ताकि नेत्र रोग का पता चल सके, खासकर रेटिना के रोग.
- दिल्ली आई केयर में आई सर्जन डॉ. शशांक राय गुप्ता ने कहा, "मधुमेह के रोगियों को अपने आंखों के स्वास्थ्य से बेहद सतर्क रहना चाहिए. विशेष रूप से रेटिना के उन लोगों को अक्सर उनकी दृष्टि जांचनी चाहिए.
- मधुमेह मैकुलर एडीमा (डीएमई) का बोझ बढ़ रहा है और हमें शुरुआती चरण में रोगियों की पहचान करने के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है."
Diabetes Management: फायदेमंद है पपीता, जानें कैसे करता है ब्लड शुगर को कंट्रोल
डायबिटीज की रोकथाम के उपाय -
- मधुमेह से पीड़ित रोगियों को प्रत्येक 6 माह में ऑफ्थेल्मोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए और तय अपॉइंटमेंट से चूकना नहीं चाहिए.
-रोगियों को डीएमई के लक्षणों के प्रति सचेत रहना चाहिए, जैसे धुंधला या अस्पष्ट दिखाई देना, सीधी लाइनें लहरदार दिखाई देना, रंगों के प्रति असंवेदनशीलता, केंद्रीय दृष्टि में धब्बे, आदि और दृष्टि में परिवर्तन होने पर तुरंत विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए.
और खबरों के लिए क्लिक करें.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
DoctorNDTV is the one stop site for all your health needs providing the most credible health information, health news and tips with expert advice on healthy living, diet plans, informative videos etc. You can get the most relevant and accurate info you need about health problems like diabetes, cancer, pregnancy, HIV and AIDS, weight loss and many other lifestyle diseases. We have a panel of over 350 experts who help us develop content by giving their valuable inputs and bringing to us the latest in the world of healthcare.