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जानें क्यों होता है माइग्रेन और हो सकता है कितना खरतनाक...

रक्त कोशिकाओं के फैलने एवं उनके नाड़ी तंतुओं से स्त्रावित रसायन, जो इन रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं. माइग्रेन में सिर के आधे भाग में दर्द होता है. इसलिए माइग्रेन को अधकपाड़ी भी कहते हैं.

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माइग्रेन सामान्य तौर पर होने वाला एक विशिष्ट प्रकार का सिरदर्द है. माइग्रेन ग्रस्त लोगों को नियमित तौर पर सिरदर्द के दौरे पड़ते हैं. अक्सर यह दर्द कान व आंख के पीछे अथवा कनपटी में होता है. वैसे यह दर्द सिर के किसी भी भाग में हो सकता है. इससे कुछ लोगों के देखने की क्षमता भी कम हो जाती है. सर गंगाराम अस्पताल के न्यूरो एंड स्पाइन विभाग के निदेशक, डॉ. सतनाम सिंह छाबड़ा का मानना है, "माइग्रेन ने लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को अपना शिकार बना रखा है. हमारे देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो इससे ग्रसित न हो. फिर भी माइग्रेन को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं और न ही इसका उचित उपचार कराते हैं. पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को यह समस्या ज्यादा होती है और बहुत कम ही महिलाएं इसका उपचार कराती हैं. वे इसे एक सामान्य बीमारी समझकर दर्दनाशक दवाएं खा लेती हैं और बिना उचित इलाज के जीती रहती हैं. वे इसे तब तक अनदेखा करती हैं. जब तक यह किसी गंभीर बीमारी का रूप नहीं ले लेता है." 

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उन्होंने कहा, "यह एक आनुवांशिक बीमारी है, जो खानपान, वातावरण में बदलाव, बढ़ते तनाव या कभी-कभी बहुत अधिक सोने से भी हो सकता है. इसकी शुरुआत बचपन, किशोरावस्था या वयस्क होने पर कभी भी हो सकती है. कभी-कभी उल्टी, जी मिचलाना आदि की शिकायत भी हो सकती है. अगर उपचार न हो तो यह दर्द 4-5 घंटों तक रह सकता है."

 

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छाबड़ा के अनुसार, बायोफीडबैक, योग, एक्यूप्रेशर और नियमित व्यायाम आदि से माइग्रेन के दौरे को घटाने में मदद मिलती है. माइग्रेन से बचने के लिए सिरदर्द उत्पन्न करने वाले कारणों से बचना चाहिए, जैसे ऊंची आवाज में गाने सुनना, तनावग्रस्त रहना आदि. साथ ही दर्दनिवारक दवाओं का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. संतुलित दिनचर्या का पालन करना चाहिए. समय पर सोना व जगना चाहिए. नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए. बहुत ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहना चाहिए. बहुत तेज व चुभने वाली रोशनी से बचना चाहिए. 

छाबड़ा ने कहा कि इस दर्द का असली कारण है- वासोडिवलेटेशन यानी रक्त कोशिकाओं के फैलने एवं उनके नाड़ी तंतुओं से स्त्रावित रसायन, जो इन रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं. माइग्रेन में सिर के आधे भाग में दर्द होता है. इसलिए माइग्रेन को अधकपाड़ी भी कहते हैं.

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