Home »  टीबी  »  महिलाओं-पुरुषों में बांझपन या Infertility का कारण हो सकती है यह बीमारी, भारत में है बहुत ही आम

महिलाओं-पुरुषों में बांझपन या Infertility का कारण हो सकती है यह बीमारी, भारत में है बहुत ही आम

माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium tuberculosis), जिसके कारण टीबी (TB) होती है

Advertisement
टीबी (TB) को दुनिया भर में बीमारी से होने वाली मौतों के 10 प्रमुख कारणों (The top 10 causes of death in India) में से एक माना जाता है.

तपेदिक, क्षय रोग या टीबी ( TB or Tuberculosis ) के नाम से जाने जानी वाली बीमारी ट्यूबरकुल बेसिलाइ (टीबी) को दुनिया भर में बीमारी से होने वाली मौतों के 10 प्रमुख कारणों (The top 10 causes of death in India) में से एक माना जाता है. यह घातक बीमारी लोगों के शरीरों के दूसरे भागों में फैलकर उन्हें संक्रमित कर सकती है, जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों में बांझपन (Infertility in Hindi) का खतरा हो सकता है. 

भारत में हर चौथी महिला को है यह रोग, फिर भी हैं अनजान...

टीबी का क्या होता है प्रभाव (Side effects of TB in Hindi)
इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल कि आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. निताशा गुप्ता ने इस घातक बीमारी के बारे में कहा, "माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (Mycobacterium tuberculosis), जिसके कारण टीबी (TB) होती है, हर साल 20 लाख से ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है. यह बीमारी प्रमुख रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है लेकिन अगर इसका समय रहते उपचार न कराया जाए तो यह रक्त के द्वारा शरीर में फैलकर उन्हें संक्रमित करती है."

कहां कहां पहुंचाता है नुकसान (What organs are affected by tuberculosis)
यह संक्रमण किडनी, पेल्विक, डिम्ब वाही नलियों या फैलोपियन ट्यूब्स, गर्भाशय और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है. टीबी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है क्यों कि जब बैक्टीरियम प्रजनन मार्ग में पहुंच जाते हैं, तब जेनाइटल टीबी या पेल्विक टीबी हो जाती है जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में बांझपन का कारण (Reason of Infertility) बन सकता है.

Periods में हुआ बदलाव, 30 से कम उम्र में महिलाओं को हो रहा मीनोपॉज

गर्भाशय संक्रमण (TB effect on uterus)
विशेषज्ञ डॉ. निताशा गुप्ता ने कहा, "महिलाओं में टीबी के कारण जब गर्भाशय का संक्रमण हो जाता है तब गर्भाशय की सबसे अंदरूनी परत पतली हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप गर्भ या भ्रूण के ठीक तरीके से विकसित होने में बाधा आती है. जबकि पुरुषों में इसके कारण एजुस्पर्मिक हो जाता है, जिससे शुक्राणु वीर्य में नहीं पहुंच पाते और पुरुष 'एजुस्पर्मिक' हो जाते हैं." 

टीबी के बाद गर्भधारण (Pregnancy after TB)
आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. निताशा गुप्ता का कहना है कि टीबी से पीड़ित हर दस महिलाओं में से दो गर्भधारण (Pregnancy) नहीं कर पाती हैं, जननांगों की टीबी के 40.80 प्रतिशत मामले महिलाओं में देखे जाते हैं. 

देर से प्रेग्‍नेंट होने वाली महिलाओं की बेटियां नहीं बन पाती हैं मां: रिसर्च


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2017 में टीबी पर एक रिपोर्ट जारी थी, जिसके मुताबिक 2016 में टीबी से प्रभावित सूची में भारत 27.9 लाख मरीजों के साथ नंबर एक स्थान पर था और इसी वर्ष टीबी से करीब 4.23 लाख मरीजों की मौत हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में सबसे ज्यादा टीबी के मामले भारत, इंडोनेशिया, चीन, फिलीपींस और पाकिस्तान में दर्ज किए गए थे.

TB के लक्षण क्या हैं (What is tuberculosis: Symptoms)
इसके लक्षणों की पहचान कैसे करें, इस पर डॉ. निताशा गुप्ता ने कहा, "टीबी के कारण महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर रहे कुछ लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल है इसमें अनियमित मासिक चक्र, यौन सबंधों के पश्चात दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन कई मामलों में यह लक्षण संक्रमण के काफी बढ़ जाने के बाद में दिखाई देते हैं. पुरुषों में शुक्राणुओं की गतिशीलता कम हो जाना और पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा पर्याप्त मात्रा में हार्मोनो का निर्माण न करना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं." 

क्या है खतना, इससे जुड़ी मान्यताएं और पूरा सच, यहां जानें

क्या इसका इलाज संभव है? (What is tuberculosis treatment)
इसके जवाब में डॉ. निताशा गुप्ता ने कहा, "जी हां, अब इस समस्या का उपचार संभव है. टीबी की पहचान के बाद एंटी टीबी दवाईयों से तुरंत उपचार प्रारंभ कर देना चाहिए. एंटीबॉयोटिक्स का जो छह से आठ महीनों का कोर्स है वह ठीक तरह से पूरा करना चाहिए. अंत में संतानोत्पत्ति के लिए इन-व्रिटो फर्टिलाइजेशन या इंट्रासाइटोप्लाोज्मिक स्पार्म इंजेक्शन की सहायता भी ली जाती है. लेकिन ऐसी महिलाओं को मां बनने के बाद एक नई चिंता सताने लगती है कि क्या स्तनपान कराने से उनका बच्चा संक्रमण की चपेट में तो नहीं आ जाएगा. ऐसी माताओं को चाहिए कि जब वे अपने बच्चों को स्तनपान कराएं तो चेहरे पर मास्क लगा लें." 

 

Photo Credit: iStock

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में 2014 में इस बीमारी से 15 लाख लोगों की मौत हुई थी. दुनिया में जानलेवा बीमारियों में एचआईवी के साथ इस रोग का भी नंबर आता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक तदेपिक रिपोर्ट 2015 के मुताबिक, 2014 में टीबी के 96 लाख मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 58 फीसदी मामले दक्षिण-पूर्वी एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र से थे.

पुरुषों में बांझपन का खतरा बढ़ा देती है ये बीमारी...

टीबी से बचाव के उपाय (TB Prevention) 
डॉ. निताशा ने कहा, "टीबी की चपेट में आने से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों से दूर रहें, जहां आप नियमित रूप से संक्रमित लोगों के संपर्क में आ सकते हैं. अपनी सेहत का ख्याल रखें और नियमित रूप से अपनी शारीरिक जांचे कराते रहें. अगर संभव हो तो इस स्थिति से बचने के लिए टीका लगवा लें." 

भारत की 2025 तक टीबी मुक्त होने की महात्वाकांक्षी योजना है लेकिन इस रिपोर्ट में भारत की स्थिति चिंताजनक है. फिलहाल भारत में टीबी के प्रति 1,00,000 पर 211 मामले दर्ज किए जाते हैं. (इनुपट आईएएनएस)

DoctorNDTV is the one stop site for all your health needs providing the most credible health information, health news and tips with expert advice on healthy living, diet plans, informative videos etc. You can get the most relevant and accurate info you need about health problems like diabetes, cancer, pregnancy, HIV and AIDS, weight loss and many other lifestyle diseases. We have a panel of over 350 experts who help us develop content by giving their valuable inputs and bringing to us the latest in the world of healthcare.

Advertisement