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Common Monsoon Diseases: मानसून में इन बीमारियों का होता है खतरा ज्यादा, ऐसे करें खुद का बचाव

7 Most Common Monsoon Diseases: देश में कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह खत्म होता दिख नहीं रहा है. हां बारिश के चलते कई और संक्रमित बीमारियों की दस्तक जरूर होने लगी है. मॉनसून के आगमन के साथ ही गर्मी से राहत जरूर मिलती है लेकिन मौसम में नमी के कारण कीटाणु जल्दी पनपते हैं.

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Common Monsoon Diseases: ये बैक्टीरिया व कीटाणु पानी और फूड को दूषित करते हैं.

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7 Most Common Monsoon Diseases:  देश में कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह खत्म होता दिख नहीं रहा है. हां बारिश के चलते कई और संक्रमित बीमारियों की दस्तक जरूर होने लगी है. मॉनसून के आगमन के साथ ही गर्मी से राहत जरूर मिलती है लेकिन मौसम में नमी के कारण कीटाणु जल्दी पनपते हैं. ये बैक्टीरिया व कीटाणु पानी और फूड को दूषित करते हैं. जिससे मानसून में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. वायरल फीवर, डायरिया, डेंगू, मलेरिया, स्किन समस्याएं और चिकनगुनिया, जैसी बीमारियां बारिश के मौसम में ज्यादा होती हैं. तो चलिए जानते हैं, क्या है बरसात में होने वाली बीमारियों के लक्षण और कैसे करें इनसे खुद का बचाव.

मानसून में होने वाली बीमारियांः

1. मलेरियाः

मलेरिया मानसून में होने वाली आम बीमारी है, इस बीमारी से बचने के लिए साफ सफाई और सावधानी जरूरी है. बारिश में जगह जगह हुए जलभराव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से ये बीमारी होती है. मादा एनाफिलीज मच्छर से मलेरिया फैलता है. अपने आसपास पानी जमा न होने देने से आप इस बीमारी से बच सकते हैं.

2. सर्दी ज़ुकामः

बारिश में और बदलते मौसम में सबसे ज्यादा असर हमारे शरीर पर होता है. मानसून में सर्दी ज़ुकाम की समस्या बहुत आम है. बारिश में सर्दी ज़ुकाम के साथ वायरल फीवर भी हो सकता है. बदन दर्द, सिर दर्द, नाक बहना, गले में खराश और बुखार आना है इसके मुख्य लक्षण है. इससे बचाव के लिए प्रॉपर न्यूट्रिशन लें और ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं जो शरीर के टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं. 

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बारिश में और बदलते मौसम में सबसे ज्यादा असर हमारे शरीर पर होता है. Photo Credit: iStock

3. डेंगूः

डेंगू का बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है. लेकिन डेंगू को फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. मॉनसून में डेंगू की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर पर होता है. जोड़ों में तेज दर्द होना भी डेंगू का एक लक्षण है. इस बीमारी से बचाव के लिए मच्छरों से रात में ही नहीं बल्कि दिन में भी बचना होगा, क्योंकि डेंगू का मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहता है. डेंगू से बचने के लिए न केवल अपने घर बल्कि आसपास भी पानी जमा न होने दे. कूलरों में भरे पानी को भी खाली कर लें. और पूरी बांह के कपड़े पहनें ताकि शरीर ढका रहे और डेंगू का मच्छर काट न सके. 

4. डायरियाः

बारिश के मौसम में डायरिया एक आम समस्या है. दूषित जल और गंदगी में जीवाणुओं के संक्रमण के चलते ये बीमारी होती है .इसमें पेट में मरोड़ और उल्टी दस्त लगना मुख्य है. इस बीमारी से बचाव के लिए खाने की चीजों को ढक कर रखें, पानी उबालकर और छानकर पिएं और हाथ धोए बिना कुछ भी ना खाएं. डायरिया होने की स्थिति में ध्यान रखें कि शरीर में नमक और पानी की कमी न होने पाए. ओआरएस का घोल लेते रहें ताकि बॉडी को डिहाइड्रेट से बचा सके. 

5. हैजाः

विब्रियो कोलेरा नाम के जीवाणु की वजह से ये बीमारी बारिश में फैलती है. दूषित भोजन और पेय पदार्थों की वजह से ये बीमारी होती है. पेट में ऐंठन और उल्टी दस्त इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं, जिससे शरीर में पानी और मिनरल्स की कमी हो जाती है. पानी की कमी के चलते मरीज़ कमजोर हो जाता है. इस बीमारी से बचने के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

6. चिकनगुनियाः

चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज़ के शरीर के साथ खासतौर पर उसके जोड़ों पर भी होता है. चिकनगुनिया के बुखार में मरीज के जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है. इस बीमारी से बचने के लिए जलभराव न होने दे, अपने आस-पास साफ सफाई रखें ताकि मच्छर पनपने न पाए और बीमारी को जन्म ना दे सकें. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो नेट, मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

7. स्किन डिसीजः

बारिश में कई बार गीले कपड़े पहन लेने से स्किन में फंगल इंफेक्शन हो जाता है. इससे बचने के लिए कपड़ों को हमेशा धूप में अच्छी तरह सुखाने के बाद ही पहनें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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