World Breastfeeding Week: बच्चों के लिए क्यों ज़रूरी है मां का दूध? जानें 8 फायदे
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग डे 1 अगस्त से शुरू हो चुका है और ये 7 अगस्त तक चलेगा. यह सप्ताह ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है, जिससे कि हर किसी को ये पता लग सके कि ये मांं और बच्चे के लिए कितना ज्यादा जरूरी है.
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग डे 1 अगस्त से शुरू हो चुका है और ये 7 अगस्त तक चलेगा. यह सप्ताह ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए है, जिससे कि हर किसी को ये पता लग सके कि ये मा और बच्चे के लिए कितना ज्यादा जरूरी है. ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे के बीच के खास रिश्ते को विकसित करने में भी मदद करता है. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स और अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक नवजात शिशुओं को विशेष रूप से 6 महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराना चाहिए. इसके बाद, सब्जियों, फलों, अनाज और प्रोटीन जैसे खाद्य पदार्थों के साथ एक और साल तक ब्रेस्टफीडिंग की सलाह दी जाती है. ब्रेस्टमिल्क बच्चों के लिए जरूरी पोषण प्रदान करता है. इसमें बच्चे के लिए विटामिन, प्रोटीन और वसा का सही मिश्रण होता है. ये सभी वो पोषक तत्व हैं जो आपके बच्चे को विकास और उसके स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी हैं.
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World Breastfeeding Week: बच्चे के लिए माँ का दूध क्यों जरूरी है?
1. डॉ. विष्णुवर्धन रेड्डी कहते हैं, आपके नवजात शिशु के लिए ब्रेस्टमिल्क की सलाह इसलिए दी जाती है क्योंकि यह बच्चे को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है. प्री मेच्योर बेबीज़ के मामले में भी ये बेहद फायदेमंद हो सकता है.
2. ब्रेस्टफीडिंग के फायदों में बीमारियों की रोकथाम भी शामिल है. ब्रेस्ट मिल्क एंटीबॉडी की जरूरत को पूरा करता है. ये बच्चे को वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है.
3. पहले छह महीने तक बच्चों को स्तनपान कराना और उसके बाद एक साल तक ब्रेस्टफीडिंग कराने से बच्चे को अस्थमा या एलर्जी होने का खतरा कम हो जाता है.
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4. वेबएमडी के अनुसार, जिन बच्चों को पहले छह महीने तक बिना किसी रुकावट के स्तनपान कराया जाता है, उनमें सांस संबंधी बीमारी, दस्त और संक्रमण का खतरा कम होता है. ये भी कहा जाता है कि ये ऐसे सुरक्षाकवच के जैसा है जिससे कि बच्चों को बीमारियों से बचाया जा सके.
5. रिसर्चों में कहा गया है कि स्तनपान करने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल भी अच्छा होता है.
6. स्तनपान मां-बच्चे के बीच प्यारा-सा रिश्ता बनाने में मदद करता है. शारीरिक निकटता, स्पर्श और आंखों से संपर्क में ये मदद करता है, ताकि बच्चे को मां के साथ जोड़ा जा सके. इसकी वजह से वो मां के साथ सुरक्षित महसूस करता है.
7. ब्रेस्टफीडिंग बच्चों को अधिक वजन या कम वजन के बजाय सही मात्रा में वजन बढ़ाने में मदद करता है.
8. ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चों को मोटापा और शुगर का खतरा भी कम होता है. हालांकि ये बाद में उनके द्वारा अपनाई जाने वाली लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है.
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स्तनपान से मां को होते हैं ये लाभ
1. हां ये सही है कि माँ के लिए भी स्तनपान के कई फायदे हैं. सबसे पहले यह आपकी कैलोरीज बर्न करने में मदद करता है. साथ ही मां के प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़े वज़न को कम करने में मदद करता है. हालांकि ये ही सिर्फ काफी नहीं है, एक्सरसाइज और संतुलित भोजन के बिना प्रेग्नेंसी के दौरान गेन किया गया वेट कम नहीं किया जा सकता.
2. स्तनपान करने से हार्मोन ऑक्सीटोसिन रिलीज होते हैं, जिससे गर्भाशय को उसके पूर्व के आकार में वापस लाने में मदद करते हैं. जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग से गर्भाशय से होने वाली ब्लीडिंग भी कम हो जाती है.
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कहा जाता है कि अगर आप पूरे छह महीने तक ब्रेस्टफीडिंग कराने में सक्षम नहीं हैं, तो आप जितना हो सके उतने वक्त के लिए ब्रेस्टफीडिंग जरूर कराएं. यह आपको और आपके बच्चे को हर तरीके से फायदा पहुंचाएगा.
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग सप्ताह की शुभकामनाएं.
(डॉ. विष्णुवर्धन रेड्डी, एमबीबीएस, डीएनबी, नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स, अपोलो क्रेडल, हैदराबाद)
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